मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:- कल
छः जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहरसा जिले के सत्तर कटैया
प्रखंड के महादलितों के गाँव "घीना"पधार रहे हैं.मुख्यमंत्री वहाँ पर नौ
दिवसीय दीना--भद्री मेले का उदघाटन करेंगे.इस कार्यक्रम को लेकर जिला
प्रशासन जहां हेलीपैड,मंच और शौचालय निर्माण सहित अन्य जरुरी इंतजाम में
जुटा हुआ है वहीँ गाँव के मासूम बच्चे और बच्चियां भी मजदूर बनकर विभिन्य
तरह के काम में जुटे हुए हैं.मुख्यमंत्री की खिदमत लाजिमी है लेकिन बच्चों
का यूँ काम करना पुरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर रहा है. देखिये सारा आलम कुछ कह रहा है. मुख्यमंत्री
के आने की तैयारी अपने पूरे शबाब और परवान पर है. मुख्यमंत्री कल नौ दिवसीय दीना--भद्री मेले का उदघाटन करेंगे.नौ
दिनों तक यहाँ पर पशु देवता कारु--खिरहरी और कुल देवता दीना--भद्री को खुश
करने के लिए यज्ञ भी होगा.गाँव के लोग मुख्यमंत्री के आगमन से काफी खुश
हैं.लेकिन इन सबके बीच ज़रा इस एक्सक्लूसिव नजारा
को देखिये. नौनिहाल बच्चे और बच्चियां दोनों मिलकर किस तरह से काम में जुटे
हुए हैं.नन्हीं उंगलिया और नाजुक हाथों में काफी फुर्ती है, गोया वे काम
नहीं करेंगे तो मुख्यमंत्री को रिझाने में कमी रह जायेगी.
यह नजारा सीने को
चाक करने वाला है. जो काम मजदूरों को एक तय मजदूरी देकर करानी चाहिए वह
बच्चों से कराया जा रहा है. गाँव के लोग गाँव में
शौचालय,सड़क,स्कूल--कॉलेज, इंदिरा आवास और अस्पताल नहीं है सहित अन्य कमियों
को लेकर भी खुलकर कह रहे हैं. प्रभाष यादव,सुभाष कुमार जैसे क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री के आगमन से काफी खुश हैं लेकिन वे यह भी
कह रहे हैं की इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन बिल्कुल उदासीन बना हुआ
है. बहुत सारे काम वे लोग ग्रामीणों से चन्दा लेकर करवा रहे हैं. सूबे
के हाकिम आ रहे हैं तो उसकी धमक होनी लाजिमी है.वक्ती तौर पर सरकारी धन भी
खूब खर्च हो रहे हैं लेकिन इसका सीधा लाभ ग़रीब महादलितों को कितना मिल
सकेगा, इसपर संसय बरकरार है.
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