जुलाई 14, 2012

भीड़तंत्र का तालिबानी इन्साफ

चोर की जमकर धुनाई
रिपोर्ट चन्दन सिंह : कानून पसंद इस देश और राज्य में अब खाड़ी देशों की तरह तालिबानी हुकूमत का नजारा दिखने लगा है.बात--बात में अब आमलोग कानून अपने हाथों में ले रहे हैं सोया यहाँ पुलिस--प्रशासन नाम की कोई चीज ही नहीं रह गयी हो.गुंडे--मवाली हों या फिर लुटेरे और चोर,जो भी लोगों की गिरफ्त में आया सच मानिए उसकी कोई खैर नहीं. अहले सुबह सदर थाना के न्यू कोलोनी मुहल्ले में लोगों ने एक चोर को पहले तो चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा फिर उसकी जमकर धुनाई की.चोर घंटों लोगों की गिरफ्त में रहा.इस दौरान जिसको मौक़ा लगा सभी ने दस हाथ जमाकर अपने हाथ साफ़ किये.जब लोगों का जी भर गया तो उन्होनें चोर को पुलिस के सुपुर्द कर दिया.
भीड़तंत्र का यह तालिबानी इन्साफ कहीं से भी जायज नहीं है.यह सच है की पुलिस--प्रशासन के काम--काज के तरीके ऐसे हो गए हैं की उनपर से आमलोगों का भरोसा धीरे--धीरे पूरी तरह से उठने लगा है.लेकिन लोगों को अपना आपा इस तरह नहीं खोना चाहिए और पुलिस--प्रशासन को भी चाहिए की वह अपने गिरेबान में झांककर अपने कार्यों का ना केवल मूल्यांकन करे बल्कि आमलोगों का उनपर कैसे भरोसा बढेगा इसके लिए पारदर्शी जतन भी करे. 

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।