अक्तूबर 05, 2015

माँ ने ठानी थी पर्व खरजीतिया तो डूबने से बच गया पुत्र ........

कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:-  आखिरकार एक  माँ के द्वारा किये गए अपने औलाद की जिंदगी की सलामती की दुआ पोखर में डूबे बादल को मिल गया. जिससे उसकी जिंदगी बच गयी. सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के बिहरा गांव के दिनेश साह के 10 वर्षीय पुत्र बादल कुमार एक पोखर में नहाने चला गया था इसी दौरान वह पोखर में डूब गया. उधर बच्चे के माता-पिता अपने बेटे को खोज रहे थे, लेकिन कोई पता नही चल रहा था अपने बेटे को नही देख माँ चांदनी देवी ने इस बार भी होने वाली बेटे की जिंदगी की सलामती का पर्व खरजीतिया करने की ठानी हुई थी कि इस बार भी कष्ट सह कर करना है लेकिन उसे  यह पता नही था कि उसका पुत्र पोखर में नहाने गया और डूब गया है. उसने अपने देवी माँ से पुत्र की सलामती की दुआ मांगी एक माँ की बच्चे के लिए मांगी गयी दुआ मिल गया डूबे बालक मौत के मुँह से वापस आ गया हलांकि बालक को  बचाने में ग्रामीणो का बहुत बड़ा सहयोग भी रहा है. जिन्होंने पोखर में डूबता हुआ बादल को निकाल कर अस्पताल  लाया जहां डॉक्टर ने बेहोश पड़े बालक का इलाज किया जिससे वह ठीक हो गया. पर्व  से एक दिन पूर्व ही इस तरह बच्चे को डूबने की घटना  से ग्रामीणो के बीच यह चर्चा का विषय है कि घटना के  एक दिन बाद ही महान पर्व जितिया है जिसे हर माँ करती है अपने औलाद की जिंदगी की सलामती के लिए   

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।