सितंबर 11, 2016

एक गाँव से एक साथ तीन लडकियां हुयीं लापता


एक गाँव से एक साथ तीन लडकियां हुयीं लापता कहीं देहमंडी में बेचने की साजिश तो नहीं
आखिर कहाँ गयीं लडकियां ? इलाके में सनसनी पुलिस इस मामले को ले रही है बेहद हल्के ढंग से

मुकेश कुमार सिंह की दो टूक--->>
सुपौल जिले के सदर थाना इलाके के कर्णपूर गाँव से 10 वीं क्लास की 3 छात्राएं अचानक एक साथ घर से गायब हो गयी हैं जिसको लेकर परिजनों में जहां तरह--तरह का भय समाया हुआ है वहीं अपनी लाडली के लापता होने का मुकदमा उन्होनें सदर थाना में दर्ज करवाया है ।जहांतक सदर पुलिस का सवाल है तो बेहद सुस्ती और मरियल अंदाज में मामला दर्ज कर पुलिस तफ्तीश में जुटी हुयी है ।बताना लाजिमी है की तीनों लड़की अलग--अलग परिवार की है ।दरअसल यह घटना बीते 7 सितम्बर की रात की है ।दो लड़कियों की उम्र 16 साल है जबकि एक की की उम्र 19 साल है और वह शादीशुदा भी है ।सदर थाना इलाके के उच्च विद्यालय में पढ़ने वाली यह तीनों छात्राएं कर्णपुर गांव की रहने वाली है जो रात में सोने के बाद देर रात्रि अचानक लापता हो गयी ।परिजनों को इस बात का पता तब चला जब उन्होंने बेड पर सोयी लाडली को गायब पाया । इस घटना को लेकर पहले तो परिजनों ने आसपास से लेकर रिश्तेदारों के यंहा ढूंढा लेकिन जब वे कहीं नहीं मिली,तो थक--हारकर ये सभी थाना गए और न्याय की गुहार लगाई।हांलाकि लापता हुई बच्चियों के परिजनों ने गांव के 3 --4 युवको पर आशंका जाहिर करते हुए आरोप लगाया है की उसकी लाडली को लेकर वे सारे युवक ही फरार हुए हैं ।परिजनों को यह भय सता रहा है की कहीं उन बच्चियों को वे युवक ऊंचीं कीमत में बेचकर,उन्हें देह व्यापार के धंधे में ना धकेल दें ।इस बाबत परिजनों ने लिखित शिकायत में इस बात का जिक्र भी किया है ।आवेदन में लिखा है की लापता बच्चियों को बहला--फुसला कर वे युवक ले गए हैं।


इधर सदर थाना थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव मुकदमा दर्ज कर इसे प्रेम प्रसंग में लड़की को भगाने का मामला बता रहे हैं ।हांलांकि पुलिस अधिकारी एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की बात भी कर रहे हैं ।
यहां गौरतलब है की कोसी इलाके के किसी भी थाने के अधिकारी से लेकर पुलिस कप्तान गंभीर से गंभीर मामले का आवेदन हाथ में लेते ही,अनुसंधान पूरा करते हुए दीखते हैं ।यह मामला बेहद गंभीर है लेकिन पुलिस अधिकारी इसे बेहद हल्के ढंग से ले रहे हैं ।एक गाँव से एक साथ तीन--तीन लड़कियों का यूँ लापता हो जाना,कोई गुड्डे--गुड़िया का खेल नहीं है ।
वैसे इस कड़ी में हम यह जोड़ना चाहेंगे की कोसी कछार का इलाका होने की वजह से इस इलाके पर मानव तस्करों की गिद्ध दृष्टि लगी रहती है । हमारे पास उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक़ सैंकड़ों लडकियां बीते डेढ़ दशक के दौरान लापता हुयी हैं,जिनका अभीतक कोई सुराग नहीं मिला है ।हद बात तो यह है की बचपन बचाओ आंदोलन के सिरमौर्य सह नोबेल पुरस्कार विजेता कैलास सत्यार्थी ने कोसी इलाके को लेकर कई बार गंभीर चिंता जताई है ।लेकिन सरकार और उसके तंत्र को लगता है की ऐसे मसलों से कोई लेना देना ही नहीं है ।
हांलांकि इस बार जिस कर्णपूर गाँव से ये तीनों बच्चियां गायब हुयी हैं ।यह गाँव बेहद शिक्षित और शाहरनुमा गाँव है ।इस गाँव में आईएएस, आईपीएस,डॉक्टर,इंजीनियर और वैज्ञानिक की भरमार है ।यह मामला आमजन से लेकर सभी के लिए बेहद गंभीर है ।जाहिर तौर पर पुलिस को इस मामले को ना केवल गंभीरता से लेना चाहिए बल्कि चुनौती के तौर पर लेना चाहिए ।लेकिन इस इलाके की पुलिस ""हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर काम करने की आदी है""।

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