दिसंबर 13, 2012

इंजीनियरिंग छात्र की हत्या के मुख्य आरोपी का आत्मसमर्पण

चन्दन सिंह : बीते 20 दिसंबर को सहरसा के सदर थाना के मुरली वसंतपुर गाँव के रहने वाले इंजीनियरिंग छात्र दीपक को अगवा कर ह्त्या करने मामले का मुख्य आरोपी विजेंद्र चौधरी ने आज सहरसा न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। दीपक की ह्त्या ने जहां पुरे इलाके में सनसनी फैला दी थी वहीँ सहरसा पुलिस को उसकी लापरवाही को लेकर बेपर्दा भी किया था। मृतक के परिजनों ने इस ह्त्या काण्ड का मुख्य आरोपी पेशे से शिक्षक विजेंद्र चौधरी को बनाया था जो मृतक दीपक का रिश्ते में फुफेरा बहनोई है। हत्या के 25 दिन बाद तक सहरसा पुलिस विजेंद्र को गिरफ्तार करने में नाकामयाब रही। 
मुख्य आरोपी  विजेंद्र चौधरी
आज विजेंद्र ने पुलिस को करारा तमाचा लगाते हुए सहरसा न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। सहरसा टाईम्स ने रिश्ते को शर्मशार करने वाले आरोपी विजेंद्र से न्यायालय में EXCLUSIVE बातचीत की। विजेंद्र खुद को साजिश का शिकार बताते हुए बड़े साफ़ लहजे में कह रहा है की उसे अपने शाले की ह्त्या का काफी दुःख है।
इंजीनियरिंग छात्र दीपक
उसने अपने शाले की ह्त्या नहीं की है। वह पूरी तरह से बेकसूर है। विजेंद्र की मानें तो दीपक के नाजायज सम्बन्ध गीता नाम की लड़की से था। उसने गीता का ऑवर्शन भी कराया था। गीता ने ही उसकी ह्त्या करवाई है। दीपक इंजीनियरिंग में एडमिशन कराने के नाम पर ठगी करता था इस वजह से उसकी दीपक और उसके घरवालों से कहा--सुनी भी हुयी थी। उनके रिश्तेदारों ने ही उसे साजिश के तहत उसे फंसा दिया है। 1994 में बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक की नौकरीपाने वाले विजेंद्र अभी सहरसा के परमानपुर मध्य विद्यालय में पदस्थापित हैं। विजेंद्र को न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
अब आगे पुलिस विजेंद्र को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने वाली है की आखिर दीपक की ह्त्या के पीछे का रहस्य क्या है। वैसे विजेंद्र के आत्मसमर्पण कर देने से सहरसा पुलिस ने राहत की सांस ली है। आगे इस काण्ड में कौन--कौन से रहस्य छुपे हुए हैं,उसपर से पर्दा उठना अभी बांकी है। 
 पिछले खबर को पढने के लिए इस लिंक पर जाये:--------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।