सितंबर 12, 2013

पीट--पीटकर युवक की ह्त्या

रिपोर्ट सहरसा टाईम्स : कल देर शाम सदर थाना के सपटियाही गाँव में पांच लोगों ने संजय से पैसे छीनने के दौरान पीट--पीटकर ह्त्या कर दी.हांलांकि मारपीट में जख्मी हुए युवक को उनके परिजन और अन्य लोगों ने तुरंत सदर अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.परिजन एक तरफ जहां इस घटना में पीट--पीटकर ह्त्या की बात कर रहे हैं वहीँ पुलिस अधिकारी ह्त्या किये जाने की बात तो स्वीकार कर रहे हैं लेकिन ह्त्या की वजह अधिक शराब पिलाए जाने और शराब में जहर मिलाये जाने की बात कर रहे हैं.वैसे पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है लेकिन आगे की तफ्तीश के लिए उसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इन्तजार है.
परिजन चीख--चीख कर बता रहे हैं की गाँव के ही छोटू दास,देवू दास,सूरज चौधरी,मुन्ना दास और एक अन्य व्यक्ति ने पीट--पीटकर उसे मौत के घाट उतार दिया.संजय के पास पैंतीस सौ रूपये थे जिसे हत्यारे छीनना चाहते थे लेकिन संजय उन रुपयों को बचाना चाहता था.इसी रूपये की छीनाझपटी में उसकी ईहलीला खत्म हो गयी.
पुलिस क्या कहती है:------ परिजनों के बयान के बाद भी पुलिस के अधिकारी सूर्यकांत चौबे,इन्स्पेक्टर,सदर,सहरसा इस घटना को ह्त्या का मामला तो मान रहे हैं लेकिन ह्त्या की वजह वे अधिक शराब पिलाने और शराब में जहर मिलाये जाने को तत्काल मौत की वजह बता रहे हैं.वैसे इन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इन्तजार है. 
सहरसा पुलिस की घटना के तुरंत बाद घटना की वजह को लेकर बेतुकी बयानबाजी का पुराना शौक है.अमूमन बड़े मामलों में इनका रवैया टालू और उलझाने वाला रहा है.बड़े अपराध का पटाक्षेप करने और अपराध पर नकेल कसने में सहरसा पुलिस अरसे से चूहे से भी कमतर नजर आती है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।