दिसंबर 12, 2011

हमें सिर्फ बंदरों से मुक्ति चाहिए

नितीश जी,हमें आप से कुछ नहीं चाहिए,हमलोग बंदरों के उत्पात से त्राहिमाम कर रहे हैं,हमें सिर्फ बंदरों से मुक्ति चाहिए ..ये आवाज है बिहार के सहरसा जिले के कहरा और सत्तर कटैया प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत के लोगों की. बानगी भर को हम सिर्फ कहरा प्रखंड के एक पंचायत चैनपुर और आसपास की तस्वीर दिखा रहे हैं.बंदरो के उत्पात से इस इलाके के किसानों की खेती पूरी तरह से ठप्प है..मुसीबत बने ये बन्दर भारी तायदाद में एक साथ हमला बोलकर फसलों को पैदा होने  से लेकर उपजने तक नष्ट कर देते हैं.जाहिर सी बात है की खून--पसीना एक कर फसल उगाने की चाह रखने वाले किसानों को दाने -दाने के लिए मोहताज होना पड़ता है ..इसलिए किसानो के लिए यह सुनहरा मौका है की सामने नितीश जी की सेवा यात्रा है जिसे किसान गवाना नहीं चाहते..........और इसी लिए वे एकजुट होकर आज नितीश के कट -आउट के सामने बैठ चुके है.हवन और अनुष्ठान किये जा रहे हैं.जाहिर सी बात है की इस माध्यम से वे अपनी आवाज और दर्द नीतीश कुमार तक पहुँचाना चाह रहे हैं.
.यूँ तो कहरा प्रखंड के चैनपुर,बनगांव पूर्वी और पश्चिमी,मुरली बसंतपुर पंचायत और सत्तर कटैया के पंचगछिया और बहरशेर पंचायत के दर्जनों गाँव बंदरों के आतंक से त्राहिमाम कर रहे हैं लेकिन बानगी भर को हम एक पंचायत चैनपुर और उसके आसपास के इलाके का नजारा दिखा रहे हैं जहाँ के लोग बंदरों से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री के बैनर तले हवन और जाप कर रहे हैं.अवसर है मुख्यमंत्री की सेवा यात्रा ..इस दौरान 12.,13,और 14 दिसम्बर को मुख्यमंत्री सहरसा में रहेंगे . इससे पूर्व इस इलाके के लोग जिला प्रशासन से लेकर मंत्री--नेताओं तक इस समस्या को लेकर कह -कह कर थक चुके हैं. समस्या  के निदान को लेकर अब मुख्यमंत्री की सेवा यात्रा इनके लिए सुनहरा अवसर है और ये सभी हवन और जाप के माध्यम से अपनी आवाज उन तक पहुचाना चाहते है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।