कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट: अपनी अपहृत बेटी कि बरामदगी को लेकर पिछले कई दिनों से स्थानीय स्टेडियम में अनिश्चित काल भूख हड़ताल पर बैठी एक माँ की व्यथा और उसकी सुधि तक लेने के लिए न तो जिला प्रशासन के आलाधिकारी ही उनके पास पहुंचे न ही पुलिस के अधिकारी ही लेकिन एक माँ ने अपने कोख से जन्मी बेटी को कैसे भूल जाय.अपनी बेटी की बरामदगी कि मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठी है. ताकि जिला प्रशासन और पुलिस उसकी बेटी को सकुशल बरामद कर ला दे लेकिन अबतक किसी ने सुधि तक नहीं ली. जिले के बिहरा थाना क्षेत्र के बरहसेर पंचायत के वार्ड नंबर 04 निवासी मनी भूषण चौधरी की पुत्री शुभम कुमारी उर्फ़ प्रियमदा चौधरी का अपराधियों ने अपहरण कर ले गया जिसके विरुद्ध में परिजनों के द्धारा बिहरा थाना कांड संख्या 220 /14 दर्ज की गयी मगर पुलिस अब तक न तो लड़की को बरामद कर सकी और न ही अपराधियों को पकड़ सकी है. जबकि18 दिसंबर 14 को ही यह घटना घटी है. आवेदन में परिजनों के द्धारा इस मामले में अपहरण कर ले गए अपराधी का नाम और उसके सम्पर्क नंबर भी पुलिस को दिए जाने कि बात कही गयी है.
अनिश्चित काल भूख हड़ताल पर बैठी अपृहता की माँ रीना चौधरी ने कहा कि अपनी बेटी की बरामदगी को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारी तक आवेदन देकर गुहार लगाई है. जिसमे अपनी पुत्री को सकुशल बरामदगी करने को लेकर पुलिस को अपराधियों का नाम के साथ संपर्क नंबर तक दिया है. बावजूद पुलिस अपराधियों की गिरेहबान तक नही पहुँच पा रही है.अपहृता की माँ रीना चौधरी की बिगड़ती हालत और पुलिस की सुस्त रवैये को देख फिर से एक बार शहर में आंदोलन की शुरुआत होने लगी है जिसमे छात्र संगठनों ने छात्र नेता मनीष सम्राट के नेतृत्व में दर्जनों छात्रों ने रीना के समर्थन में पुलिस अधीक्षक सहरसा के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और मांगों का एक ज्ञापन समर्पित किया है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनो में जिला परिषद सदस्य प्रवीण आनंद,राकेश कुमार,सोनू कुमार गुप्ता रवि कुमार, नितेश कुमार, मौसम कुमार, राकेश कुमार गुप्ता,विजय कुमार,बिट्टू कुमार आदि ने कहा की पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठी रीना चौधरी की सुधि तक किसी अधिकारीयों द्धारा नही लिया जाना अपराधी, पुलिस गठजोड़ साबित हो रहा है. ऐसी व्यवस्था के खिलाफ अब लड़ाई लड़ी जाएगी। समय रहते पुलिस कारगर कदम नही उठाती है तो आने वाले दिनों में एक बार फिर शहर में पुलिस के विरुद्ध पब्लिक भी आक्रोशित होकर इन छात्र संगठन के आंदोलन में शामिल होकर सड़क पर उतरकर आवाज उठाएगी।
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