जून 12, 2013

किशोर को मारी गोली


सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट: बीती रात आम बगान में अज्ञात अपराधियों ने एक किशोर को उस वक्त गोली मार दी जब वह आम गिरने की आवाज सुनकर आम उठाने के लिए गया था।दो गोली किशोर के पाँव में मारी गोली है जिसे गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।एक तरफ जहां जख्मी के परिजन इस घटना के कारण को लेकर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है वहीँ अभीतक सहरसा की सुस्त पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर जख्मी का बयान लेना या फिर स्थिति का जायजा लेना भी मुनासिब नहीं समझा है।
देखिये सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में बेड पर पड़ा यह सत्रह वर्षीय किशोर इंटर का छात्र जितेन्द्र कुमार है।सुपौल जिले के परसरमा गाँव का रहने वाला यह किशोर कुछ दिनों से अपने नाना के घर सोनवर्षा कचहरी थाना के भरौली गाँव में रह रहा था।बीती रात यह अपने मामा के साथ अपने नाना के सिमरी बख्तियारपुर थाना के सिटानाबाद स्थित आम बगान पर था।रात में इसने आम गिरने की आवाज सुनी और टार्च की रौशनी में आम चुनने लगा।इसी दौरान पहले से जमा कुछ अज्ञात अपराधियों में से किसी ने इसपर गोली चला दी।अपराधियों ने दो गोली चलाई जो इस किशोर के पाँव में लगी है।बीती रात ही इसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इसके पाँव से गोली निकाल दी गयी है लेकिन इसकी स्थिति अभी गंभीर बनी हुयी है।जख्मी के परिजन सुशील सिंह और जीतू कुमार सिंह दोनों जख्मी के मामा घटना के कारण को लेकर कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।इनकी मानें तो इनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है।इस गोलीबारी की घटना में अब सबसे अहम् बात यह है की सूचना के बाद भी सहरसा पुलिस ने ना तो इस बच्चे का बयान लिया है और ना ही मौके पर पहुंचकर किसी तरह की तफ्तीश ही शुरू की है।
इसे महज पुलिस की सुस्ती नहीं बल्कि उसका असल रवैया कहेंगे की अभीतक पुलिस ने इस मामले में किसी भी तरह की तफ्तीश शुरू नहीं की है।यहाँ की पुलिस के काम---काज का यही तौर--तरीका है।अस्पताल प्रशासन के द्वारा पुलिस को बीती रात में ही इस घटना की सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस के अधिकारी ने सुबह होने तक मौके पर पहुंचना गंवारा नहीं किया। जिस मामले में पुलिस की इतनी सुस्ती हो उसकी जांच आगे कैसी होगी और इसका फलाफल क्या निकलेगा इसका बेहतर तरीके से अनुमान लगाया जा सकता है।जहां तक हमारी समझ जाती है यह पुलिस रिकॉर्ड में अधिक से अधिक एक इजाफा करने मामला भर साबित होगा।

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