जून 29, 2011

जल-जमाव से फूटा गुस्सा

रिपोर्ट : 
              
  बारिश का मौसम इस इलाके में तरह--तरह की आफत लेकर आता है.सुबह से लगातार हो रही रही झमाझम बारिश की वजह से ना केवल शहर की मुख्य सड़कों पर भारी जल--जमाव हो गया है बल्कि लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है.लोग त्राहिमाम कर रहे हैं.आज स्थानीय गांधी पथ के व्यवसायियों और स्थानीय लोगों का गुस्सा एक साथ फुट पड़ा. खासकर टूटी सड़क पर जल-जमाव की वजह से आक्रोशित लोगों ने आज गांधी पथ मुख्य मार्ग को जाम कर यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया.लोगों का कहना था की जबतक प्रशासन के अधिकारी इस सड़क के निर्माण और जल-जमाव से मुक्ति का कोई लिखित आदेश नहीं देंगे तबतक जाम नहीं हटेगा.दिन के दस बजे से लगा जाम खबर भेजे जाने तक जारी है. 
--यह नजारा है सहरसा के मुख्य बाजार गांधी पथ का.देखिये यहाँ की सड़क पर किस तरह से पानी लगा हुआ है.पानी निकासी के लिए नाले की बेहतर व्यवस्था नहीं है.सड़क पहले से ही पूरी तरह से टूटी और जर्जर है.इलाके के लोगों को यूँ तो आमदिनों में भी इस सड़क पर दिक्कत होती है लेकिन यह सड़क बरसात के मौसम में और बड़ी मुसीबत बन जाती है.लोगों ने जल-जमाव से मुक्ति और इस सड़क के निर्माण के लिए गांधी पथ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है.जामकारियों का कहना है की पिछले चुनाव में उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी इस सड़क के निर्माण की बात कही थी लेकिन सड़क का निर्माण आजतक नहीं हो सका.इस सड़क पर पिछले 40 वर्षों से कोई काम नहीं हुआ है.खासकर महिलाओं और स्कूल जाने वाली छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पर रहा है.इस सड़क की वजह से लोगों का खाना--पीना सबकुछ मुहाल बना हुआ है.लोग स्थानीय भाजपा विधायक आलोक रंजन से खासे नाराज दिख रहे हैं और उनके विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.लोगों का आरोप है की विधायक इस सड़क से कभी नहीं गुजरते हैं तो उनको यहाँ के लोगों की तकलीफ का कैसे पता चलेगा.गुस्साए लोग साफ़ तौर पर कह रहे हैं जबतक प्रशासनिक अधिकारी यहाँ आकर लिखित आदेश या आश्वासन नहीं देंगे यह जाम नहीं हटेगा.
जाम के चार घंटे हो चुके हैं लेकिन अभीतक प्रशासन के किसी अधिकारी ने यहाँ आना मुनासिब नहीं समझा है.वैसे यहाँ पुराना मर्ज है जो आसानी से तुरत ठीक होने वाला नहीं है.फिलवक्त लोगों को अधिकारियों से मिलने वाले कोरे आश्वासनों से काम चलाना होगा.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।