अक्तूबर 25, 2016

निगरानी की बलि चढ़ा घूसखोर बकरा

निगरानी की बलि चढ़ा घूसखोर बकरा 
एक मामले में डायरी कमजोर करने के लिए मांगी थी रकम 
हैदर अली की दिवाली अब बेऊर जेल में मनेगी
वैसे बड़े बकरे की जगह निगरानी अक्सर छोटे बकरे को करती है हलाल 
अरे जो पकड़ा गया वह चोर,वर्ना सन्यासी 
खगड़िया से मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट---->>आज निगरानी की टीम ने एक और मछली का शिकार किया ।उत्पाद अवर निरीक्षक हैदर अली के जय प्रकाश नगर स्थित आवास पर निगरानी की टीम ने छापा मारा और मौके पर रंगे हाथ 31 हजार रुपए घूस लेते हैदर अली को टीम ने दबोच लिया ।
मिली जानकारी के मुताबिक इसी महीने की 10 तारीख को उत्पाद अवर निरीक्षक हैदर अली एन्ड टीम ने शहर के नगर पालिका रोड स्थित गणेश साह के मकान से दो कार्टून शराब बरामद किया था ।उस समय गणेश साह ने बहुत आरजू--मिन्नत की थी की मामला किसी तरह घर पर ही निपटा दें ।लेकिन उस वक्त हैदर अली पर शराफत का भुत सवार था ।गणेश साह को आखिरकार जेल की हवा खानी पड़ी ।थोड़ा वक्त गुजरा की हैदर अली का पापी मन डोल गया और इसी मामले को कमजोर करने के उद्देश्य से इस अवर निरीक्षक ने गणेश साह से 51 हजार रुपए घूस की मांग की । लेकिन दोनो पक्षों की खींचतान में बात 31 हजार में बन गयी ।इसी बीच गणेश साह के पुत्र राजा ने इसकी शिकायत निगरानी पटना से कर दी और फिर तय वक्त पर निगरानी की टीम ने जाल बिछाया और अवर निरीक्षक हैदर अली निगरानी टीम के हत्थे चढ़ गए ।निगरानी के पुलिस उपाधीक्षक मुन्ना प्रसाद व अजय चौधरी के नेतृत्व में महेश प्रसाद,अवरल अहमद,अतनू दत्ता, भीम सिंह, संजय चतुर्वेदी व शैलेश कुमार ने इस छापेमारी में अपनी अहम भूमिका निभायी ।
काश ! हैदर अली की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार कम होता ।अरे साहब बड़ी मछलियाँ और बड़े बकरे लाखों,करोड़ों से लेकर अरबों का वारा--न्यारा कर रहे है लेकिन उनतक पहुंचना निगरानी के बुते की बात नहीं है ।निगरानी की टीम आसान शिकार को दबोच कर के अपने विभाग का नाक बचा रही है ।वैसे हमाम में सभी नंगे हैं ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।