मई 09, 2012

ह्त्या की गुत्थी

बीते परसों शाम में महिषी थाना के समारी भरना गाँव से अगवा हुए 60 वर्षीय राम स्वरुप शर्मा की गाँव के ही कुछ लोगों ने धारदार हथियार से काट--काट कर ना केवल ह्त्या कर दी बल्कि उसकी लाश को या तो कहीं ज़मीन में गाड़ दिया,या फिर कोसी नदी में बहा दिया.पुलिस गाँव सहित आसपास के तमाम मकई लगे खेतों से लेकर अन्य संभावित जगहों प़र लाश को तलाशने में जुटी है लेकिन लाश को अभीतक बरामद नहीं किया जा सका है.ह्त्या की बात अब प्रमाणित हो चुकी है चूँकि पुलिस ने राम स्वरूप शर्मा की चप्पल,उनके गले की माला को ना केवल बरामद कर लिया है बल्कि लाश की तलाशी के दौरान खेतों में कई जगह खून के बड़े धब्बे भी मिले हैं.एक तरफ जहां मृतक के घर में कोहराम मचा है वहीँ दूसरी तरफ लाश की बरामदगी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है.मृतक के परिजन के आवेदन पर पुलिस ने गाँव के सदा परिवार के चार लोगों को नामजद आरोपी बनाया है.फिलवक्त गाँव में काफी दहशत का माहौल है और आरोपी बनाए गए सदा (मुसहर)जाति के लोग गाँव छोड़कर फरार हो गए हैं.परिजनों की मानें तो इस घटना के पीछे नक्सलियों के हाथ हैं.पुलिस के अधिकारी खुलकर तो नहीं लेकिन इतना जरुर कह रहे हैं की नक्सलियों की इस इलाके में पैठ है और वे इलाके के कुछ ख़ास जातियों के बीच अच्छा प्रभाव रखते हैं. पुलिस के लिए पहले लाश को ढूँढना मील का पत्थर साबित हो रहा है.आगे इस मामले के कहीं माओवादियों के हाथ तो नहीं,यह पता करना भी उनके लिए अलग से बड़ी मुसीबत है.हांलांकि पुलिस के बड़े अधिकारी फिलवक्त अपना मुंह बन्द रखना ही हितकर समझ रहे हैं. गाँव से एक जाति के लोगों का पलायन हो चुका है.कुल मिलाकर इस मामले को आसानी से सुलझाना,पुलिस के लिए कहीं से भी आसान नहीं होगा.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।