मार्च 27, 2012

डायग्नोस्टिक सेंटर खुलवाने के लिए भूख हड़ताल

डायग्नोस्टिक सेंटर खुलवाने के लिए भूख हड़ताल
पिछले एक साल से बन्द पड़े सहरसा के डायग्नोस्टिक सेंटर को खुलवाने के लिए अब बड़े आन्दोलन का शंखनाद हो चुका है.आज डायग्नोस्टिक सेंटर को खुलवाने के लिए पूर्वांचल युवा मंच के बैनर तले जिला पार्षद प्रवीण आनंद सहित चार लोगों ने प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के ठीक सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत की जिसके समर्थन में सैंकड़ों की तायदाद में महिलाओं के साथ--साथ आमलोग भी धरने प़र बैठे.गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य के कुल नौ प्रमंडल के लिए डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने का प्रावधान किया जहां गरीब मरीजों के लिए हर तरह की जांच मुफ्त में किया जा सके.राज्य के आठ प्रमंडलीय मुख्यालय में डायग्नोस्टिक सेंटर बेहतर तरीके से संचालित हो रहे हैं लेकिन विडंबना और दुर्भाग्य की जिस प्रमंडलीय मुख्यालय को सबसे अधिक दरकार इस सेंटर की है वहाँ इस सेंटर को आजतक नियमित रूप से शुरू नहीं किया जा सका है.निजी साझेदारी के दम से चलने वाले इस सेंटर का ना केवल संचालक तमाम मशीने खरीदकर सेंटर चालू करने के लिए तैयार बैठा है बल्कि राज्य मुख्यालाय सहित प्रमंडलीय स्वास्थ्य अधिकारियों के तमाम आदेश--निर्देश भी इसे प्राप्त है लेकिन सहरसा के सिविल सर्जन की मनमानी की वजह से इस सेंटर को ग्रहण लगा हुआ है.आलम यह है की गरीब मरीज प्राईवेट स्वास्थ्य संस्थानों में अपना सबकुछ दाँव प़र लगाकर विभिन्य तरह की जांच करवाने को विवश हैं.अब इसी संस्थान को चालू करवाने के लिए भूख हड़ताल की शुरुआत हुई है.रब जाने की आगे क्या होगा

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।