नशे में धुत्त एक सब इन्स्पेक्टर घंटों सड़क किनारे रहा लुढ़का
सहरसा टाईम्स: 
सुशासन में
पुलिस वाले जो मर्जी में आये वह करने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। देखिये
एक सब इन्स्पेक्टर को किस तरह वह शाम ढलने से पहले ही शराब के नशे में
धुत्त होकर अपने कर्तव्य की बलि चढ़ा रहा है।घंटों सड़क किनारे यह अंगूर की
बेटी की आगोश में लोट--पोट होते रहे। पुलिस के अन्य अधिकारियों को जब हमारी
मौजूदगी का अहसास हुआ तो वे अपने सहयोगी द्वारा इज्जत का कबाड़ा करने
वाले उस पुलिस अधिकारी को मौके से उठाकर गाड़ी पर लादा और वहाँ से चलते
बने।आप
यह् जानकार हैरान हो जायेंगे की यह सारा तमाशा सदर थाना के अति व्यस्ततम
कचहरी ढाला के निकट हुआ जहां से एस.पी ऑफिस महज 15 मीटर,डी.एम ऑफिस 50 मीटर
और कोसी रेंज के डी.आई.जी का कार्यालय महज 100 मीटर दूर था।जनाब का नाम
एम.प्रसाद राम है।हमने यह जानने की बहुत कोशिश की इस हाकिम के जिम्मे आखिर
कौन से थाना क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी है।लेकिन
दुर्भाग्य हमारा की हम यह पता करने में कामयाब नहीं हो सके।

सुशासन में
पुलिस वाले जो मर्जी में आये वह करने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। देखिये
एक सब इन्स्पेक्टर को किस तरह वह शाम ढलने से पहले ही शराब के नशे में
धुत्त होकर अपने कर्तव्य की बलि चढ़ा रहा है।घंटों सड़क किनारे यह अंगूर की
बेटी की आगोश में लोट--पोट होते रहे। पुलिस के अन्य अधिकारियों को जब हमारी
मौजूदगी का अहसास हुआ तो वे अपने सहयोगी द्वारा इज्जत का कबाड़ा करने
वाले उस पुलिस अधिकारी को मौके से उठाकर गाड़ी पर लादा और वहाँ से चलते
बने।आप
यह् जानकार हैरान हो जायेंगे की यह सारा तमाशा सदर थाना के अति व्यस्ततम
कचहरी ढाला के निकट हुआ जहां से एस.पी ऑफिस महज 15 मीटर,डी.एम ऑफिस 50 मीटर
और कोसी रेंज के डी.आई.जी का कार्यालय महज 100 मीटर दूर था।जनाब का नाम
एम.प्रसाद राम है।हमने यह जानने की बहुत कोशिश की इस हाकिम के जिम्मे आखिर
कौन से थाना क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी है।लेकिन
दुर्भाग्य हमारा की हम यह पता करने में कामयाब नहीं हो सके।
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