अगस्त 28, 2016

मोबाईल यूज़र्स सावधान...

सण्डे स्पेशल...
लोगों में तेजी से बढ़ता जा रहा है फेसबुकिया और व्हाट्सप  एप्प बिमारीयों का प्रकोप...
अजहर उद्दीन की रिपोर्ट ----
बदलते परिवेश में आज लोगों के भूख--प्यास से कही बढ़ कर मोबाइल की भूख तेज हो गयी है लोग हर काम से ईतर मोबाईल की भूख को ज्यादा अहमियत दे रहे है ।असल जिंदगी की ओर जरूरत से अब लोगो का सरोकार धीरे--धीरे काफी कम होता जा रहा है जो मानवीये जिंदगी को कही ना कही खतरे के मुहाने पे ले जा रही है ।हर इन्सानी जिंदगी का मकसद होता है पैसे कमाने के साथ--साथ आराम से दो वक़्त की रोटी खाना ।लेकिन अब हर इंसानी जान के जिंदगी पर मोबाइल नामक  बिमारी ने अपनी पकड़ दीमक की तरह बनी ली है ।हमारा आज का विषय है बढ़ती जा रही मोबाईल के दुनिया में लोगो की भीड़ काफी बढ़ी है जिससे लोग हो रहे है काफी आहत ।
मोबाईल यूज़र्स को अपनी असली जिंदगी गुजारने में किन--किन बातों की आती है समस्यां (1).असली जिंदगी का काम--काज होता है बाधित ।(2).नींद की कमी ।(3).मानशिक तनाव ।(4).उनेक तरह के बीमारियों को आमंत्रण देना.बैगेरे--बैगेरे ।मैं ये नहीं कहता की इसे यूज़ करने वाले सारे यूज़र इसे गलत तरीके से यूज करते है ।दरसल मेरा मकसद ये बताना है की आवयश्कता से अधिक इस्तेमाल आप के लिए खतरा हो सकता है ।इसलिए समय रहते सजग होने की जरूरत ।चाणक्या ने कहा था-- आवयश्कता से अधिक किसी चीज का इस्तेमाल जहर होता है ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।