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मुख्य आरोपी विजेंद्र चौधरी |
आज विजेंद्र ने पुलिस को
करारा तमाचा लगाते हुए सहरसा न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। सहरसा
टाईम्स ने रिश्ते को शर्मशार करने वाले आरोपी विजेंद्र से न्यायालय में
EXCLUSIVE
बातचीत की। विजेंद्र खुद को साजिश का शिकार बताते हुए बड़े साफ़ लहजे में कह
रहा है की उसे अपने शाले की ह्त्या का काफी दुःख है।
उसने अपने शाले की
ह्त्या नहीं की है। वह पूरी तरह से बेकसूर है। विजेंद्र की मानें तो दीपक के
नाजायज सम्बन्ध गीता नाम की लड़की से था। उसने गीता का ऑवर्शन भी कराया
था। गीता ने ही उसकी ह्त्या करवाई है। दीपक इंजीनियरिंग में एडमिशन कराने के
नाम पर ठगी करता था इस वजह से उसकी दीपक और उसके घरवालों से कहा--सुनी भी
हुयी थी। उनके रिश्तेदारों ने ही उसे साजिश के तहत उसे फंसा दिया है। 1994
में बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक की नौकरीपाने वाले विजेंद्र अभी सहरसा के
परमानपुर मध्य विद्यालय में पदस्थापित हैं। विजेंद्र को न्यायालय पर पूरा
भरोसा है।
अब आगे पुलिस विजेंद्र को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने वाली है की आखिर दीपक की ह्त्या के पीछे का रहस्य क्या है। वैसे विजेंद्र के आत्मसमर्पण कर देने से सहरसा पुलिस ने राहत की सांस ली है। आगे इस काण्ड में कौन--कौन से रहस्य छुपे हुए हैं,उसपर से पर्दा उठना अभी बांकी है।
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इंजीनियरिंग छात्र दीपक |
अब आगे पुलिस विजेंद्र को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने वाली है की आखिर दीपक की ह्त्या के पीछे का रहस्य क्या है। वैसे विजेंद्र के आत्मसमर्पण कर देने से सहरसा पुलिस ने राहत की सांस ली है। आगे इस काण्ड में कौन--कौन से रहस्य छुपे हुए हैं,उसपर से पर्दा उठना अभी बांकी है।
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