अप्रैल 09, 2013

सहरसा टाईम्स की पहल से महादलितों को मिला रास्ता

बीते एक महीन से अपने ही घरों में कैद 25 से ज्यादा महादलित परिवार को घर से निकलने का मिला रास्ता
वार्ता करते डी.एम सतीश चन्द्र झा
सहरसा टाईम्स: सहरसा टाईम्स की पहल ने एक बार फिर बेहतर परिणाम दिया है। सहरसा टाईम्स ने यह जाहिर कर दिया है की वह ना केवल खबरें लिखता---दिखाता है बल्कि हक़ की लड़ाई में वह पीड़ितों के साथ तबतक खडा रहता है जबतक उनको पूरा का पूरा इन्साफ ना मिल जाए।दबंगों के द्वारा रास्ता बंद कर दिए जाने के बाद बीते एक महीन से अपने ही घरों में कैद 25 से ज्यादा महादलित परिवार कोसहरसा टाईम्स की पहल से आज उन्हें घर से निकलने का रास्ता मिल गया। सहरसा के डी.एम सतीश चन्द्र झा ने सहरसा टाईम्स की मौजूदगी में पीड़ित के गाँव पहुंचकर दोनों पक्षों को बिठाकर मामले का सुखद पटाक्षेप किया।हांलांकि अभी तल्कालिक तौर पर आने--जाने के लिए चार फिट रास्ता निकाला गया है।आगे जमीन अधिग्रहण कर जिला प्रशासन स्थायी तौर पर सरकारी सड़क बनाएगा।
सहरसा टाईम्स की पहल और सहरसा डी.एम की गंभीर कारवाई ने त्राहिमाम करते महादलितों के लिए रास्ता खोल दिया है।इस सुखद पटाक्षेप के बाद एक बार फिर हम निकल पड़े हैं किसी दूसरी समस्या का समाधान तलाशने और किसी के हक़ की आवाज बुलंद करने के लिए।सहरसा टाईम्स का यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।