नवंबर 23, 2012

पुलिस की बेशर्म हीला---हवाली

 मुकेश कुमार सिंह  पुलिस की बेशर्म हीला---हवाली और पुलिस की बेशर्मी की इंतहा देखनी हो तो आप सीधे सहरसा चले आईये।बीते 18 नवम्बर से लापता  इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्र दीपक का अभीतक कोई सुराग नहीं मिला है,यह उसी की बानगी है।यहाँ दो थाने के बीच क्षेत्र विवाद में पुलिसिया तफ्तीश पूरी तरह से शिथिल पड़ी हुयी है।इधर पीड़ित के परिजन छात्र के अपहरण किये जाने और उसकी जान को ख़तरा बता रहे हैं।बताना लाजिमी है की सहरसा  के मुरली वसंतपुर गाँव का रहने वाला 26 वर्षीय बी.आई.टी मेसरा,रांची के अंतिम वर्ष का छात्र दीपक कुमार बीते 18 नवम्बर को अपने गाँव से सहरसा रेलवे स्टेशन स्थित RMS में रजिस्ट्री करने आया था लेकिन उसके बाद से वह अभीतक अपने घर नहीं लौटा है।लापता छात्र के परिजनों ने सदर थाना में इस मामले की लिखित शिकायत की लेकिन सदर थानाध्यक्ष ने उन्हें रेलवे का मामला बता कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की और उन्हें राजकीय रेल थाना भेज दिया,जहां इस मामले में गुमशुदगी का एक सनहा दर्ज किया गया।सहरसा पुलिस की बदमिजाज और बिगडैल रवैये से हलकान--परेशान पीड़ित के परिजन आज सैंकड़ों की तायदाद में ग्रामीणों के साथ एस.पी आवास के सामने धरने पर बैठ गए जहां उन्होनें सदर थानाध्यक्ष पर उन्हें बरगलाने और जिम्मेवारी से भागने का उनपर आरोप लगाया।
धरने पर बैठे लोगों का कहना था की जबतक छात्र की सकुशल बरामदगी नहीं होगी,वे जान दे देंगे लेकिन वहाँ से नहीं उठेंगे।सैंकड़ों लोग सुबह दस बजे से शाम तक धरने पर बैठे थे।पूरा माजरा समझते हुए सहरसा टाइम्स  ने एक बार फिर मामले में सिद्दत से दखल दिया।जाहिर तौर पर एस.पी ने सहरसा टाइम्स  की पहल के बाद इस मामले को न केवल गंभीरता से लिया बल्कि उन्होनें सदर थानाध्यक्ष को सदर थाना में मामला दर्ज कर गंभीरता से इस मामले का अनुसंधान करने का आदेश भी दिया।एस.पी के हस्तक्षेप और मामला सदर थाना में दर्ज किये जाने के बाद तत्काल लोग धरने पर से उठ गए।सहरसा पुलिस की एक बार फिर काली करतूत सामने आई है जो उसके नापाक चालों को बेपर्दा कर रही है।
बेलगाम अपराध पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल सहरसा पुलिस अपनी बिगडैल और लापरवाह कार्यशैली की नयी इबारत लिखने में जुटी हुयी है।उसकी हीला--हवाली का खेल बदस्तूर जारी है।इस नापाक खेल में अगर इस छात्र की जान चली गयी तो इसकी जबाबदेही आखिर कौन लेगा।सोये तंत्र में अंधेरगर्दी मची है।सच मानिए,यह जिला अपराधियों और भगवान के रहमो--करम से चल रही है।

2 टिप्‍पणियां:


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।