फ़रवरी 26, 2013

दो शातिर लुटेरे दबोचे गए

बीते 18 फ़रवरी को सुधा दूध एजेंसी के कर्मचारी से 6 लाख की लूट मामले में दोनों लुटेरों की हुयी गिरफ्तारी///
रिपोर्ट चन्दन सिंह: सहरसा पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली जब उसने 18 फ़रवरी को सुधा दूध एजेंसी के कर्मचारी से 6 लाख की लूट मामले में दो शातिर लुटेरे को दबोच लिया।गिरफ्तार दोनों लुटेरे सदर थाना के हटियागाछी के रहने वाले हैं।बताते चलें की लुटी गयी 6 लाख की रकम में से 40 हजार रूपये और 4 मोबाइल सेट भी पुलिस ने इन लुटेरों के पास से बरामद किये हैं।गौरतलब है की लूट की इस बड़ी घटना में शामिल पुर्णिया जिले के तीन और सहरसा जिले के एक और लुटेरे की गिरफ्तारी होनी अभी शेष है।
गिरफ्त में आये रिंकू चौधरी और संतोष भगत नाम के ये दोनों शातिर लुटेरे सदर थाना के हटियागाछी के रहने वाले हैं।हांलांकि इस लूटकांड को अंजाम देने वाले यानि पिस्तौल की नोंक पर रूपये लूटकर भागने वाले तीन शातिर लुटेरे पुर्णिया जिले के रहने वाले हैं।एक और लुटेरा सहरसा जिले के हटियागाछी का ही रहने वाला दीपू चौधरी है।बताना लाजिमी है की गिरफ्त में आये ये दोनों शातिर लुटेरे और पुलिस की गिरफ्त से बाहर दीपू चौधरी सहरसा में अपराध की योजना बनाते थे और दुसरे जिले के अपने सहयोगी अपराधियों को बुलाकर घटना को अंजाम दिलवाते थे।खास बात यह है की ठीक इसी तर्ज पर दुसरे जिले के अपराधी मालदार लोगों का चयन करते थे और वहाँ रिंकू चौधरी,संतोष भगत और दीपू चौधरी जाकर लूट की घटना को अंजाम देते थे। इन दोनों लुटेरे के पास से 40 हजार रूपये और 4 मोबाइल सेट भी पुलिस ने बरामद किये हैं।
पुलिस अधीक्षक अजीत सत्यार्थी
पुलिस अधीक्षक अजीत सत्यार्थी इस कामयाबी को लेकर काफी उत्साहित दिखे और इस कामयाबी को लेकर सहरसा टाईम्स को तफसील से जानकारी दी। हांलांकि इन्होनें पुर्णिया जिले के तीन लुटेरों के नाम का तत्काल खुलासा इसलिए नहीं किया की इससे उनकी जांच और कारवाई प्रभावित होगी।
लम्बे समय से महज अपराध दर अपराध से काफी मोटी हो चुकी फाईलों को बिना  मामले के पटाक्षेप के ही संभाले और सिर्फ हांफती  सहरसा पुलिस के लिए निसंदेह यह एक बड़ी कामयाबी है।सहरसा टाईम्स भी इस कामयाबी के  सहरसा पुलिस की पीठ थपथपाने की वकालत करते हुए यह आशा करता है की पुलिस को अभी ऐसे कई और कारनामे करने होंगे तब जाकर लोगों का उनपर थोड़ा भरोसा होगा।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।