
१. भरत यादव :
खगड़िया के रहने वाले भरत यादव सहरसा जेल में बंद
खूंखार अपराधी कौशल यादव के लिए काम करता है। भरत बाहर के क्रिमिनल को
बुलाकर एक जगह जमा करता है और फिर विभिन्य तरह के बड़े अपराध की घटना को
अंजाम देता है।
यह सहरसा जिले के बरियाही का रहने वाला
है।
हर तरह की लूट की घटना को अंजाम देना इसका मूल पेशा है।
हर तरह की लूट की घटना को अंजाम देना इसका मूल पेशा है।
३. नागमणि सिंह:
छपरा का रहने वाला लूट की कई घटना का यह छपरा में
आरोपी है।
यह पुर्णिया रिमांड होम से फरार हुआ अपराधी है।
यह पुर्णिया रिमांड होम से फरार हुआ अपराधी है।
४. संतोष :
नन्हें अपराध
सरगना संतोष यह पुर्णिया जिले के बनमनखी का रहने वाला है।इसकी
उम्र महज सोलह साल है।ह्त्या के एक मामले का यह मुख्य आरोपी है और पुर्णिया
रिमांड होम बंद था।लेकिन नागमणि के साथ यह भी दो महीने पहले फरार हो गया
और फिर एक से बढ़कर एक संगीन अपराध को अंजाम देने लगा।

पुलिस
को एक बड़ी कामयाबी जरुर मिली है लेकिन इस कामयाबी को नजीर मानकर उसे और
बेहतर परिणाम देने के लिए आगे कोशिश जारी रखनी होगी।ऐसा ना हो की एक बड़ी
कामयाबी के बाद आदतन उनकी पुरानी सुस्ती फिर से उनपर हावी होकर उन्हें
छीछालेदार करे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
THANKS FOR YOURS COMMENTS.