मुकेश कुमार सिंह
-- आपाधापी और अंधदौड़ में आज जहां पुरे देश में गणतंत्र दिवस और
सवतंत्रता दिवस को बस एक दिनी सरकारी कार्यक्रम के तौर पर मनाकर देश और
राज्य के कर्णधार अपनी--अपनी पीठ खुद से थपथपा लेते हैं वहीँ सहरसा जिले के
सिमरी बख्तियारपुर जैसे कस्बाई इलाके के मासूम नौनिहालों ने पूर्वांचल
युवा मंच के बैनर तले एतिहासिक सद्दभावना रैली निकालकर देश और समाज के
सामने एक नजीर पेश किया है।


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कार्यक्रम के संयोजक रितेश रंजन |
पूर्वांचल युवा मंच के
बैनर तले निकला बच्चों का पावन और बेशकीमती सन्देश देने वाला यह कारवां
निश्चित रूप से ना केवल एतिहासिक भर था बल्कि देश के हुक्मरानों से लेकर
जिम्मेदार लोगों के लिए नींद से जागने का पैगाम भी था।यह सद्दभावना रैली एक
सामाजिक संगठन के द्वारा आयोजित की गयी रैली थी जिसकी एक और खासियत यह थी
की इस रैली में एक तरफ जहां मजहब और जाति का कोई बंधन नहीं था वहीँ बच्चों
की महती सभा को संबोधित करने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं के साथ--साथ
राजद,कौंग्रेस और लोजपा सहित कई और दल के नेता भी मौजूद थे।इस मौके पर इस
कार्यक्रम के संयोजक रितेश रंजन और इस संगठन से जुड़े मीर रिजवान आदि खुलकर कार्यक्रम को लेकर बता रहे हैं।
सद्दभावना को लेकर ऐसी तस्वीर एक तो बहुत कम ही देखने को मिलती है और जब दिखती है तो रूह तक को हिला और जमीर को सिद्दत से झंकझोर जाती है।बच्चों की यह सद्दभावना साईकिल रैली निश्चित रूप से देश के सभी क्षेत्र के लोगों के लिए एक नजीर है।देश के इस महापर्व को हल्के में मना भर देना कहीं से भी जायज नहीं है।बच्चों ने इस रैली के माध्यम से समाज की आँख खोलने की पुरजोर कोशिश की है।
सद्दभावना को लेकर ऐसी तस्वीर एक तो बहुत कम ही देखने को मिलती है और जब दिखती है तो रूह तक को हिला और जमीर को सिद्दत से झंकझोर जाती है।बच्चों की यह सद्दभावना साईकिल रैली निश्चित रूप से देश के सभी क्षेत्र के लोगों के लिए एक नजीर है।देश के इस महापर्व को हल्के में मना भर देना कहीं से भी जायज नहीं है।बच्चों ने इस रैली के माध्यम से समाज की आँख खोलने की पुरजोर कोशिश की है।
simri bakhtiyarpur ka sabse etihasik and shandar programme raha ye.........
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