जनवरी 11, 2012

आत्महत्या से हत्या का रहस्य Suicide, Murder Mystery Saharsa

पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की कमान खुद संभाल ली
बीते दो जनवरी को सहरसा के रिहायशी मोहल्ला गौतम नगर में एक बन्द कमरे में एक स्कूली छात्र की लाश रस्सी में लटकती मिली.हांलांकि पुलिस के मौके प़र पहुँचने से पहले ही लाश को टेम्पो प़र लादकर वहाँ से मृतक के गाँव जिले के सत्तर कटैया प्रखंड अंतर्गत बिहरा गाँव पहुंचा दिया गया.बताना लाजिमी है की यह सब बंटी झा नाम के एक युवक की अकेली कोशिश की वजह से संभव हुआ.मृतक बालक दशवी कक्षा का छात्र था जो इस साल बोर्ड की परीक्षा देने वाला था.,मृतक की माँ जहां सिहौल स्कूल में शिक्षिका के पद प़र कार्यरत है वहीँ पिता CISF में हवलदार के पद प़र फरक्का में तैनात हैं.मृतक की माँ स्कूल गयी थी.जब वह शाम में घर लौटी तो उसने घर का ग्रिल भीतर से बन्द पाया.बेटे को बहुतो आवाज लगाई लेकिन जब कोई आवाज नहीं आई तो उसने खिड़की से झांकर देखा तो उसने अपने कलेजे के टुकड़े को बिस्तर से थोड़ा ऊपर गर्दन में रस्सी के फंदे में लटका झूलता हुआ पाया.वह चीखने--चिल्लाने लगी.आसपास के लोग जमा हुए और ताला तोड़कर घर के भीतर प्रवेश किया.शुभम की गर्दन पंखे में रस्सी के फंदे में फंसी थी और वह बिस्तर से थोड़ा ऊपर झूल रहा था.जाहिर सी बात है घटना बहुत बड़ी थी और इसकी फ़ौरन सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए थी लेकिन मुहल्ले का ही एक युवक बंटी झा ने आनन्--फानन में एक टेम्पो प़र लाश और बेसुध पड़ी मृतक की माँ को लादकर बिहरा लेकर चला गया और बिहरा के पंचायत भवन के समीप टेम्पो को छोड़कर कहीं फरार हो गया.
शुभम के परिजन

बिहरा में प्रभावशाली और पैसे वाले परिवार का बंटी लाश को यह कहकर तुरंत जलवाने की जुगात में था की शुभम ने आत्महत्या कर ली है.देरी होने पर मृतक का पूरा परिवार फंस जायगा.बिहरा मृतक का नानी गाँव है.घर प़र कोहराम मचा था.पहले तो इस मामले को आत्महत्या का मामला साबित कर इसे रफा--दफा करने की पुरजोर कोशिश हुई लेकिन मृतक के मामा ने इसका पुरजोर विरोध किया फरक्का से मृतक के पिता ने भी पुलिस को फोन कर दिया.पुलिस हरकत में आई और लाश को अपने कब्जे में ले लिया.तीन जनवरी को लाश का पोस्टमार्टम कराकर लाश को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.मीडिया में भी इस रहस्मय मौत को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई थी.पुलिस पूरे मामले को आत्महत्या करार देने प़र तुली हुई थी.विवश होकर खुद पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की ना केवल कमान थामी बल्कि घटनास्थल प़र जाकर छानबीन भी की.अब नतीजा सामने है की पुलिस अधीक्षक भी इस मामले को आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला बता रहे हैं.एक नामजद और तीन के खिलाफ सदर थाना में काण्ड दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान तेज कर दिया है.
पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की कमान खुद संभाल ली
 सहरसा के गौतमनगर में एक भाड़े के मकान में अपनी माँ के साथ रहकर पढाई करने वाला शुभम अब इस दुनिया में नहीं है.शुभम की मौत को पहले आत्महत्या का रंग देकर मामले को रफा--दफा करने की कोशिश की जा रही थी लेकिन अब जो सच सामने आ रहे हैं वे बेहद डरावने और चौंकाने वाले हैं.शुभम की माँ पहले बेहोशी की दशा में बेटा के आत्महत्या की बात कह रही थी लेकिन अब वह बिहरा के बंटी झा को हत्यारा बता रही है.मृतक के पिता भी शुभम का हत्यारा बंटी झा को ही बता रहे हैं.मृतक की माँ का कहना है की बंटी झा से उसकी अदावत थी.वह पहले भी उनके घर के लोगों को धमकी देता था और उसी ने कुछ लोगों की मदद से उसके बेटे की हत्या कर दी.शुभम काफी होनहार लड़का था.गौतमनगर के ट्यूशन ब्यूरो स्कूल का वह दशवीं कक्षा का छात्र था और इसी वर्ष बोर्ड का इम्तिहान देने वाला था.नारायणा कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिले के लिए छः लाख छात्र--छात्राओं ने परीक्षा दी थी जिसमें शुभम को 46 वाँ रेंक हासिल हुआ था.जाहिर तौर प़र वह मेधा का धनी था.
-बंटी की गिरफ्तारी के बाद शुभम की मौत प़र से तब पर्दा उठेगा जब पुलिस कडाई से उससे पूछताछ करेगी.वैसे घटना के पीछे जितने भी घिनौनें कारणों का खुलासा हो लेकिन शुभम अब वापिस होने वाला नहीं है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।