नवंबर 18, 2011

दो फूल एक माली

18-11-11 SAHARSA : ---
पहले से शादीशुदा एक व्यवसायी पति ने अपनी पहली बीमार पत्नी की इच्छा पर दूसरी शादी तो कर ली लेकिन यह शादी अब उसके गले की फांस बन गयी है.वाकया सहरसा सदर थाना क्षेत्र के कपड़ापट्टी के एक दवा व्यवसायी की है.दवा व्यवसायी राम कुमार गुप्ता ने अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी की जिद पर मधेपुरा जिले के डुमरिया की रहने वाली सपना से बाबा सिंहेश्वर मंदिर में इसी साल मार्च महीने में शादी तो रचा ली लेकिन आज सपना के माँ--बाप ने पुलिस की मदद से सपना को उसकी ससुराल से निकालकर सदर थाने लेकर चली आई जहां सपना ने चीख--चीख कर कहा की उसके पति उसे पत्नी बनाकर नहीं बल्कि एक नौकरानी की जरुरत पूरी करने के लिए लाये थे.पति उसे अक्सर ना केवल जानवर की तरह पीटते थे बल्कि तरह--तरह से प्रताड़ित भी करते थे.अब वह इस पति से मुक्ति चाहती है.इधर सपना के माँ--बाप जिन्होनें अपनी गरीबी की वजह से सपना के हाथ इसलिए पीले किये थे की उनकी लाडली महारानी की तरह गहनों में लदी राज करेगी लेकिन उनका अब मोहभंग हो चुका है और वे अपनी बेटी को अपने घर ले जाकर उसकी दूसरी शादी करने की बात कर रहे हैं.जहां तक व्यवसायी और उनकी पहली पत्नी का सवाल है तो वे खुद को किसी बड़ी साजिश का शिकार बता रहे हैं.पुलिस अधिकारी भी पेशोपेश में हैं और हर कदम फूंक--फूंक कर रखते हुए पूरी जांच कर कारवाई की बात कह रहे हैं.सदर थाने में हो रहा है हाई वोल्टेज ड्रामा.नवयुवती दूसरी पत्नी पति से मुक्ति चाहती है तो पति मांग रहा है इन्साफ.यहाँ एक फूल दो माली नहीं बल्कि दो फूल और एक माली का खेल चल रहा है.
दूसरी पत्नी सपना 

 यह नजारा है सदर थाना का.यहाँ पर हाई वोल्टेज फेमिली ड्रामा चला .मासूम सी और बला की खुबसूरत यह सपना है.इसी साल इसकी शादी इसके गरीब माँ--बाप ने उस व्यवसायी से कर दी जो पहले से ना केवल शादीशुदा था बल्कि दो बच्चों का बाप भी था.सपना के माँ--बाप ने मज़बूरी और लालच में यह सोचकर शादी की थी उनकी बेटी महारानी की तरह उस घर में राज करेगी.इसी साल 27 मार्च को मधेपुरा जिले के प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर में इस लड़की की शादी हुई थी.शादी के दो दिन बाद तक तो सबकुछ ठीक--ठाक रहा उसके बाद सपना के साथ मारपीट और प्रताड़ना का खेल शुरू हो गया.सपना बताती है उसे कभी भी पत्नी का दर्जा नहीं मिला.उसके पति उससे कहते थे की उसने एक नौकरानी की जरुरत पूरी करने के लिए उससे शादी की है.सपना को किसी से बात करने और मिलने--जुलने की भी इजाजत नहीं थी.सपना बताती है की उसके पति उससे कहते थे की उसका बाप होमगार्ड है और उसने तरस खाकर शादी की है.यहाँ वह खाये-पिए और रहे.उसका बाप तो उससे धंधा कराता.कमसे कम वह यहाँ घर में तो है.आखिर शादी उसने क्यों की को लेकर जब हमने उससे सवाल किये तो उसका कहना था की वह दशवीं कक्षा की छात्रा थी.उसके माँ--बाप ने गाँव से यह कहकर सिंहेश्वर स्थान लाया की स्कूल सम्बन्धी काम है और जब वह सिंहेश्वर मंदिर लायी गयी तो उससे कहा गया की उसकी शादी है.उसने अपने गरीब माँ--बाप की लाज--मान रखने के लिए शादी कर ली.लम्बे समय से प्रताड़ना का दंश झेल रही सपना ने अपनी विपदा किसी तरह से अपने मायके वालों को सुनाई और कल शाम उसके माँ--बाप सहरसा आये. पुलिस की मदद से सपना को उसकी ससुराल से निकाल कर सदर थाना लाया गया जहां की कहानी हम आपको दिखा रहे हैं.
पहली पत्नी संजू देवी 
 इधर व्यवसायी की पहली पत्नी का कहना है की उन्होनें ही जिद करके अपने पति की दूसरी शादी कराई थी.वह कैंसर से पीड़ित है.वह चाहती थी की उसके दो बच्चे और उसके पति सुखी रहें इसलिए उसी ने यह शादी कराई थी.अगर वह जानती की यह दिन देखना पड़ेगा तो वह कभी भी यह शादी नहीं करवाती.सहरसा के कपड़ापट्टी में राम कुमार का दवा का बड़ा कारोबार है.पैसे वालों में इनका शुमार है.इनका कहना है की इन्होनें कभी भी सपना के साथ मारपीट नहीं की बल्कि सपना काफी गुस्से वाली लड़की है और उसने खुद से अपने जिश्म पर जख्म के निशान करके उन्हें बर्बाद करने को आमदा है.पहले सपना ऐसी नहीं थी.ना जाने उसके माँ--बाप ने क्या पढ़ा दिया है की वह ऐसी हरकत करने पर उतारू हो गयी है.अपनी पत्नी की जिद पर उन्होने शादी की है.सपना जो और जैसा चाहेगी वे करने के लिए तैयार हैं.
पुलिस अधीक्षक का कहना है की इस मामले की सघन जांच होगी और जो पक्ष दोषी होगा उसपर कारवाई होगी.

दोनों पक्ष फिलवक्त थाने में हैं.कोई कुछ भी कह ले लेकिन इसमें कोई शक नहीं है की गरीबी की वजह से सपना का सौदा हुआ है और यह हाई वोल्टेज ड्रामा महज लेन--देन की वजह से हो रहा है.सपना ने शादी से पहले और डोली में बैठकर बहुतेरे सपने बुने होंगे लेकिन उसके सपनों को डायन सौतन गरीबी ने चाक करके रख दिया.अब सपना का क्या होगा.फिर से उसकी शादी जायज नहीं है और राम कुमार के साथ यह रहना नहीं चाहती है.फांस में सपना के सपने दम तोड़ रहे हैं तो दोजख में उसकी जिन्दगी पड़ी है.आखिर में इसका क्या समाधान निकलेगा,कहना मुश्किल है.इतना तो हम जरुर कहेंगे की सपना के सपने गरीबी में पहले से बिखड़े पड़े थे उसके माँ--बाप की गरीबी और लालच ने उसे और भी बिखेड़ कर रख दिया है.रब जाने,आगे उसका क्या होगा. सहरसा से चन्दन सिंह की रिपोर्ट

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