अगस्त 18, 2012

नहीं हुआ ऑन लाईन जमीनी दस्तावेज

रिपोर्ट चन्दन सिंह सरकार एक तरफ जहां अपराधिक घटनाओं को कम करने के लिए भगीरथ प्रयास कर रही है वहीँ सहरसा जिला प्रशासन अपराधिक घटनाओं को अधिक से अधिक संख्यां में घटित होने का खुला निमंत्रण दे रहा है.बताना लाजिमी है की सहरसा में होने वाले अधिकांश अपराधों की जड़ में ज़मीन विवाद रहा है.ऐसे में ज़मीन से जुड़े कागजातों को जहां संजीदगी के साथ जिला प्रशासन को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर और मजबूत प्रयास करने चाहिए.वहाँ जिला प्रशासन ज़मीन से जुड़े तमाम कागजात और अभिलेखों को संभाल कर रखने में पूरी तरह से उदासीन और लापरवाह दिख रहा है.जिला समाहरणालय स्थित जिला अभिलेखागार में रखे ज़मीन के इन तमाम महत्वपूर्ण कागजात के ना केवल चिथड़े उड़ रहे हैं बल्कि दीमकों ने भी इसे पूरी तरह से अपने निशाने पर ले रखा है.आलम यह है की बहुतों महत्वपूर्ण दस्तावेज एक तरफ जहां अभीतक नष्ट हो चुके हैं वहीँ दूसरी तरफ जो बचे हैं वे लगातार नष्ट हो रहे हैं.ऐसे मैं ज़मीन के वाजिब मालिकों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गयी है.जाहिर तौर पर दस्तावेज के नहीं उपलब्ध रहने से ज़मीन मालिकों को जहां कोई कागजात नहीं मिल पा रहा है वहीँ ज़मीन किसी की और खतियान किसी और नाम का तो रशीद किसी और के नाम पर काटे जाने का गोरखधंधा खूब जोर--शोर से चल रहा है.हालत ऐसे हों तो समझा जा सकता है की ज़मीन का विवाद इस इलाके में कितना गंभीर होगा.आज ज़मीन विवाद में शहर से लेकर गाँव तक जमकर लाठियां भांजी जा रही है और बंदूकें खूब धुंआ उगल रही है.शायद जिला प्रशासन को खून के छींटों से ज़मीन का रंग मटमैला और कोसी के पानी का रंग लाल देखने का पूरा मंसूबा है.यहाँ यह भी बताते चलें की अगर बिहार के सभी जिलों के न्यायालय की बात करें तो 60 लाख से ज्यादा ज़मीन विवाद के मामले इन न्यायालयों में वर्षों से लंबित हैं.सरकार ने जमीनी दस्तावेजों को संभालकर रखने के लिए इन दस्तावेजों को ऑन लाईन करने की बात की लेकिन ढाई वर्ष गुजर जाने के बाद भी इन दस्तावेजों को ऑन लाईन नहीं किया जा सका.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।