अप्रैल 02, 2012

सहरसा का स्थापना दिवस

सहरसा जिले के 59 वें स्थापना दिवस प़र जिला मुख्यालाय में एक से बढ़कर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.सुबह में प्रभात फेरी निकाली गयी,हवाई पट्टी प़र पारा सेलिंग और युध्याभ्यास हुए.दोपहर बाद पटेल ग्राउंड प़र कबड्डी और खो--खो खेल का आयोजन हुआ.जिला समाहरणालय में जिलाधिकारी मिसबाह बारी ने दस बजे दिन में झंडोतोलन किया.लेकिन सबसे ख़ास कार्यक्रम शाम से लेकर देर रात स्टेडियम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ जिसमें भारी तायदाद में उमड़ी भीड़ ने जीभर के मनोरंजन किया.सांस्कृतिक कार्यक्रम का उदघाटन शाम पाँच बजे कोसी प्रमंडल के आयुक्त विमलानंद झा ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया.इस मौके प़र जिले के तमाम वरीय अधिकारियों के अलावे सहरसा और सिमरी बख्तियारपुर के विधायक,अन्य जनप्रतिनिधि सहित कई अन्य गण्यमान लोग भी उपस्थित थे.सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज स्थानीय कलाकारों ने छः बजे संध्या से किया जो साढ़े आठ बजे रात तक चला.उसके बाद मंच प्रसिद्ध लोक सह पार्श्व गायिका शारदा सिन्हा ने संभाला जो एक से बढ़कर एक गीत गाकर लोगों को झुमाती रहीं.साढ़े बारह बजे यह सांस्कृतिक कार्यक्रम समाप्त हुआ.जाहिर सी बात है की ऐसे कार्यक्रम लोगों में एक नयी ऊष्मा और उत्साह भरते हैं.स्थापना दिवस के मौके प़र एक बढ़िया कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसे लोग वषों अपने जेहन में जज्ब रखेंगे.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।