अप्रैल 02, 2012

सामूहिक दुष्कर्म मामला

आरोपी बलात्कारी 
सामूहिक बलात्कार की शिकार 20 वर्षीय महादलित नवविवाहिता लाखो देवी चिकित्सीय जांच के लिए  जब सदर अस्पताल लायी गयी तो पूरे अस्पताल परिसर में पसरे लोगों को लगा की एकायक उन्हें लकवा मार गया.तीन हवस के भेड़ियों की जुल्म की शिकार हुई लाखो देवी का उस समय बलात्कार हुआ था जब वह अपने पति के साथ अपने गाँव तिरासी से बगल के गाँव टेकनमा गयी थी और पुनः वहाँ से वह अपने घर वापिस हो रही थी.टेकनमा पुल प़र पहले से घात लगाकर छः युवक बैठे थे.जैसे ही पति--पत्नी पुल से गुजरने लगे की तीन युवकों ने लाखो के पति को पिस्तौल की नोंक प़र पुल के एक किनारे ले गए जबकि तीनों आरोपी लाखो को लेकर पुल के दूसरे किनारे गए जहां बारी--बारी से उन्होने लाखो के साथ मुंह काला किया .घटना के बाद आरोपी और उसके साथ वहाँ से भाग निकले.पीड़िता और उसके पति ने मिलकर हल्ला करना शुरू किया.गाँव के लोग आनन--फानन में इकट्ठा हुए और पतरघट पुलिस को इस घटना की सूचना दे दी.मौक़ा ए वारदात प़र पुलिस फ़ौरन पहुंची.पीड़िता ने बलात्कारी चन्दन,अनिल कुमार और मोहम्मद खुर्शीद तीनों युवकों को पहचान लिया था.उसने इस बाबत पूरी जानकारी पुलिस को दी.पुलिस ने बिना समय गंवाए ग्रामीणों की मदद से गाँव की घेराबंदी करके तीनों आरोपियों को धर दबोचा.इस मामले में पुलिस की फौड़ी कारवाई काबिले तारीफ़ रही लेकिन कहते हैं की कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती है.हम आपको पुलिस की बेइंतहा लापरवाही का नजारा भी दिखा रहे हैं.पतरघट पुलिस ने पीड़िता और आरोपी को एक ही पुलिस जीप में बिठाकर घंटों अस्पताल,कोर्ट और अन्य जगहों का चक्कर लगाया.आप इस नज़ारे को देखकर खुद अनुमान लगाएं की पीड़िता अपनी अस्मत के लुटेरों को खुद अपने करीब पाकर क्या सोच रही होगी.पुलिस की इस कामयाबी से जिले में नवपदस्थापित पुलिस अधीक्षक फुले नहीं समा रहे हैं.इनकी माने तो इस मामले का चार्जसीट पुलिस दो दिनों के भीतर अदालत में ना केवल समर्पित करेगी बल्कि वे इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की भी कोशिश करेंगे.इस मामले के त्वरित पटाक्षेप से ऐसे घिनौने कृत्यों को अंजाम देने वाले ऐसी घटना को अंजाम देने से पहले आगे सौ बार सोचेंगे.
बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाले दरिंदों के खिलाफ दो दिनों के भीतर अदालत में फाईनल चार्ज सीट दाखिल करने का पुलिस का फैसला ना केवल नायाब है बल्कि अति स्वागत योग्य है.आगे स्पीडी ट्रायल कराकर आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की भी बात की जा रही है.ऐसे में सबकी निगाह पुलिस और अदालत प़र टिकी है की आगे क्या होगा.फिलवक्त पुलिस के इस फौड़ी रवैये प़र उसकी पीठ थप-थपायी जानी चाहिए.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।