फ़रवरी 26, 2015

साँई बाबा की उत्सव समारोह में निकाली गयी पालकी यात्रा, जुटी भक्तों की भीड़

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सहरसा शहर के साँई भक्तों व साँई सेवा समिति के द्धारा उत्साह पूर्वक बड़े धूम-धाम से दो दिवसीय भव्य साँई उत्सव समारोह आयोजित किये गये. स्थानीय मसोमात पोखर बनगाँव रोड स्थित साँई नगर में हजारों की संख्या में साँई भक्त महिला,पुरुष सहित  बच्चों ने भी  हिस्सा लिया. इस मौके पर पवित्र पालकी यात्रा एवं भंडारा तथा साँई भजन कीर्तन साँई की झाँकी भी निकाली गयी वहीं संध्या काल में बाहर से आये एक से एक कलाकारों द्धारा सांस्कृतिक कार्य कर्मो भी आयोजित किया गया भक्तों ने भाग लेकर अपनी साँई संगीत भजनो से पंडाल में उपस्थित होकर  साँई  बाबा की तस्वीरों पर फूल माला चढ़ा कर साँई बाबा के भक्तिमय बहती गंगा में डुबकी लगाया.
साँई  सेवा समिति द्धारा आयोजित इस साँई उत्सव में सबसे पहले साँई बाबा की आरती की गयी उसके बाद पालकी यात्रा निकाली गयी। पालकी यात्रा शहर के महावीर चौक, रिफ्यूजी क्लोनी, थाना चौक, शंकर चौक, दहलान चौक, मीर टोला सराही, डी बी रोड बस स्टेण्ड, गंगजला, कचहरी चौक आदि क्षेत्रों से भ्रमण करते हुए पुनः स्थल पर पहुंचा.  इस मौके पर पूजा स्थल पर आये भक्तजनो के लिए विशेष कर  साँई उत्सव समारोह में आने वाले दूर- दूर के साँई भक्तों के लिए भी व्यवस्था की गयी जिसमे महिलाओं, व पुरुषों के लिए अलग- अलग  भव्य पंडाल में बनाये गए और उनके रहने के सुंदर सुरक्षित व्यवस्था खाने हेतु भंडारा की व्यवस्था किया गया.
इस अवसर पर माधव मिल्क एजेंसी के द्धारा  नि;शुल्क भक्तजनो के लिए चाय कॉफी पिला कर एजेंसी के मालिक विकाश गुप्ता ने भी  पुण्य कमाए। इस दो दिवसीय साँई उत्सव समारोह में साँई बाबा तस्वीर एवं किताबों का भी  अलग- अलग अनेको स्टॉल लगाये गए.वहीं  सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी  किया गया जिसमे महिलाओं के लिए महिला स्वयं सेवक और पुरुष भक्तजनो के लिए युवास्वयं सेवको को तैनात किया गया.
इस मौके पर साँई सेवा समिति के संयोजक पप्पू ठाकुर ने बताया की यहाँ हर वर्ष दो दिवसीय साँई उत्सव बड़े धूम धाम से मनाया जाता है और यहाँ आये सभी भक्तजनो के लिए विशेष व्यवस्था होती है. साँई बाबा के दरवार में भक्तजनों के लिए बाहर से कलाकारों को भी मंगाया गया है भक्तिमय संगीत भजन का आनंद भक्तजन लेंगे।

इस कार्य कर्म में साँई सेवा समिति के राजकुमार जायसवाल, ओम प्रकाश गुप्ता, प्रमोद गुप्ता, रविन्द्र जायसवाल, संतोष कुमार मुंगेरी, मुन्ना गुप्ता, राजेश झा मनोज गुप्ता अधिवक्ता, मनोज राय, अजय गुप्ता, पप्पू भगत कार्य कर्म में अशोक सोनी, ध्रुव ठाकुर, विकाश सिंह अमित सोनी, विशाल, कुणाल उर्फ टिंकु आदि ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

फ़रवरी 24, 2015

शहर में स्वाइन फ़्लू का भय.… रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं …

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- शहर में स्वाईन फ्लू जैसे भयानक और जानलेवा बिमारी को लेकर लोग दहशत में हैं. इस बिमारी को लेकर शहरवासियों में तरह-तरह की बातें हो रही है लोगों में इस जानलेवा बिमारी से निजात पाये जाने के लिए सरकारी स्तर से स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस उपाय नही होने को  लेकर और अधिक चिंताए हो रही है. लोगों का मानना है कि देश के कई राज्यों के हिस्सों  में स्वाईन फ्लू बिमारी से हजारों लोगो की मौतें  हो रही है लेकिन सरकार को इस जानलेवा बिमारी पर रोक लगा पाने पर अब तक कोई ठोस सफलता नही मिली है. 
इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहीं भी जाँच टीम तक नही घूम रही है. सरकार कि स्वास्थ्य विभाग कि ओर से कही  भी कोई जाँच टीम नही दिया गया है न ही किसी स्वास्थ्य केन्द्रों, उप केन्द्रों में अलग से केम्प लगाये जा रहे है.
शहरवासी मनोज कुमार, दिनेश चौधरी, रामोतार राम रुद्रप्रताप सिंह, संजय कुमार, सलोनी देवी, स्नेहा, रमेश कुमार, पवन, रामेश्वर झा, मो०दिलशाद आलम, रहमानी, मो० हाफिज साहव, कुर्वान अली आदि ने बताया की पुरे देश में स्वाईन फ्लू बिमारी की चर्चा है कि यह जानलेवा बिमारी है और जो  लोग इसका शिकार होते है उसे जिंदगी और मौत से जूझना पड़ता है. बावजूद सरकार की स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में अब तक ठोस इलाज नहीं कर पा रही है.
अगर इसका सही इलाज सही समय पर हो जाय तो लोगों की जान बचाई जा सकती है मगर न तो इस बिमारी को लेकर सरकार गंभीर है न ही स्वास्थ्य विभाग ही. शहर में दहशतजदा लोग इस बीमारी को लेकर चिंतित है. 
स्वाइन फ्लू के लक्षण :----
स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना. इसके अलावा सांस भी फूलने लगती है. अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है. जिन लोगों को डायबिटीज या गठिया या कोई अन्य लंबी बीमारी होती है तो उनमें ये बीमारी ज्यादा खतरनाक स्तर तक पहुँच जाती है. इस तरह की यदि लक्षण हो तो सहरसा टाईम्स आपसे अपील करता है की आप शीध्र डॉक्टर से दिखाए।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचे :----
-छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को रुमाल से अवश्य ढंकें।
- हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- भीड़ वाले स्थान पर फ्लू से संक्रमित लोगों से दूरी बनायें रखें।
- बुखान, खांसी और गले में खराश हो तो सार्वजनिक जगहों से दूर रहें।
- खूब पानी पिएं और पौष्टिïक आहार लें।
- पूरी नींद लें।
क्या न करें :-
- हाथ न मिलाएं, गले न लगें या दैहिक संपर्क में आने वाले अन्य   अभिवादन न करें।
- सार्वजनिक जगह पर न थूकें।
                                       चिकित्सक के परामर्श के बिना दवाई न लें.


फ़रवरी 22, 2015

बाढ़ आश्रय भवन निर्माण में घटिया सामान लगाने पर ग्रामीणो ने लगाया रोक, मिली धमकी............

निर्माणाधीन बाढ़ आश्रय भवन 
कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट :- आपदा के समय  विभिन्न स्थितियों में घर से  बेघर होने वाले  विस्थापितों को आश्रय देने के लिए सरकार ने एक ठोस कदम उठाई है जिसके तहत सरकार ने जिले में बाढ़  आश्रय भवन का निर्माण भी करा रही है, लेकिन इस भवन  निर्माण कार्य में लगे अभिकर्ता किस तरह की भवन निर्माण कार्य करा  रहे है इसकी सही सही जाँच तक  विभागीय स्तर से  नही होती है. ऐसी परिस्थिति में स्थानीय ग्रामीणों द्धारा स्थल पर घटिया सामग्रियों से निर्माण कार्य पर रोक लगाने, निर्माण कार्य में हो रही इस गरबड़ी की शिकायत अगर की जाती है तो उन्हें विवादों का सामना करना पड़ता है और मिलती है आवाज बंद रखने की धमकियां।
जी हाँ इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया है. मिली जानकारी के मुताविक जिले के कहरा प्रखंड क्षेत्र के बलहा पट्टी पंचायत अंतर्गत गढ़िया गाँव के करवला पार्क के समीप बाढ़ आश्रय भवन के निर्माण कार्य किया जा रहा है. कार्यों में घटिया सामग्री लगाये जाने पर स्थानीय पंचायत के मुखिया, सरपंच सहित  ग्रामीणों ने रोक लगाया है और इसकी जाँच की मांग की है. आश्रय भवन निर्माण में तीन नंबर ईट, घटिया सीमेंट, लोकल बालू ,से निर्माण कार्य कराया जा रहा है. रोक लगाये जाने पर स्थल पर कार्य करा रहे अभिकर्ता के एक कर्मी के द्धारा धमकी देने की बात पर ग्रामीण उग्र हो गए. ग्रामीणों ने  इसकी शिकायत विभाग सहित जिले के वरीय अधिकारीयों तक की है.
लोकल बालू दिखाते ग्रामीण
बहरहाल  भवन निर्माण स्थल पर दोनों पक्षों के बीच स्थिति तनाव पूर्ण है. पंचायत के मुखिया सियाराम प्रसाद यादव, सरपंच जय कुमार यादव सहित सैकड़ों ग्रामीणो ने धमकी के विरोध में आक्रोशित हो कर उग्र  आंदोलन करने  की बात कही है इस बावत मुखिया सिया राम यादव, सरपंच जय कुमार यादव ने कहा की यहाँ बाढ़ आश्रय भवन का निर्माण कार्य हो रहा है जिसमें तीन नंम्वर का ईट, लोकल बालू, सहित अन्य घटिया सीमेंट से निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसको हम ग्रामीणो ने ऐसा घटिया निर्माण करने से रोक लगाये तो उलटे अभिकर्ता के कर्मी द्धारा रंगदारी मांगने के आरोप लगा कर झूठा मुकदमा में फ़साने की धमकी दिया गया है. जिसके विरोध में ग्रामीणो में आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीण कन्हैया कांत मिश्र, ख़ुशी लाल यादव, कमल किशोर यादव, जिला राजद के महासचिव पवन यादव, झक्स यादव नीलांबर मिश्र सुरेन्द्र यादव राजदीप यादव, राम बहादुर यादव सहित सैकड़ों कीसंख्या में उपस्थित थे, ग्रामीणो द्धारा भवन निर्माण में घटिया सामग्री लगाये जाने की सही जाँच एवं धमकी के विरुद्ध अभकर्ता के कर्मी पर कार्रवाई करने की मांग लिखित शिकायत आवेदन देकर वरीय अधिकारियों तक की गयी है आक्रोशित  पंचायत के जन जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणो ने स्पष्ट कहा है की अगर जिला प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस नतीजे पर नही पहुंचती है और दोषियों पर करवाई नही करती है तो मजबूर होकर धरना, प्रदर्शन सहित सड़क जाम और आंदोलन किया जायेगा.

फ़रवरी 20, 2015

मिथिला फिल्म सोसाइटी के द्धारा कोसी क्षेत्र में फिल्म निर्माण प्रशिक्षण.........

कृष्णमोहन सोनी की  रिपोर्ट:-  हर सुख दुःख की घड़ी में मनोरंजन एक  प्रकार से सार्थी के रूप में माना जाता है जिससे लोगों में सही और गलत दिशा का चयन करने में सहूलियत होता है और लोग भीषण परिस्थिति में मनोरंजन का लुत्फ़ उठा कर जीवन की गाड़ी को सही पटरियों पर लाकर एक नई जिंदगी को जी लेते है. लोगों  के जीवन में मनोरंजन अति आवश्यक है लेकिन फिल्म जगत में  हर सभी को मौका नही मिल पाता है ख़ास कर उन कलाकारों को जो आर्थिक स्थिति से कमजोर होते हैं.
कोसी प्रमंडल क्षेत्र में अब फिल्म का निर्माण और प्रशिक्षण देने के लिए मिथिला फिल्म सोसाइटी द्धारा पहल की जा रही है. सहरसा में मिथिला फिल्म सोसाइटी के द्धारा तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सोसाइटी द्वारा स्थानीय कलाकारों को फिल्म निर्माण संबंधी प्रशिक्षण दिया गया. इस कार्यशाला में मिडिया कर्मी और पार्थो घोष सहित कई नामचीन निर्देशकों के साथ काम कर चुके कोलकाता के फिल्म निर्देशक अंजन गोस्वामी की अगुवाई में सम्पन्न हुई जबकि कैमरा में गणेश कुमार गुप्ता सहित अन्य फिल्म कर्मियों ने अपने- अपने अनुभवों को तीन दिनों तक नए फिल्म कर्मियों के बीच बांटा. इस मौके पर प्रेस संवाद  में बताया गया की फिल्म निर्देशक अंजन गोस्वामी ने कई बंगाली फिल्मो सहित दर्पण, रजनी, सुबह , चुनौती चतकार आदि सीरियलों में क्रिएटिव डायरेक्टर का काम किया है, हिंदी फिल्मो में दलाल, तीसरा कौन , अग्निसाक्षी 100 डेज, गुलाम ए मुस्तफा, युग पुरुष बीवी हो तो ऐसी जैसे दर्जनो फिल्मो में एसोसिएट किया है. वंही कैमरा में गणेश गुप्ता ने सुपर हिट फिल्म धूम 3 में कैमरा में का काम किया है, हिंदी फिल्म डॉन 2, सावधान इण्डिया, क्राइम पेट्रोल, बालिका वधु, सरस्वती चन्द्र, अर्जुन आदि सीरियलों में डायरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफर के रूप में भी काम किया है.
 इस मौके पर सचिव अनिल कुमार सहित नवोदित फिल्म कर्मियों में संजय सारथी, अभिषेक कुमार वात्सल्य दीप नारायण, अजय कुमार, चंदन कुमार सचिन कुमार शशि भूषण,  महेश, संजय,  आशीष, संदीप,कुंदन, विक्रमादित्य, मो० रिजवान, दुलार चंद आदि ने प्रशिक्षण लिया।

फ़रवरी 19, 2015

ज्वेलर्स की दुकान में भीषण डकैती

अजय कुमार की रिपोर्ट, सिमरी बख्तियारपुर:-  वैसे तो जिले में अपराधियों द्धारा  अपराधिक घटनाओं को लगातार अंजाम देने में कोई कोर कसर  नही छोड़ा जा रहा है.  इस दिशा में सहरसा पुलिस शहर को अपराध मुक्त कर पाने में अक्षम साबित हो रही है। अपराधिक घटनाओं से कराह रहे इस शहर को अब भगवान ही बचा पायेंगे लूट. हत्या, अपहरण, डकैती तो आम बात हो गयी है लगता है अब शहर पुलिस विहीन हो गया है अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब खुल कर घंटों इत्मीनान से हथियार बंद अपराधियों द्धारा अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल के रानीबाग़ बाजार में बीती देर रात एक दर्जन हथियार बंद अपराधियों ने कार्तिक ज्वेलर्स की दुकान में लाखों रुपये कि जेवरात और नगदी की डकैती कर चम्पत हो गया. मिली जानकारी के मुताविक अपराधियों ने कार्तिक ज्वेलर्स की दुकान में घंटों देर तक रहकर घटना को अंजाम दिया अपराधियों द्धारा दुकान की ०६ ताला, ग्रिल एवं शटर तोड़ अंदर प्रवेश कर लोहे की मजबूत तिजौरी गैसकटर मशीन से काट करीब 10 लाख रुपये मूल्य की स्वर्ण भूषण की डकैती कर ली. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस घटना में करीब तीन घंटे तक बाजार को बंद कराया गया. ड्यूटी कर तीन निजी नेपाली चौकीदार हरिदेव कोटा, मोहन थापा, कुमार देव कोटा एवं एक स्थानीय चाय पान  दुकानदार इरफ़ान आलम को अपराधियों ने हाथ पैर बांध कर उसकी मोबाईल जप्त कर ली थी.
 डकैती की सूचना पुलिस को मिलने के बाद भी घटना स्थल पर दूसरे दिन सुबह साढ़े सात बजे पहूँची, बाजार के दुकानदारों ने आक्रोश में पुलिस के खिलाफ नारे वजी कर दूकान के सामने ही सड़क पर टायर जला कर एन, एच,107 को जाम  कर दिया पुलिस के विरुद्ध लोगों का गुस्सा है पुलिस की गश्ती के नाम पर सिर्फ मटरगश्ती करती है सही गश्ती करती तो सूचना मिलने पर यदि घटनास्थल पहुंचती तो अपराधी पकड़े जाते। लोगों का कहना है कि तीन घंटे तक डकैती होती रही पुलिस सूचना के वावजूद नही पहुंची जबकि घटना स्थल से डी.एस.पी. के ऑफिस की दुरी मात्र दो तीन सौ मीटर की है.
 इस भीषण डकैती की घटना से पीड़ित परिवार में कोहराम मचा हुआ है वही लोग भयाक्रांत हैं।  हलांकि इस घटना में 50 लाख की डकैती होने की बात कही जा रही है घटना के बारे में दुकानदार कार्तिक स्वर्णकार की पत्नी ने 50 लाख मूल्य की डकैती की बात कहती है. उसने बताया की जमीन बेचकर दुकान में पूंजी लगाई थी लेकिन लोगो का मानना है की आयकर एवं बिक्री कर से बचने के लिए पुलिस के पास खुल कर नही बता पा रही है. दूकानदार स्वर्णकार को पुलिस अपने साथ लेकर घूम रही है. आशंका है की इस डकैती की घटना की रिपोर्ट पुलिस अपने मन मुताबिक न लिखा ले.
लोगो के बीच इस घटना को लेकर यह भी कहा जा रहा है पुलिस कप्तान ने सिमरी बख्तियारपुर में थानेदार सूर्य कांत चौबे को भेज कर चौबे गए छब्बे बनने, पर नब्बे बन कर निकले जैसी कहावत हो गया है. स्थानीय लोगों में पुलिस की इस तरह की  लचर विधि व्यवस्था, सुरक्षा को लेकर आक्रोशित है.


 

फ़रवरी 18, 2015

आम आदमी पार्टी के चुनावी संग्राम का संकेत...........

कृष्णमोहन सोनी रिपोर्ट:- आम आदमी पार्टी कि दिल्ली में विधान सभा चुनाव में हुए ऐतिहासिक जीत को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच काफी  उत्साह का माहौल कायम हो गया है.सहरसा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक जीत पर एक दूसरे को जहाँ बधाई दी.आम आदमी पार्टी के संयोजक विशाल कुमार पचेरिया के नेतृत्व में विशाल जुलुस प्रदर्शन आयोजित किया गया.इस मौके पर जिला संयोजक विशाल कुमार पचेरिया ने कहा कि देश और समाज कि विकास तभी होता है जब एक अच्छे ईमानदार प्रशासक हो उन्होंने कहा कि आज का यह प्रदर्शन आपसी सौहार्द अमन चैन के साथ शहर कि विकास में युवाओं को आगे आने को लेकर किया गया है।  दिल्ली की जीत ऐतिहासिक बताते हुए कहा  कि ईस जीत से अब समाज का विकास होगा।  सहरसा में भी आम आदमी पार्टी को मजबूत किया जायेगा इसमें अच्छे ईमानदार लोगो, युवाओं को जोड़ा जायेगा    

इस प्रदर्शन में अधिकांश युवाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया जिसमे आनंद कुमार प्रकाश, कुमार अमृत राज, अभिषेक कुमार वर्मा, विभूतिचन्द्र युगल, सामंत कुमार रिंकू , रूपक सिंह , जीवन वर्मा , मो० तारिक अजीज , केशर परवेज , दीनबंधु प्रसाद , सहित सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया।
आम आदमी पार्टी में युवाओं कि भागीदारी से शहर में एक अच्छे संकेत शहरवासियों के बीच में  हुई है. पार्टी कि इस प्रदर्शन से शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। आने वाले दिनों में राजनितिक चुनावी संग्राम में लोगों में आम आदमी पार्टी की एक जोरदार दस्तक का संकेत शहरवासियों को मिलने की आशा बंधी है।

निरक्षरता की कालिमा दूर करने वाले प्रेरकों ने किया धरना प्रदर्शन, 27 फ़रवरी को दिल्ली में करेंगे आमरण अनशन

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट ;   सात सूत्री मांगों के समर्थन में बिहार राज्य प्रेरक साक्षरता महासंघ के आह्वान पर सहरसा जिला इकाई प्रेरकों ने संघ के बैनर  तले शहर में प्रदर्शन कर स्थानीय स्टेडियम में धरना दिया. प्रेरक संघ {साक्षरता }पटना बिहार के सचिव इंद्रभूषण कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों प्रेरकों ने अपने मांगों को लेकर शहर के विभिन्न चौक, चौराहों, बाजार में घूम घूम कर प्रदर्शन करते नारेवाजी भी  की और स्थानीय स्टेडियम के समीप धरना दिया. जिलाध्यक्ष सुरेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना कार्यक्रम को संम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेश सचिव इंद्रभूषण कुमार ने कहा कि सरकार एक तरफ पुरे सूबे को  हम प्रेरकों की मेहनत के बल से साक्षरता अभियान से समाज में फैली निरक्षरता की कालिमा को समाप्त कर रही है तो दूसरी ओर इस कालिमा को दूर करने वाले प्रेरकों को भूख  मरने के लिए छोड़ रखी है जिससे आज पुरे बिहार में कड़ी मेहनत कर निरक्षरता की कालिमा को दूर भगाने वाले और साक्षरता से शिक्षित समाज देने वाले प्रेरकों और  समन्वयको की हालत बद्द्तर हो गयी है. इस पर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं न ही सरकार ऐसे में प्रेरकों और समन्वयकों के समक्ष भूख कि समस्या खड़ी है जिसमे हम सब झुलस रहे हैं.  
उन्होंने कहा कि बिहार के  प्रत्येक पंचायत में स्थापित लोक शिक्षा केंद्र प्रेरकों द्धारा चलाया जा रहा है जिसे प्रतिमाह 2 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है अब वो भी प्रतिमाह नही मिलता है. इस लिए  प्रेरक संघ प्रेरकों और साक्षरता समन्वयकों की मांगों को लेकर आगामी 27 फ़रवरी 2015 से दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन किया जायेगा। 
इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में अमरेंद्र कु,भारती , मुन्नी कुमारी , नरेश कुमार , महाकांत मुखिया , बबुआन राम , गायत्री देवी , मंजू , सुरेश मुखिया , रामचन्द्र पासवान , शंकर , शोभा कुमारी ,जवाहर यादव सहित अन्य ने भाग लिया।

जरूरतमंद लोगों की सेवा ही असली पूजा है - सुधा गुप्ता

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- मानव  समाज के हृदय के अंदर हमेशा सेवा भाव होना अति आवश्यक है सेवाभाव से जहाँ समाज के अंदर फैली कुरीतियाँ समाप्त होती हैं वही आपसी सौहार्द, अमन चैन शांति के साथ -साथ समाज का विकास भी होता है. हमे मानवता को भूलना नहीं चाहिए मानव समाज में सबसे कमजोड़ दबे, कुचले, गरीबों और समाज के अंतिम ऐसे जरूरतमंदों लोगों की सेवा ही असली पूजा है. 
 सहरसा शहर के व्यवसायी वर्गों में एक अलग पहचान रखने वाले और  समाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले व्यवसायी, समाजसेवी स्वर्गीय शंभू गुप्ता के श्राद्ध कर्म लंगर भोज में गरीबों के बीच  खुल कर सेवा करने आयी स्वर्गीय शंभू गुप्ता कि धर्म पत्नी सुधा गुप्ता ने कही उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से स्वर्गीय गुप्ता कि आत्मा को शांति मिलेगी उनकी आत्मा कि शांति के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किये गए ऐसे कार्यों से खुद को उन्हें भी जहाँ  ख़ुशी मिलती है वही मन को शांति भी.  स्वर्गीय गुप्ता जी हमेशा ऐसे कार्यक्रमों में आगे रहते थे और वे  हमेशा ऐसे कार्यो में भाग लेने के लिए मुझे भी सहयोग करने को कहते रहते थे. यही कारण है कि आज इस तरह के समाज सेवा के कार्यों को करने का मुझे मौका मिला है. इस मौके पर सैकड़ों विकलांगों , गरीबों, कुष्ठ रोगियों, निःशहाय ऐसे सैकड़ों महिला पुरुष और बच्चों को सम्मान के साथ सामने बैठा कर अपने हाथों से भर पेट भोजन कराया और महिलाओं को साड़ी  ब्लाउज, पुरुषों को चादर, बच्चों को भी वस्त्र दान किया।
मानवता की एक और मिसाल यहाँ देखने को मिला है सेवा भाव में इस कदर लीन होना आज तक कम ही  देखने को मिला है अपने हाथों से इन गरीबों के मुँह में रसगुल्ले खिला कर, उसके पैर को पानी से धो कर  पैर छू कर प्रणाम करके विदा किया गया. इस काम को अंजाम देने में उनके बड़े पुत्र शंकर प्रसाद गुप्ता सचिन कुमार गुप्ता, पुत्री अर्चना गुप्ता, स्वीटी, रूबी, मिली सहित परिवार के साथ समाज के अन्य सदस्यों ने भी बढ़ चढ़ कर भाग लिया।  इस मौके पर उनके पुत्र शंकर गुप्ता ने कहा कि ऐसे लोगों की सेवा हर मानव जाती के लोगो को करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए ताकि हमारी संस्कृति हमारी सभ्यतायें भी यही रही है और उसे हम सवों  को  मिलकर अक्षुण्ण बनाये रखना है. ऐसे कार्यक्रम करने से जहाँ सामाजिक व्यवस्थाएं पटरी पर रहता है. वहीं लोगों में एक दूसरे के प्रति सदभाव  कायम रहता है। शुधा गुप्ता द्धारा किये गए इस तरह कि कार्यो से लोगों में एक बार फिर सोये हुए  मानवता जगी है।

फ़रवरी 13, 2015

अपहृत बेटी कि बरामदगी को लेकर कई दिनों से भूख हड़ताल- एक माँ की व्यथा, समर्थन में छात्र संगठन का प्रदर्शन

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट: अपनी अपहृत बेटी कि बरामदगी को लेकर पिछले कई दिनों से स्थानीय स्टेडियम में अनिश्चित काल भूख हड़ताल पर बैठी एक माँ की व्यथा और उसकी सुधि तक  लेने के लिए न तो जिला प्रशासन के आलाधिकारी ही उनके पास पहुंचे न ही पुलिस के अधिकारी ही लेकिन एक माँ ने अपने कोख से जन्मी बेटी को कैसे  भूल जाय.अपनी बेटी की बरामदगी  कि मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठी है. ताकि जिला प्रशासन और पुलिस उसकी बेटी को सकुशल बरामद कर ला दे लेकिन अबतक किसी ने सुधि तक नहीं ली. जिले के बिहरा थाना क्षेत्र के बरहसेर पंचायत के वार्ड नंबर 04 निवासी मनी भूषण चौधरी की पुत्री शुभम कुमारी उर्फ़ प्रियमदा चौधरी का अपराधियों ने अपहरण कर ले गया जिसके विरुद्ध में परिजनों के द्धारा बिहरा थाना कांड संख्या 220 /14 दर्ज की गयी मगर पुलिस अब तक न तो लड़की को बरामद कर सकी और न ही अपराधियों को पकड़ सकी है. जबकि18 दिसंबर 14 को ही यह घटना घटी है. आवेदन में  परिजनों के द्धारा इस  मामले में अपहरण कर ले गए अपराधी का नाम और उसके सम्पर्क नंबर भी पुलिस को दिए जाने कि बात कही गयी है. 
अनिश्चित काल भूख हड़ताल पर बैठी अपृहता की माँ रीना चौधरी ने कहा कि अपनी बेटी की बरामदगी को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारी तक आवेदन देकर गुहार लगाई है. जिसमे अपनी पुत्री को सकुशल बरामदगी करने को लेकर पुलिस को अपराधियों का नाम के साथ संपर्क नंबर तक दिया है. बावजूद पुलिस अपराधियों  की गिरेहबान तक नही पहुँच पा रही है.अपहृता की माँ रीना चौधरी की बिगड़ती हालत और पुलिस की सुस्त रवैये को देख फिर से एक बार शहर में आंदोलन  की शुरुआत होने लगी है जिसमे छात्र संगठनों ने छात्र नेता मनीष सम्राट के नेतृत्व में दर्जनों छात्रों ने रीना के समर्थन में पुलिस अधीक्षक सहरसा के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और मांगों का एक ज्ञापन समर्पित किया है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय के  समक्ष प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनो में जिला परिषद सदस्य प्रवीण आनंद,राकेश कुमार,सोनू कुमार गुप्ता रवि कुमार, नितेश कुमार, मौसम कुमार, राकेश कुमार गुप्ता,विजय कुमार,बिट्टू कुमार आदि ने कहा की पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठी रीना चौधरी की सुधि तक किसी अधिकारीयों द्धारा नही लिया जाना अपराधी, पुलिस गठजोड़ साबित हो रहा है.  ऐसी व्यवस्था के खिलाफ अब लड़ाई लड़ी जाएगी। समय रहते पुलिस कारगर कदम नही उठाती है तो आने वाले दिनों में एक बार फिर शहर में पुलिस के विरुद्ध पब्लिक भी आक्रोशित होकर इन छात्र संगठन के आंदोलन में शामिल होकर सड़क पर उतरकर आवाज उठाएगी।  

संत रविदास की 638वीं जयंती समारोह धूम-धाम से मनाई गई

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- संत शिरोमणि रविदास की 638वीं जयंती समारोह बड़े धूम धाम से मनाई गयी. इस मौके पर एक दिवसीय प्रथम जिला सम्मेलन भी आयोजित किये गए. जयंती समारोह में चण्डीगढ़, वाराणसी,पंजाब सहित सहरसा जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों महिला पुरुषों ने हिस्सा लिया.

स्थानीय सुपर बाजार स्थित मैदान में आयोजित समारोह के इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव जी महाराज प्रदेश अध्यक्ष जनार्दन राम और वाराणसी से आयी मनीषा प्रभाकर गायिका द्धारा  भजन कीर्तन और संत रविदास की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाल कर उनके विचारों पर चलने की नसीहत दी गयी. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ एक विशाल प्रदर्शन भी निकाले गए. 
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव जी महाराज ने कहा कि आज पुरे देश में तेजी से बदलाव आ रहा है जिसमे अब मनुवादी विचार धाराओं को अलग-थलग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब चमार जातियों से छुआछूत की भावना थी जिसे मनुवादी विचारको द्धारा घृणा से देखा जाता था. इसका मूल कारण था कि हम रविदास वर्ग के लोगों में शिक्षा की कमी एकजुटता कि कमी रहना यही कारण रहा है जिससे हम लोगों को समाज के मुख्यधारा से अलग रखा जाता था. उन्होंने कहा कि आप लोग असली राजा चमंरवंश के वंशज हो।  उन्होंने संत रविदास की जीवनी एवं उनके पवित्र विचारों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि संत रविदास जी छुआछूत की भावना को समाप्त करने, समतामूलक समाज की स्थापना, सनातन धर्म के बारे में उपस्थित लोगों को बताते हुए नशामुक्त समाज बनाने पर बल दिया.
इस मौके पर अन्य वक्ताओं ने अपनी अपनी विचार रखते हुए बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के संदेश शिक्षित हो संगठित बनो संघर्ष करो की नारा को जेहन में रखकर चलने की बात भी कही इस जयंती समारोह की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जनार्दन राम ने किया. कार्यक्रम में मनीषा प्रभाकर की भजन कीर्तन से उपस्थित लोग झूम उठे जबकि मौके पर जिला अध्यक्ष आनंदी राम, संतोष राम, बसपा के जिला सचिव संजय पंजियार, विक्की राम, अशोक राम, कुशेश्वर राम, सुरेन्द्र राम हरी नारायण राम, विनोद राम फुलेश्वर राम, चण्डेश्वरी राम, रामविलास राम, सुनील राम, आदि ने भी सम्बोधित किया। 

फ़रवरी 10, 2015

महिला की मौत पर फूटा गुस्सा-----



सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:- प्रसव के लिए सदर थाना के गांधी पथ स्थित सूर्या नर्सिंग होम में बीती शाम भर्ती हुयी सुपौल इलाके की महिला की ईलाज के दौरान हुयी मौत के बाद आज सुबह परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया.मृतका के परिजनों ने नर्सिंग होम में तैनात चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नर्सिंग होम में ना केवल जमकर हंगामा किया बल्कि तोड़फोड़ भी की.मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने पहुंचकर बड़ी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराकर लाश को नर्सिंग होम से हटवाया.

यह नजारा है सदर थाना के गांधी पथ स्थित निजी "सूर्या"नर्सिंग होम का. सुपौल सदर थाना के कोसी कॉलोनी की रहने वाली सताईस वर्षीय उषा देवी को बीती शाम प्रसव के लिए यहां पर भर्ती कराया गया था. उषा का मायका सदर थाना के रिफ्यूजी चौक के समीप है.बीती रात सूर्या नर्सिंग होम की महिला चिकित्सक करुणा शंकर ने सिजेरियन से उषा का प्रसव कराया. उषा को बेटा हुआ था.लेकिन उसी दौरान उषा की तबियत अचानक बिगड़ गयी और उसकी मौत हो गयी जिसकी सूचना तत्काल परिजनों को नहीं दी गयी. रात बारह बजे के बाद नर्सिंग होम के कर्मचारियों ने परिजनों से कहा की उषा की हालत गंभीर है और उसको पटना ले जाना होगा. परिजन कुछ समझ नहीं पा रहे थे की अचानक क्या हो गया.लेकिन उषा को जब एम्बुलेंस में डाला जा रहा था उसी समय परिजन को यह आभास हो गया की उषा की मौत हो चुकी है और अस्पताल कर्मी जिम्मेवारी से बचने के लिए उषा को पटना भेजने की साजिश कर रहे हैं. धीरे--धीरे लोग जमा ओने लगे फिर आज सुबह सात बजे से हंगामा शुरू हुआ जो बड़ी मशक्कत के बाद ग्यारह बजे दिन में शांत हुआ.परिजन सीधा आरोप लगा रहे की उषा के ईलाज में घोर लापरवाही करके उसे मार डाला गया.

मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी ने बड़ी मुश्किल से आक्रोशित लोगों को शांत कराया. जिला प्रशासन के अधिकारी सदर एसडीओ राजेश कुमार सिंह ने कहा की परिजन ईलाज में लापरवाही से हुयी मौत की बात बता रहे हैं और इसी को लेकर उनका आक्रोश है.लोगों को शांत करा लिया गया है.मौत की वजह को बता पाना उनके लिए मुश्किल है,क्योंकि यह टेक्नीकल बात है.वैसे परिजन अगर केश दर्ज कराएंगे तो जांचोपरांत आगे उचित कार्रवाई की जायेगी.
ईलाज में लापरवाही से मौत का यह कोई नया मामला नहीं है.मौत के बाद हंगामा फिर बीच का कोई रास्ता निकालना यहां का पुराना चलन है.आजतक कभी भी कोई बड़ी कार्रवाई निजी अस्पताल प्रबंधन पर नहीं हुयी है.जाहिर सी बात है की पैसा बोलता है.

फ़रवरी 06, 2015

मांझी के तल्ख बयान.........नीतीश भीष्म पितामह...

नीतीश को जहाँ भीष्म पितामह ……के.सी त्यागी यमदूत................  
सहरसा टाईम्स रिपोर्ट:- नौ दिवसीय दीना--भद्री मेले का उदघाटन करने सहरसा के घीना गाँव पहुंचे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कई तल्ख़ और हमलावर बयान दिए. जाहिर सी बात है की खुद को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने की पुरजोर कवायद से मांझी बेहद खिन्न दिख रहे थे और सारे खेल को लेकर उन्होने नीतीश को जहाँ भीष्म पितामह की संज्ञा दी वहीँ के.सी त्यागी को यमदूत करार दिया. बड़े हमलावर लहजे में उन्होनें कहा नीतीश जी सामने नहीं आते हैं लेकिन कभी ललन सिंह तो कभी पी.के. शाही और कभी किसी और के माध्यम से बयान दिलवाते हैं. मांझी ने शरद यादव पर भी तीखे हमले किये और कहा की शरद जी द्वारा कल बुलाई गयी बैठक अवैद्य है.उन्होनें कहा कि नीतीश कुमार उनसे बात नहीं करते हैं लेकिन भीष्म पितामह की तरह सारा खेल महाभारत की तरह देख रहे हैं.मांझी यहीं नहीं रुके और उन्होनें कहा की अब जंग का आगाज हो चुका है और वे इस सियासी जंग में उत्तर चुके हैं.अब आरपार की लड़ाई होगी. वे अब पीछे नहीं मुड़ेंगे. 

फ़रवरी 05, 2015

राकेश का दर्द देखो सरकार......


मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:- दलालों के चंगुल में महज आठ साल की उम्र में फंसकर लगातार सात वर्षों तक बंधुआ मजदूरी करने वाले राकेश को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रयास के दम पर वर्ष 2006 में ही ना केवल आजादी मिली बल्कि राकेश नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलास सत्यार्थी के साथ ब्रांड एम्बेस्डर बनकर स्वीडन भी गया.पत्र--पत्रिकाओं में उसकी जीवनी छपी और उसे कई पुरस्कार भी मिले.लेकिन आज राकेश सरकारी उपेक्षाओं का दंश झेल--झेल कर बोझिल और बेजार है. रहने को घर नहीं, खाने को अनाज नहीं और मजदूरी करना एक मात्र नियति.घीना गाँव के रहने वाले महादलित परिवार के राकेश की कहानी सीलन--चुभन और टीस की एक ऐसी ईबारत लिख रहा है जिसे देख--सुन कर आपकी रूह भी थर्रा उठेगी.कल राकेश के गाँव घीना मुख्यमंत्री पधार रहे हैं.
यह राकेश है. देखिये इसके खंडहरनुमा संज्ञा भर के घर को.यहीं पर राकेश के सारे सतरंगी सपने पल रहे हैं.राकेश बेहद दुखी और हताश--निराश है.दलालों के चंगुल में महज आठ साल की उम्र में फंसकर लगातार सात वर्षों तक बंधुआ मजदूरी करने वाले राकेश को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रयास के दम पर वर्ष 2006 में मुक्ति मिली.राकेश वर्ष 2008 में कैलास सत्यार्थी के साथ बंधुआ मजदूरों का ब्रांड एम्बेस्डर बनके स्वीडन गया.वहाँ पर उसे WCPRC अवार्ड मिला जिसमें बंधुआ मजदूरों के कल्याणार्थ स्वीडन सरकार ने 45 लाख डॉलर दिए.इससे पूर्व वर्ष 2007 में ही राकेश भारत के राष्ट्रपति से भी मिल चुका था. राकेश को स्वीडन में ही विश्व बाल पुरस्कार समारोह में जूरी के रूप में बेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.
राकेश की जीवनी यूँ तो कई पत्र--पत्रिकाओं में  छपी है लेकिन वर्ष 2008 में किल्लोल नाम की पत्रिका में छपी उसकी जीवनी ने जनमानस को झंकझोर कर रख दिया था.आज राकेश परेशान हाल है,उसे आजतक कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.बंधुआ मजदूरी से मुक्ति के बाद राकेश जीवन में कुछ बड़ा बनना चाहता था लेकिन ना कोई ठौर ना ठिकाना तो जीवन के सपने आखिर सच हों तो कैसे. 
राकेश आज एक अदद घर के लिए भी तरस रहा है. मजदूरी कर के अपने परिवार की गाड़ी वह किसी तरह से खींच रहा है.राकेश का दोस्त लव कुमार भी काफी दुखी है और कह रहा है की महादलितों के लिए तो बहुत सारी योजनाएं हैं लेकिन वे सारी योजनाएं बीच में ही कहीं गुम हो जाती है,उनतक पहुँचती ही नहीं है.मांझी जी उनके गाँव आ रहे हैं, यह ख़ुशी की बात है लेकिन वे कुछ ऐसा करें की खास कर के गरीब महादलित जो पेट की खातिर पंजाब, हरियाणा, कश्मीर या अन्य प्रांत पलायन कर रहे हैं, वह पूरी तरह से रुक जाए. इस मर्ज और दर्द को लफ्फाजी की मरहपट्टी नहीं बल्कि इसका ईमानदारी से इलाज कैसे किया जाए,उस जतन की जरुरत है.राकेश व्यवस्था से कई ऐसे सवाल कर रहा है जिसका जबाब आसानी से दे पाना नामुमकिन है.

सीएम को लेकर तैयारी का सच

 मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:- कल छः जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के महादलितों के गाँव "घीना"पधार रहे हैं.मुख्यमंत्री वहाँ पर नौ दिवसीय दीना--भद्री मेले का उदघाटन करेंगे.इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन जहां हेलीपैड,मंच और शौचालय निर्माण सहित अन्य जरुरी इंतजाम में जुटा हुआ है वहीँ गाँव के मासूम बच्चे और बच्चियां भी मजदूर बनकर विभिन्य तरह के काम में जुटे हुए हैं.मुख्यमंत्री की खिदमत लाजिमी है लेकिन बच्चों का यूँ काम करना पुरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर रहा है. देखिये सारा आलम कुछ कह रहा है. मुख्यमंत्री के आने की तैयारी अपने पूरे शबाब और परवान पर है. मुख्यमंत्री कल नौ दिवसीय दीना--भद्री मेले का उदघाटन करेंगे.नौ दिनों तक यहाँ पर पशु देवता कारु--खिरहरी और कुल देवता दीना--भद्री को खुश करने के लिए यज्ञ भी होगा.गाँव के लोग मुख्यमंत्री के आगमन से काफी खुश हैं.लेकिन इन सबके बीच ज़रा इस एक्सक्लूसिव नजारा को देखिये. नौनिहाल बच्चे और बच्चियां दोनों मिलकर किस तरह से काम में जुटे हुए हैं.नन्हीं उंगलिया और नाजुक हाथों में काफी फुर्ती है, गोया वे काम नहीं करेंगे तो मुख्यमंत्री को रिझाने में कमी रह जायेगी.
यह नजारा सीने को चाक करने वाला है. जो काम मजदूरों को एक तय मजदूरी देकर करानी चाहिए वह बच्चों से कराया जा रहा है. गाँव के लोग गाँव में शौचालय,सड़क,स्कूल--कॉलेज, इंदिरा आवास और अस्पताल नहीं है सहित अन्य कमियों को लेकर भी खुलकर कह रहे हैं. प्रभाष यादव,सुभाष कुमार जैसे क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री के आगमन से काफी खुश हैं लेकिन वे यह भी कह रहे हैं की इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन बिल्कुल उदासीन बना हुआ है. बहुत सारे काम वे लोग ग्रामीणों से चन्दा लेकर करवा रहे हैं. सूबे के हाकिम आ रहे हैं तो उसकी धमक होनी लाजिमी है.वक्ती तौर पर सरकारी धन भी खूब खर्च हो रहे हैं लेकिन इसका सीधा लाभ ग़रीब महादलितों को कितना मिल सकेगा, इसपर संसय बरकरार है.

फ़रवरी 03, 2015

जिले में खाद बीज की हो रही है कालाबाजारी

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट :-  केंद्र सरकार की किसान और जन विरोधी नीति, जिले में खाद बीज की हो रही कालाबाजारी और खाद बीज की निर्धारित मूल्यों से अधिक रुपये की दर पर बेचे जाने के विरुद्ध में जिला कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों किसानों, मजदूरों के साथ सड़क जाम आंदोलन कर विरोध जताया.
जिले के सत्तरकटैया प्रखंड क्षेत्र के बिहरा बाजार स्थित कांग्रेस पार्टी की जिला इकाई द्धारा पार्टी  बिहरा बाजार में सड़क जाम आंदोलन कार्यक्रम आयोजित किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओंने बीच सड़क को जाम कर केंद्र सरकार की किसान और जनविरोधी नीति के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की और सहरसा- सुपौल मार्ग की आबाजाही को घंटों अवरुद्ध किया. आंदोलनकारियों ने कहा है कि वर्तमान केंद्र की  सरकार किसानो के साथ घोर जुल्म कर रही है. कृषि के लिए किसानों के बीच खाद का घोर किल्ल्त हो रहा है वहीं यूरिया खाद का निर्धारित मुल्य 290 रुपये प्रति 50 किलो बोरी की जगह किसानों से खाद बिक्रेताओं द्धारा  खुले तौर पर 400 रुपये लिया जा रहा है. नेताओं ने कहा कि सत्तरकटैया प्रखंड अधिकतर पंचायतों में डीजल अनुदान एवं वर्ष 2013 में आये फेलिन आपदा का अनुदान से लगभग 25 से 30 प्रतिशत किसान जो आवेदन दे चुके है उन्हें भुगतान नही हुआ है. बिहरा ग्राम पंचायत में खाद सुरक्षा योजना के अंतर्गत गरीबों को जन बितरण के दुकानों से मिलने वाली खाद्य सामग्री से सैकड़ों कार्डधारी  लाभुक वंचित है.बिचौलियों द्धारा पूर्व से ही 9 सौ से 11 सौ रुपये प्रति किवंटल के हिसाब से 80 प्रतिशत किसानों के धन खरीद कर जगह- जगह भंडारण कर लिया गया है जो एक जांच का विषय है. इन क्षेत्रों में सही सही जाँच किया जाय  तो केंद्र सरकार की पोल खुलकर सामने जनता के बीच आयेगा।  समय रहते किसानों,मजदूरों की इन समस्याओं का समाधान नही किया गया तो मजबूर होकर सरकार के विरुद्ध जनांदोलन किया जायेगा. आंदोलनकारियों में मुख्य रूप से रामसागर पाण्डेय, धीरेन्द्र नारायण शर्मा, विधानंद मिश्र, नवीन कुमार महाकांत राय, अरविंद सिंह, विकास देव, किशन साह, ललन प्रसाद सिंह, नवीन मिश्र, भरत झा, कुंदन मुखिया, अशोक सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.  

फ़रवरी 02, 2015

प्रेरकों ने मंत्री को सात सूत्री माँग समर्पित किया


कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- स्थानीय सुपर बाजार स्थित कला भवन में  आयोजित राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जिला कार्यकर्ता सम्मेलन, सहरसा में आये उपेन्द्र कुशवाहा मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, भारत सरकार के समक्ष प्रदेश प्रेरक संघ (साक्षरता) पटना बिहार के सचिव इंद्रभूषण कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों प्रेरकों ने संघ के बैनर तले अपने मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया. प्रेरकों ने समर्पित ज्ञापन में कहा है कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्धारा चलाये जा रहे साक्षर भारत कार्यक्रम को बिहार राज्य के सभी पंचायतो में स्थापित लोक शिक्षा केन्द्रों को सुचारू रूप से संचालित किये जाने को लेकर सरकार ने  प्रेरकों के जिम्मा दिया है.  जिसका नियोजन सितम्बर माह 2011 में आरक्षण रोस्टर अनुसार विभागीय निदेश के आलोक में संविदा पर 31 मार्च 2017 तक के लिए किया गया है.जिसमे प्रेरकों का मानदेय प्रतिमाह मात्र दो हजार रुपये निर्धारित है जो प्रति दिन लगभग 66. 64 रुपये होता है जबकी प्रेरकों का कार्य अवधि 8 घंटे प्रतिदिन है.ऐसे में साक्षर कर्मियों का मानदेय कम होने से वर्तमान में और सेवा संविदा पर कुछ वर्षों के लिए होने से भविष्य दुःखदायी महसूस हो रहा है.
इस कार्यक्रम में प्रखंड स्तर एवं जिला स्तर पर कार्यरत समन्वयकों का जीवन प्रेरकों जैसा ही है.  जबकि यह कार्यक्रम बिहार के अलावा अन्य राज्यों में संचालित है जिससे साक्षर कर्मियों का अंधकारमय जीवन को प्रकाशित करने हेतु आपकी पहल की आवश्यकता है. प्रेरकों ने माँग करते हुए कहा है कि तत्काल मानदेय राशि में सम्मानजनक वृद्धि, कार्यरत प्रेरकों एवं समन्वयकों की सेवा संहिता निर्माण करते हुए सेवा स्थायी की जाय, केंद्रीय कर्मचारी की तरह विभागीय सुविधाओं का लाभ,कार्यक्रम के अधीन पंचायत स्तरीय क्रय-व्यय का अधिकार {आर्थोराइजेशन }एवं खाता  का संचालन संबंधित पंचायत लोक शिक्षा समिति को दी जाए इस मौके पर प्रेरक संघ के संयोजक संजय कुमार, बिहार प्रदेश प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक संघ पटना सहित अन्य ने भाग लिया.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।