सितंबर 29, 2011

दरिदगी से पत्नी की हत्या

दरिदगी से पत्नी की हत्या 
२८-०९-2011
 भारतीय संस्कृति में जिस तरह से महिलाओ को देवी का दर्जा दिया जाता है वो अब हमारे समाज से कही ना कही दूर होता जा रहा.. मानवीय  संवेदना  सामाजिक  जीवन से शुन्य होती जा रही है.. जी हा आज जो हम आपको दिखाने  जा रहे है उसे देख  आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे... बीते दिन सहरसा के बनगाव थाना क्षेत्र के  राजोरा गांव निवाशी शुकुमार यादव के घिनोने करतूत से तंग अनीता ने सामाजिक व्यवस्था के लिये दरदर समाज में भटकती रही फिर भी ये सामाज उन्हें  न्याय नहीं दिला सकी और इसी समाज के सामने दिन दहारे उसके कशाई पति ने धारदार हथियार से प्रहार कर मौत की नींद शुला दिया...
यह नजारा है राजोरा गावं के मायडगरा घाट का जंहा अनीता ने पशु के लिये घास काटने गई थी... घास कट कर लौट रही अनीता को उसके दरिन्दे पति ने दविया से प्रहार कर पहले गर्दन कटा फिर जिन्दा देख जवरा कट दिया...फिर देखते ही देखते उन दो मासूम शिल्पी और शंकर का आशियाना माँ के आँचल के साथ ही उजर गया. शुकुमार यादव ने दो दिन  पहले अपने शाश से कहा था की अब अगर आपकी बेटी अनीता हमसे किसी प्रकार की मांग करती है तो उन्हें जान से मार दूंगा... और इस बात को दो दिन में  साबित कर दिखाया .. 
                        एक घिनोने रिश्ते के लिए एक पवित्र रिश्ता का अंत होते रहता है..... इस बेजुवान समाज में ये कोई नई बात   नहीं है.... खैर जो भी हो पुलिश अनुसन्धान मे लग गई है... हत्यारे को जल्द ही गिरफ्तार करने की बात की जा रही है..... 








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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।