जुलाई 05, 2012

कैदी के जहर खाने की आशंका

रिपोर्ट: चन्दन सिंह: बीते शाम  करीब चार बजे सहरसा जेल के भीतर एक कैदी की हालत अचानक बिगड़ गयी.आनन्--फानन में उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.सूत्रों की माने तो इस कैदी ने जहर खाया है.अस्पताल के डॉक्टर भी इसके द्वारा जहर खाने की बात कह रहे हैं.डॉक्टर फिलवक्त उसके इलाज में जुटे हुए हैं.ह्त्या,लूट,अपहरण और डकैती जैसे 21 संगीन मामले में पिछले साढ़े तीन वर्षों से सहरसा जेल में बन्द चन्दन यादव नाम के इस अपराधी द्वारा खुद जहर खाने या किसी के द्वारा जहर दिए जाने की आशंका से पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी है.खुद चन्दन यादव की मानें तो आज कोर्ट पेशी के दौरान आशीष नाम के एक युवक ने जान मारने की नीयत से एक साथ उसे दवा की कई गोलियां खिला दी थी.मामले के पीछे की सच्चाई आखिर जो हो लेकिन फिलवक्त इस घटना ने जेल प्रशासन के काम--काज प़र कई तरह के सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं.सहरसा जेल में महीनों से कारा अधीक्षक नहीं हैं.जिला प्रशासन के एक मेजिस्ट्रेट सत्यनारायण मंडल कारा अधीक्षक के प्रभार में हैं.घटना के वक्त वे जेल प़र मौजूद नहीं थे.हमारे जेल प़र आने की सुचना पाने के बाद भी जेलर सुरेश चौधरी ने जेल के भीतर से बाहर आना मुनासिब नहीं समझा.आखिर हमने जेल सुरक्षा में तैनात बीएमपी के अधिकारी से ही इस घटना को लेकर जबाब--तलब किया.यह अधिकारी जेलर और जेल प्रशासन प़र ठींकरा फोड़ते हुए इस घटना के लिए उन्हीं लोगों को जिम्मेवार ठहराया. एक बंदी के द्वारा जहर खाये जाने की बात से पूरे प्रशासनिक महकमे में भी खलबली मच गयी है.अभी कैदी अस्पताल में भर्ती है और इस मामले के पीछे का असली रहस्य क्या है वह जाहिर नहीं हो पा रहा है.एक कैदी द्वारा ऐसा कदम उठाना जेल प्रशासन प़र कई तरह के प्रश्न खड़े कर रहा है.इस मामले में सघन और तटस्थ जांच और फौड़ी तौर प़र बड़ी कारवाई की जरुरत है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।