मई 31, 2013

दलाली पर उतरी खाकी

मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट: सहरसा में इनदिनों खाकी पूरी तरह से दलाली पर उतरी हुयी है। सात दिन पूर्व बिजली करेंट लगाकर एक महिला को जान से मारने मामले में पुलिस ने जहां थाने में मामला दर्ज नहीं किया है वहीँ पीड़ित महिला और उसके परिजनों को पुलिस तरह--तरह का प्रलोभन देने और डराने--धमकाने में जुटी हुयी है।जाहिर तौर पर इस मामले की तटस्थ पड़ताल की जगह पुलिस बीच का रास्ता निकालने में ज्यादा रूचि इसलिए दिखा रही है की इस बहाने उन्हें मोटी रकम मिलने की बेइन्तहा उम्मीद है।इधर पीड़ित महिला सदर अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रही है और साफ़-साफ़ कह रही है की वह शब्जी बेचकर गुजर करने वाली मामूली महिला है।उसे उसके बगल के ही एक दुकानदार ने बिजली का करेंट लगाकर मारने की कोशिश की है।इस घटना में उसके दो बच्चों को भी करेंट लगे थे लेकिन वे दोनों ठीक हैं।उसकी हालत काफी नाजुक है और उसे नहीं लगता की वह बच पाएगी।मामला अति गंभीर है इसमें पुलिस को त्वरित गति से मामले की सघन जांच कर सच को उकेरना चाहिए था लेकिन पुलिस तो आखिर पुलिस है साहेब।उसकी जो मर्जी होगी वह वही करने के लिए तयशुदा है।सहरसा पुलिस की दादागिरी और काली करतूत को बेनकाब करती घटना और उसकी साबूत तस्वीर लेकर आज सहरसा टाईम्स आपके सामने हाजिर हो रहा है।
सदर अस्पताल के महिला वार्ड में जिन्दगी और मौत से जूझ रही यह बबिता देवी है।सदर थाना के मुख्य द्वार के समीप यह शब्जी की दुकान चलाकर अपने परिवार की गाड़ी खींच रही थी।इसका शरीर बिजली करेंट की वजह से बेजान पड़ा है।शरीर के कई हिस्से काम नहीं कर रहे हैं।कुछ दिन पूर्व कुछ कारणों को लेकर इसका विवाद बगल के एक दुकानदार उमेश प्रसाद भगत से हुआ था।पीड़िता बबिता देवी कह रही है की उसी विवाद की वजह से उसके पड़ोसी दुकानदार ने सोच--समझकर उसकी जान लेने की नियात से उसे बिजली का करेंट लगा दिया।सात दिन पहले वह बिजली करेंट की चपेट में आई थी।इस करेंट की चपेट में उसके दो बच्चे भी आये थे लेकिन उन्हें मामूली जख्म थे और वे अभी ठीक हैं।उसे बिजली करेंट काफी जबरदस्त लगा जिस वजह से वह अधमरी है।पीडिता की माँ जईनी देवी बता रही है की एक तो उसकी बेटी की जान लेने की कोशिश हुयी अब पुलिस वाले आकर उनको और उनके दामाद को डराते हैं की केश मत करो।ग्यारह हजार रूपये आरोपी से लेकर मेल कर लो।उन्हें पुलिस वाले तरह--तरह की धमकी दे रहे हैं।समझ में नहीं आता की वे क्या करें। 
सहरसा टाईम्स की दखल के बाद सहरसा के मुख्यालय डी.एस.पी सह प्रभारी पुलिस अधीक्षक कैलाश प्रसाद ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सबसे पहले सदर थाना में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।अधिकारी ने सहरसा टाईम्स से कहा की वे खुद इस मामले को देखेंगे और इस मामले में उचित कारवाई होकर रहेगी।अगर इस मामले में किसी पुलिस अधिकारी अथवा कर्मी दोषी पाए गए तो उनपर भी कारवाई होगी।
सहरसा पुलिस को किसी भी तरह की आंधी--तूफ़ान और बड़े--बड़े आदेश---निर्देश की परवाह नहीं है।यहाँ की पुलिस हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर काम करने की ना  केवल आदी है बल्कि वे वहीँ करेंगे जो उनकी मर्जी है।यहाँ दफा के लिए बोली लगती है और दफा बिकते हैं।यहाँ की खाकी इन्साफ के लिए नहीं बल्कि दलाली के लिए मशहूर है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।