मार्च 17, 2013

ये शिकंजा ठगी का है या फिर साजिश का


सहरसा टाईम्स : दि कोसी सेन्ट्रल को ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाईटी लिमिटेड में करोड़ों के हेराफेरी मामले में एम.डी जीतेन्द्र मिश्रा पर आनन--फानन में सदर थाना में काण्ड दर्ज करते हुए जेल भेजने में जो तेजी दिखाई गयी है उससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।सबसे पहले हम यह बताना चाहते हैं की इस हेराहेरी मामले में सदर थाना में एम.डी जितेन्द्र मिश्रा सहित सोसाईटी के अध्यक्ष जागो प्रसाद मंडल,बैंक के ऋण प्रबंधक अनुज कुमार सिंह और बैंक प्रबंधक अजय कुमार झा पर धारा 420 और 406 के तहत सदर थाना में मामला हुआ दर्ज है।एम.डी जीतेन्द्र मिश्रा तो जेल भेज दिए गए हैं लेकिन तीन आरोपी फिलवक्त फरार हैं।इस मामले में जिस तरह से कारवाई चली है उससे उहापोह की स्थिति बन गयी है।साफ़--साफ़ यह समझ पाना मुश्किल है की दि कोसी सेन्ट्रल को ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाईटी लिमिटेड पर ये शिकंजा ठगी का है या फिर साजिश का।एम.डी जीतेन्द्र मिश्रा सहित तीनों आरोपी इस पुरे मामले को ऋणधारकों की लामबंदी कर गढ़ी गयी साजिश का नतीजा बता रहे हैं।
हवालात में मुख्य आरोपी  जीतेन्द्र मिश्रा
हवालात में फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी एम.डी जीतेन्द्र मिश्रा एक बार ये फिर से इन्होनें सहरसा टाईम्स के सामने बहुत सारी बातें कही।इनका कहना है की सोसाईटी के ऋण धारकों ने साजिश करके उन्हें जेल भेजने की योजना बनायी और वे ताकतवर निकले और वे जेल जा रहे हैं।उनके जेल जाने से एक तरफ जहां ऋणधारकों से ऋण वसूली में दिक्कत होगी वहीँ खाताधारियों को उनके पैसे चुकाना भी मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होने स्थानीय भाजपा  विधायक आलोक रंजन जिन्होनें बीते बृहस्पतिवार को सदन में मामला उठाया था पर आरोप लगाते हुए कहा की वे राजनितिक द्वेष से इस साजिश में शामिल हैं। इन्होने सहकारिता मंत्री के बयान को उनकी विवशता बताते हुए जदयू के सचेतक श्रवण कुमार के द्वारा उनपर लगाए तमाम आरोपों को ना केवल निराधार बताया बल्कि इसको लेकर कहा की वे किसी भी न्यायालय में जाकर खुद को प्रस्तुत करने को तैयार हैं।अगर वे निर्दोष हैं तो भगवान उनकी मदद करेंगे।इन्होनें श्रवण कुमार को पहचानने तक से इनकार किया।बताना लाजिमी है की श्रवण कुमार ने जितेन्द्र मिश्रा पर आरोप लगाते हुए पटना में मीडिया के सामने कहा था की जितेन्द्र मिश्रा बहुत बड़े ठग हैं जिसके तार बिहार और झारखण्ड के कई जिलों तक फैले हुए हैं।यही नहीं इन्होनें मिश्रा पर कई थानों में मुकदमा दर्ज होने की भी बात कही थी।इन तमाम आरोपों को जितेन्द्र मिश्रा ने ना केवल खारिज किया बल्कि तमाम आरोप के लिए वे किसी भी तरह की जांच के लिए खुद को तैयार भी बताया।
सोसाईटी अध्यक्ष जागो प्रसाद मंडल
अब हम आपको करोड़ों के फर्जीवाड़े के दो अन्य आरोपियों से भी मिलवाते हैं।ये दोनों हैं सोसाईटी के अध्यक्ष जागो प्रसाद मंडल और बैंक के ऋण प्रबंधक अनुज कुमार सिंह।सोसाईटी के अध्यक्ष जागो प्रसाद मंडल कह रहे हैं की उनकी सोसाईटी 2004 से निबंधित है।उनके यहाँ कई कार्यक्रम आयोजित हुए जिसमें विधायक,नेता,डी.आई.जी और कमिश्नर तक ना केवल शामिल हुए बल्कि सोसाईटी के द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया।अगर उनकी सोसाईटी फर्जी थी तो उस समय उनपर ऊँगली क्यों नहीं उठाई गयी।जाहिर सी बात है की यह सब साजिश है।बैंक के ऋण प्रबंधक अनुज कुमार सिंह खुलकर बता रहे हैं की उनलोगों ने ऋण धारकों से ऋण वसूलने के लिए शख्ती बरतनी शुरू की और उनपर मुकदमा दायर करना शुरू किया। ऋणधारकों में कई पत्रकार और कई उनके रिश्तेदार,कई नेता और उनके रिश्तेदार के साथ--साथ समाज के रसूखदार शामिल हैं। ऋण देने से वे किसी तरह बच सकें इसके लिए इन्हीं लोगों ने साजिश करके सारा तमाशा किया है।
ऋण प्रबंधक अनुज कुमार सिंह
ऋण प्रबंधक अनुज कुमार सिंह के द्वारा कुल 33 ऋणधारकों पर सदर थाना में अभीतक मामला दर्ज हुआ है।कई लोग कतार में हैं जिनपर मुकदमा दर्ज होना अभी बांकी है।50 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा का यह मामला बना है।जाहिर सी बात है की मामला काफी बड़ा है।          हम इसे बड़ा से ज्यादा चौंकानेवाला मामला कहेंगे चूँकि इसके पर्दाफ़ाश करने वाले विरोधी दल के नेता--मुल्ला नहीं बल्कि सत्ताधारी जदयू और भाजपा दोनों दल के विधायक और मंत्री हैं। करोड़ों के फर्जीवाड़े का मामला है।इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और इस सोसाईटी के जितने लोग इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं सभी पर कड़ी कारवाई होनी चाहिए।लेकिन सहरसा टाईम्स एक बड़ा सवाल खडा कर रहा है जिसका जबाब सरकार को देना होगा।यह सोसाईटी 2004 से चल रहा था।जब यह सोसाईटी फर्जी था तो आखिर किस-किस के आशीर्वाद से यह बीते नौ वर्षों से फल--फुल रहा था,इसे भी जानना जरुरी है।अचानक इस सोसाईटी में कोई ठगी या बुराई नहीं आई होगी।इस मामले को हल्के में लेना अब कहीं से भी मुनासिब नहीं होगा।जनता को पूरा सच देखना है और सरकार की जिम्मेवारी है की वह पुरे सच को सामने लाये।

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