फ़रवरी 20, 2015

मिथिला फिल्म सोसाइटी के द्धारा कोसी क्षेत्र में फिल्म निर्माण प्रशिक्षण.........

कृष्णमोहन सोनी की  रिपोर्ट:-  हर सुख दुःख की घड़ी में मनोरंजन एक  प्रकार से सार्थी के रूप में माना जाता है जिससे लोगों में सही और गलत दिशा का चयन करने में सहूलियत होता है और लोग भीषण परिस्थिति में मनोरंजन का लुत्फ़ उठा कर जीवन की गाड़ी को सही पटरियों पर लाकर एक नई जिंदगी को जी लेते है. लोगों  के जीवन में मनोरंजन अति आवश्यक है लेकिन फिल्म जगत में  हर सभी को मौका नही मिल पाता है ख़ास कर उन कलाकारों को जो आर्थिक स्थिति से कमजोर होते हैं.
कोसी प्रमंडल क्षेत्र में अब फिल्म का निर्माण और प्रशिक्षण देने के लिए मिथिला फिल्म सोसाइटी द्धारा पहल की जा रही है. सहरसा में मिथिला फिल्म सोसाइटी के द्धारा तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सोसाइटी द्वारा स्थानीय कलाकारों को फिल्म निर्माण संबंधी प्रशिक्षण दिया गया. इस कार्यशाला में मिडिया कर्मी और पार्थो घोष सहित कई नामचीन निर्देशकों के साथ काम कर चुके कोलकाता के फिल्म निर्देशक अंजन गोस्वामी की अगुवाई में सम्पन्न हुई जबकि कैमरा में गणेश कुमार गुप्ता सहित अन्य फिल्म कर्मियों ने अपने- अपने अनुभवों को तीन दिनों तक नए फिल्म कर्मियों के बीच बांटा. इस मौके पर प्रेस संवाद  में बताया गया की फिल्म निर्देशक अंजन गोस्वामी ने कई बंगाली फिल्मो सहित दर्पण, रजनी, सुबह , चुनौती चतकार आदि सीरियलों में क्रिएटिव डायरेक्टर का काम किया है, हिंदी फिल्मो में दलाल, तीसरा कौन , अग्निसाक्षी 100 डेज, गुलाम ए मुस्तफा, युग पुरुष बीवी हो तो ऐसी जैसे दर्जनो फिल्मो में एसोसिएट किया है. वंही कैमरा में गणेश गुप्ता ने सुपर हिट फिल्म धूम 3 में कैमरा में का काम किया है, हिंदी फिल्म डॉन 2, सावधान इण्डिया, क्राइम पेट्रोल, बालिका वधु, सरस्वती चन्द्र, अर्जुन आदि सीरियलों में डायरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफर के रूप में भी काम किया है.
 इस मौके पर सचिव अनिल कुमार सहित नवोदित फिल्म कर्मियों में संजय सारथी, अभिषेक कुमार वात्सल्य दीप नारायण, अजय कुमार, चंदन कुमार सचिन कुमार शशि भूषण,  महेश, संजय,  आशीष, संदीप,कुंदन, विक्रमादित्य, मो० रिजवान, दुलार चंद आदि ने प्रशिक्षण लिया।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।