मार्च 17, 2012

मांस व्यवसायी की हत्या

मांस व्यवसायी मोहम्मद लुकमान की हत्या
बीते 15 मार्च की रात से लापता मांस व्यवसायी मोहम्मद लुकमान उर्फ़ कारी की अज्ञात अपराधियों ने कल शाम ना केवल गोली मारकर ह्त्या कर दी बल्कि ह्त्या के साक्ष्य को मिटाने की नीयत से लाश को बिसनपुर नदी में फेंक भी दिया.कल देर शाम लाश पतरघट पुल के नीचे से बरामद हुई.प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ अज्ञात अपराधियों ने मृतक व्यवसायी मोहम्मद लुकमान को उसकी मोटरसाईकिल सहित परसों रात में ही पहले अगवा कर लिया था फिर हत्या की इस घटना को अंजाम दिया.मृतक के परिजन जहां घटना के बाबत जानकारी दे रहे हैं वहीँ ह्त्या के पीछे के कारण को फिलवक्त बता पाने में वे असमर्थ हैं.परिजनों की मानें तो इस निर्मम ह्त्या मामले में एक तो पुलिस के अधिकारी घटना की सूचना के पाँच घंटे बाद घटनास्थल प़र पहुँचे और अब कारवाई के नाम प़र वे महज खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं.हांलांकि पतरघट पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए उसे सदर अस्पताल सहरसा भेज दिया है. पोस्टमार्टम कराने आये चौकीदार की मानें तो उन्हें कमान काटकर पोस्टमार्टम कराने भेज दिया गया.थाने के बड़े हाकिम अक्सर थाने में बैठे रहते हैं और लगभग सारे महत्वपूर्ण कार्यों को चौकीदार अंजाम देते हैं.बेबस चौकीदार हाकिमों के हुक्म बजाने के सिवा कुछ और करने की हैसियत ही नहीं रखते.
सहरसा में कानून का राज नहीं बल्कि अपराधियों की अघोषित हुकूमत चलती है.इस जिले में सुशासन की जगह गुंडाराज है.पुलिस अपराधी--गुंडों को पकड़ने की जगह उनके सामने घुटने टेकी दिख रही है.जाहिर तौर प़र इस जिले की पुलिस प़र अपराधी----गुंडे पूरी तरह से हावी हैं.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।