जून 02, 2012

रौता खेम गाँव में घर के नीचे दबकर हुई दो मौत

इंसानी करतूत और तांडव से इतर कुदरत भी अब कहर बरपाने से बाज नहीं आ रहा है.बीती रात भीषण आंधी--तूफ़ान ने दो लोगों की इहलीला बस चुटकी में खत्म कर दी.सौर बाजार थाना के रौता खेम गाँव में बीती रात करीब दो बजे आई तेज आंधी और तूफ़ान में एक फूस का घर ना केवल धराशायी हो गया बल्कि घर के पाए और दीवार भी भड़--भड़ा कर गिर गए.बदकिस्मती देखिये उसके नीचे रिस्ते के देवर और भाभी भी दब गए.जबतक आस--पास के लोग आकर बचाव के लिए कुछ भी करते तब तक दोनों के प्राण पखेरू उड़ चुके थे.बड़ी मशक्कत से क्षतिग्रस्त घर के नीचे दबे इन दोनों को निकाला तो गया लेकिन जिन्दा नहीं बल्कि मुर्दा.आसमानी कहर ने देखते ही देखते एक परिवार की हंसती--खेलती दुनिया को उजाड़ कर रख दिया.
पुलिस के लिए यह कोई अपराधिक वारदात का नहीं था इसलिए उसने निश्चिंतता से लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया.यूँ सौर बाजार थाने में इस मौत के बाबत यूडी काण्ड दर्ज कर लिया गया है. असमय एक परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है.ऐसी मौत पर सरकार की तरफ से मुआवजे का प्रावधान है लेकिन इस मामले में पुलिस--प्रशासन की संजीदगी और गंभीरता फिलवक्त कहीं से भी नहीं झलक रही है.यूँ जाने वाले जा चुके हैं.आगे यह देखना जरुरी होगा की इस असमय की मौत पर सरकारी अमला कैसा रुख अपनाता है और सरकार तक इस मौत की खबर को किस तरह से पहुंचाता है.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।