अप्रैल 14, 2013

चार शातिर अपराधी गिरफ्तार

  मुकेश कुमार सिंह: बेखौफ अपराधियों के द्वारा लगातार बड़ी से बड़ी घटनाओं के अंजाम देने से हलकान और खासी परेशान सहरसा पुलिस ने थोड़ी राहत और सुकून की सांस ली है। सहरसा पुलिस ने सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र से चार शातिर अपराधियों को एक कारबाईन,एक पिस्तौल,10 गोली,चार मोबाइल,पांच सिमकार्ड के साथ गिरफ्तार किया है।ये सभी अपराधी सिमरी बख्तियारपुर के एक बड़े व्यवसायी से लूट करने के लिए एक जगह जमा हुए थे।गिरफ्तार अपराधियों में शातिर लुटेरा और लम्बे समय से पुलिस लिए सरदर्द बना मोहम्मद फिरोज और पुर्णिया रिमांड होम से फरार नागमणि और संतोष दो अपराधी हैं जबकि एक और शातिर अपराधी भरत यादव है जो जेल में बंद खूंखार अपराधियों के इशारे पर बाहर के अपराधियों को इकट्ठा करके अपराध करवाता था शामिल है।

  १. भरत यादव :
 खगड़िया के रहने वाले भरत यादव सहरसा जेल में बंद खूंखार अपराधी कौशल यादव के लिए काम करता है। भरत बाहर के क्रिमिनल को बुलाकर एक जगह जमा करता है और फिर विभिन्य तरह के बड़े अपराध की घटना को अंजाम देता है।

 2 .  मोहम्मद फिरोज:
यह सहरसा जिले के बरियाही का रहने वाला है।
हर तरह की लूट की घटना को अंजाम देना इसका मूल पेशा है।

 ३. नागमणि सिंह:
छपरा का रहने वाला लूट की कई घटना का यह छपरा में आरोपी है।
यह पुर्णिया रिमांड होम से फरार हुआ अपराधी है।
४. संतोष :
नन्हें अपराध सरगना संतोष यह पुर्णिया जिले के बनमनखी का रहने वाला है।इसकी उम्र महज सोलह साल है।ह्त्या के एक मामले का यह मुख्य आरोपी है और पुर्णिया रिमांड होम बंद था।लेकिन नागमणि के साथ यह भी दो महीने पहले फरार हो गया और फिर एक से बढ़कर एक संगीन अपराध को अंजाम देने लगा।
सहरसा पुलिस अधीक्षक अजीत सत्यार्थी :  इस कामयाबी को लेकर सारी जानकारी देते हुए कहते हैं की इन अपराधियों के गिरफ्त में आने से अंतर जिला अपराधिक गिरोह के अपराध में शामिल होने का तो खुलासा हुआ ही है,एक और खास बात का खुलासा हुआ है की सहरसा जेल से अपराध की घटनाओं को घटित करवाने की पृष्ठभूमि तैयार की जाती है।
पुलिस को एक बड़ी कामयाबी जरुर मिली है लेकिन इस कामयाबी को नजीर मानकर उसे और बेहतर परिणाम देने के लिए आगे कोशिश जारी रखनी होगी।ऐसा ना हो की एक बड़ी कामयाबी के बाद आदतन उनकी पुरानी सुस्ती फिर से उनपर हावी होकर उन्हें छीछालेदार करे।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।