फ़रवरी 09, 2013

संविदा पर बहाल न्याय के लिए ANM की भूख हड़ताल

संविदा की अवधि विस्तार के लिए भूख हड़ताल पर 4 फ़रवरी से बैठी ए.एन.एम की हालत बिगड़ी
ए.एन. एम कंचन
सहरसा टाईम्स संविदा की अवधि विस्तार के लिए बीते 4 फरवरी से सिविल सर्जन कार्यालय के परिसर स्थित जिला स्वास्थ्य समिति के बरामदे पर  अनिश्चितकालीन  भूख हड़ताल पर बैठी ए.एन. एम कंचन की हालत बीते दोपहर बाद काफी बिगड़ गयी.पिछले तीन साल से स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ कुकृत्य नहीं करने की सजा भोग रही एक अबला के जंग के आज पांचवें दिन कई कर्मचारी संघ के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन भी इस महिला के समर्थन में न केवल उतर गए हैं बल्कि इस जघन्य अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का एलान भी कर दिया है।बताना लाजिमी है की पीड़िता ANM कंचन कुमारी ने न्याय के लिए बीते वर्ष 12 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी थी लेकिन उस वक्त सहरसा टाईम्स की पहल से एक सप्ताह में न्याय का भरोसा दिलाकर 13 अक्तूबर की रात में पीड़िता का अनशन जिला प्रशासन ने खत्म करा लिया था।लेकिन हद की इन्तहा देखिये की उस वक्त भूख हड़ताल खत्म कराने में तेजी दिखाने वाला जिला प्रशासन अपने वायदे पर आजतक खड़ा नहीं उतरा और ठगी और छली गयी कंचन कुमारी को 4 फ़रवरी से एक बार फिर से भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा।आज भूख हड़ताल का छठा  दिन है लेकिन निर्लज्ज बने स्वास्थ्य महकमा से लेकर जिला प्रशासन में कहीं से भी संवेदना का स्पंदन नहीं दिख रहा है।
इधर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पहले से मिल रहे समर्थन को देख अन्य कर्मचारी संघों ने भी कंचन के अनशन को जायज ठहराते हुए उसे अपना समर्थन दे दिया है.यही नहीं विभिन्य सामाजिक संगठनों ने भी कंचन के पक्ष में उतरकर उसे न्याय दिलाने के लिए पहल शुरू कर दी है.
सहरसा के सिविल सर्जन भोला नाथ झा
कंचन के दुबारा भूख हड़ताल पर बैठने को लेकर हमने सहरसा के सिविल सर्जन भोला नाथ झा से जबाब--तलब किया।हमें 13 अक्तूबर 2012 के सिविल सर्जन और आज के सिविल सर्जन में खासा बदलाव नजर आया.आज सिविल सर्जन साहब कह रहे थे की यह उनके हाथ की बात नहीं है डी.एम साहब ने आगामी 13 फ़रवरी की तिथि कंचन के मामले पर विचार और फैसले के लिए मुक़र्रर कर रखी है.जो भी होगा वह 13 फ़रवरी को ही होगा.लेकिन सिविल सर्जन साहब पर कंचन को भरोसा नहीं है.आखिर उसे भरोसा हो भी तो कैसे.
कंचन को न्याय दिलाने के लिए लामबंदी काफी तेज हो चुकी है.ऐसे में इस मामले को जल्द निपटा लेना ही स्वास्थ्य महकमे की सेहत के लिए बेहतर होगा.वैसे बिना बड़ी घटना के नींद से नहीं जागने की यहाँ पुरानी आदत है.आगे देखना दिलचस्प होगा की इस मामले में स्वास्थ्य महकमा और जिला प्रशासन इसबार कैसी और कितनी ईमानदार तेजी दिखाता है.सहरसा टाईम्स फलाफल पर पूरी तरह नजर जमाये हुए है।

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