अप्रैल 14, 2013

लाखों की दवाओं को एक्सपायर कराके किया बर्बाद

गरीब इलाज और दवा के अभाव में दम तोड़ रहे और यहाँ दवाओं को एक्सपायर कराके किया जा रहा है बर्बाद-----  एक्सक्लूसिव रिपोर्ट////मुकेश कुमार सिंह///
ऐसा नहीं है की दवा को एक्सपायर कराके बर्बाद करने की खबर लेकर हम पहली बार हाजिर हुए हैं। इस खबर से पहले भी हमने स्वास्थ्य महकमा की लापरवाही और बदमिजाजी की अनेकों बदरंग तस्वीरों को लेकर हाजिर होते रहे हैं।इसी कड़ी में आज हम सहरसा जिले के बरियाही स्वास्थ्य केंद्र की बेशर्मी की तस्वीर लेकर आपसे रूबरू हो रहे हैं।लाखों की दवा इस स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायर कराके बर्बाद कर दिए गए लेकिन मजबूर गरीब--मजलूमों की बिमारी के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया गया।
सहरसा टाइम्स  ने एक बार फिर अपनी जान जोखिम में डालकर अस्पताल में चल रहे गोरख खेल की काली तस्वीरें कैद की है। देखिये यह है सहरसा का बरियाही स्वास्थ्य केंद्र।यहाँ गरीब मरीज आते तो इलाज के लिए हैं लेकिन एक तो उनका इलाज नहीं होता है।अगर गलती से कभी किसी डॉक्टर ने उनका इलाज कर भी दिया तो इनको दवाएं नहीं मिलती है।यानी यहाँ पर इलाज करने वाला और दवा वितरण को लेकर कोई भी संजीदा नहीं है।हमने अपनी जान जोखिम में डालकर चार कमरे की तस्वीरें उतारी हैं जिसमें लाखों की जीवन रक्षक दवाएं एक्सपायर कराके बर्बाद कर दी गयीं।यही नहीं डीडीटी पाउडर को भी एक्सपायर कराके बर्बाद कर दिया गया।हमने बड़े मुश्किल हालात में इन तस्वीरों को कैद किया है।इस बाबत हम स्वास्थ्य महकमे के कई बड़े अधिकारी को कैमरे पर लेने की भरपूर कोशिश की लेकिन किसी ने हमसे मिलने की हिमाकत तक नहीं की।सिविल सर्जन साहब भोला नाथ झा बस मोबाइल पर अभी जिला मुख्यालय में नहीं है बोलते रहे।थक--हारकर हमने जिलाधिकारी सतीश चन्द्र झा से इस विनाशलीला को लेकर जबाब---तलब किया।इनका कहना है की उनको इस बात की जानकारी सहरसा टाईम्स के द्वारा ही मिली है।वे इस बात की जांच एक तीन सदस्यीय टीम के द्वारा करवाते हैं और इसके लिए जो जिम्मेवार होंगे उनपर कठोर कारवाई की जायेगी।इस स्वास्थ्य केंद्र पर हमने मोहम्मद अजीज,बीबी अनीशा,महेंद्र पासवान जैसे कुछ मरीजों को भी।इनलोगों का कहना है की वे पिछले कई दिनों से इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आ रहे हैं लेकिन उन्हें दवा नहीं मिल रही है।
एक्सपायर दवा: जहां तक एक्सपायर दवाओं का सवाल है तो हमें सिल्वेज,डाय़सायक्लोमीन हाईड्रोक्लोराईड,ओ.आर. एस, जेंटालेब,इन्प्रयुजन सेट,यूरिन ड्रेनेज बैग,इथर,हेलोजन टैबलेट,मेफ़ेज स्पास,हाईड्रो कोर्टियोसोन सोडियम सूक्योनेट इंजेक्शन सहित कई दवाएं मिली जो एक्सपायर हैं।  हमारी तमाम कोशिशों के बाद हद बात है की आखिर राज्य मुख्यालय, सरकार और मंत्री को बर्बादी की ये तस्वीरें क्यों नहीं दिखती है। सुशासन में मनमौजी डॉक्टर और सरकार के कागजी दावों में लाखों की लूट का खेल भर चल रहा है। जमीनी सच्चाई दोजख की है बस जो लूट सके सो लूट। बीते तीन वर्षों में सहरसा जिले भर में छः मामले दवा को एक्सपायर कराके जलाने और यत्र--तत्र फेंकने के सामने आये लेकिन सभी कुछ जांच और कारवाई करने के तकिया कलाम में ही सिमट कर रह गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।