मई 09, 2013

बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को बनाया बंधक

सहरसा टाईम्स: आज सहरसा के बिजली विभाग में ना केवल जमकर हंगामा हुआ बल्कि विभाग के अधिकारी और कर्मियों को घंटों बंधक बनाकर भी रखा गया।बीते दो महीने से बिजली नहीं रहने से परेशान जिले के रकिया और पुरीख पंचायत के सैंकड़ों लोगों ने बिजली विभाग में ना केवल हंगामा किया बल्कि विभाग के अधिकारी और कर्मियों को घंटों बंधक बनाकर भी रखा।इस अफरातफरी के दौरान विभाग के सभी काम--काज ठप्प हो गए। दिन के साढ़े दस बजे से ही बिजली विभाग में हंगामा शुरू हुआ जो अनवरत घंटों चलता रहा। इस हल्ला बोल में जिले के महिषी विधान सभा के राजद विधायक अब्दुल गफूर भी ना केवल शामिल थे बल्कि अधिकारी की जमकर क्लास भी लगा रहे थे। आक्रोशित ग्रामीण बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के कक्ष के बाहर बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। बीते दो महीने से बिजली नहीं रहने की वजह से हलकान जिले के रकिया और पुरीख पंचायत के सैंकड़ों लोग यहाँ पर बबाल काटे। एक तो इस इलाके में दो किलोमीटर बिजली के तार काट लिए गये हैं दूजा ट्रान्सफार्मर भी जले हुए हैं।इस भीषण गर्मी में लोगों के जान पर बनी है।तमाम कोशिशों के बाद भी जब दो महीने तक बिजली सप्लाई शुरू नहीं हुयी तो थक---हारकर इन्हें आज ये कदम उठाना पड़ा।इनलोगों ने विभाग के तमाम अधिकारी से लेकर विभागीय मंत्री और राज्य मुख्यालय तक से बिजली चालू कराने का आग्रह किया लेकिन नतीजा सिफर निकला।लोगों का कहना है की सब से थेथ्थर विभाग बिजली विभाग है। इस विभाग के अधिकारी और कर्मी ही तार की चोरी करवाते हैं।बिना आन्दोलन के ये लोग कुछ भी नहीं सुनते हैं।इनलोगों को स्लाई रिंच से कसना होगा।आज ही देखिये जब इनको बंधक बनाया गया है तो वे लोगों की परेशानी को सुन और समझ रहे हैं।
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता बेशर्मी भरे लहजे में कह रहे हैं की स्टीमेट बन गया है और तार की आपूर्ति की जा रही है।--------   सुनील कुमार,कार्यपालक अभियंता,बिजली विभाग,सहरसा।
सहरसा में बिजली विभाग के काम--काज का तरीका विगत कई वर्षों से ना केवल बिगडैल बल्कि पूरी तरह से लापरवाही भरा और अलमस्त है।इस विभाग के अफसर से लेकर मुलाजिम तक को जनता के हित से कोई सरोकार नहीं है।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।