सितंबर 23, 2014

बंदी गए भूख हड़ताल पर


मंडल कारा सहरसा के पचास से ज्यादा बंदी पूर्व सांसद आनंद मोहन के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए हैं.इस वर्ष ईलाज के अभाव में तीन बंदियों की हुयी मौत की न्यायिक जांच नहीं होने,मृतक बंदियों को मुआवजा नहीं मिलने,जेल के भीतर स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं होने,जेल के भीतर विभिन्य तरह के काम करने वाले बंदियों को मिलने वाले पारिश्रमिक में अनियमितता,जेल के भीतर घटिया खाद्य सामग्री की आपूर्ति और जेल के भीतर विभिन्य निर्माण कार्यों में अनियमितता सहित कई अन्य मांगों को लेकर बंदी भूख हड़ताल को विवश हुए हैं.बताते चलें की अभी हड़ताल में शामिल बंदियों की संख्यां करीब पचास है लेकिन आगे हड़ताल जारी रही तो में बंदियों की संख्यां में क्रमवार ईजाफा होगा.इस पुरे मसले पर फिलवक्त जेल प्रशासन ने हमसे कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।