दिसंबर 17, 2012

बाप के लिए बेटा लोगों से मांग रहा आशिर्वाद

मुकेश कुमार सिंह
तत्कालीन गोपालगंज डी.एम जी.कृष्णैया ह्त्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन के बड़े बेटे चेतन आनंद इनदिनों कोसी की जनता से ना केवल आशिर्वाद मांग रहे हैं बल्कि लोगों के बीच जाकर अपने बाप को बेकसूर भी बता रहे हैं। चेतन आनंद जनता की अदालत में अपने बाप को न्याय दिलाने के लिए अर्जी लगा रहे हैं और जनता से लामबंद होकर उनके पिता के लिए आवाज बुलंद करने की अपील भी कर रहे हैं। सहरसा जिले के धवौली गाँव स्थित मध्य विद्यालय में एक आशीर्वाद सभा का आयोजन हुआ था जहां चेतन आनंद अपने पिता आनंद मोहन के समर्थकों के बीच पहुंचे जहां पहले तो उनका भव्य स्वागत हुआ फिर वे बड़े आहत लहजे में जनता की अदालत को सबसे बड़ी अदालत बताकर जनता को उसके बाप को न्याय दिलाने के लिए आगे आने की अपील की। जाहिर तौर पर इस सभा में आशीर्वाद की बारिश हो रही थी। चेतन ने आगामी 23 जनवरी को सहरसा में उसके पिता को न्याय दिलाने के लिए आहूत न्याय मार्च में आने का लोगों को न्योता भी दिया। जनता के बीच चेतन का इस तरह से आना यह जाहिर कर रहा है की एक युवराज का राजनीति में आने का यह सारा तामझाम है।
यहाँ की अपार भीड़ में क्या बच्चे और क्या जवान और क्या लडकियां।बूढ़े--बुजुर्ग भी चेतन को दिल से आशीर्वाद दे रहे थे।बूढी औरतें तो बड़े दुखी मन से कह रही हैं की उन्होनें लम्बे समय से आनंद मोहन को नहीं देखा है। मोहन सबके लिए खडा होता था। आज वह साजिश का शिकार होकर जेल में बंद है। वे सभी उनके बेटे चेतन को दिल से आशीर्वाद दे रही हैं की उसका बाप जरुर जेल से आजाद होगा। आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की ये सभी दलित और महादलित परिवार की गरीब महिलायें हैं जो आनंद मोहन के लिए दुआ कर रहे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने आनंद मोहन के आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। आनंद मोहन की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में इस सजा को लेकर पुनर्याचिका दायर की गयी है की वे बेकसूर हैं उन्हें इस सजा से मुक्त किया जाए। अब माननीय न्यायालय आगे जो फैसला सुनाये,इधर लोगों को लामबंद कर जनता की अदालत में बेटे ने बाप को न्याय दिलाने की एक मुहीम जरुर छेड़ दी है। आगे देखना दिलचस्प होगा की इन सारे तामझाम के कैसे नतीजे आते हैं। अभी तो हम इसे एक बेटे की तड़प और छटपटाहट के साथ--साथ राजनीति में एक युवराज के प्रवेश का एक पुख्ता संकेत भर मान रहे हैं।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।