जनवरी 13, 2012

मौत प़र घंटों हुआ बबाल

पुलिस अधीक्षक ने इस मामले क्या कहा आप खुद सुन ले
सुबह करीब दस बजे तेज रफ़्तार से सहरसा से सुपौल की तरफ जा रही एक जीप ने बनगांव थाना क्षेत्र के बरियाही बाजार में एक मोटर साईकिल सवार को रौंद डाला और मौके से जीप लेकर फरार हो गया.पहले तो लोग जख्मी युवक को बरियाही स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले गए लेकिन वहाँ प़र चिकित्सक के नहीं होने से परेशानहाल लोगों ने थोड़े इन्तजार के बाद जख्मी को इलाज के लिए लेकर सदर अस्पताल आये.लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी.21 वर्षीय शेरू इस दुनिया को अलविदा कह परलोक सिधार चुका था.इस बात की जैसे ही बरियाही के लोगों को खबर लगी कोहराम मच गया.गुस्साए लोगों ने अपना आपा खोया और जबरदस्त तोड़फोड़ और आगजनी की.तीन घंटे तक बरियाही बाजार और बरियाही स्वास्थ्य केंद्र रणक्षेत्र बना रहा.काफी देरी से मौके प़र पूरे दल--बल के साथ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पहुँचे लेकिन तबतक सबकुछ एक तरह से शांत हो चुका था.
सहरसा को इनदिनों ना जाने किसी बुरी नजर लग गयी है.यह जिला बहुत शांत जिला रहा है.लेकिन बीते कुछ महीनों से इस जिले में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लोगों का गुस्सा काफी बुरी तरह से भड़का है.बताना लाजिमी है की बीते 29 दिसंबर 2011 को एक ग्यारहवीं के छात्र की ट्रक से कुचलकर हुई मौत प़र सहरसा जिला मुख्यालय में छात्रों ने ऐसा उत्पात मचाया था जिसकी याद भर से रूह थर्रा जाती है.उस घटना को शांत कराने में तीन जिले के पुलिस अधीक्षक,पाँच जिले के पुलिस जवान और दरभंगा रेंज के आईजी राकेश कुमार मिश्रा लगे हुए थे. उसके बाद एक जनवरी को एक मासूम फिर एक कार की चपेट में आकर मौत के घाट उतारा गया.जिसके बाद दो जनवरी को लोगों ने दिनभर सदर थाना क्षेत्र के पटुआहा गाँव के समीप NH--107 को जाम रखा.एक तो रफ़्तार प़र तुरंत लगाम और ट्रेफिक में सुधार करना आवश्यक है.उसके साथ--साथ लोगों में पुलिस-प्रशासन के प्रति भरोसा और विश्वास भी जगाना जरुरी है.कहीं ना कहीं लोगों की मानसिकता में कुछ और घर कर गया है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।