फ़रवरी 28, 2017

आमरण अनसन एवं धरना प्रदर्शन दसवें दिन भी जारी

सलखुआ से रीगन कुमार की रिपोर्ट -----
सलखुआ प्रखण्ड के चानन पंचायत अंतर्गत डेंगराही घाट पर हो रहे आमरण अनसन एवं धरना प्रदर्शन मंगलवार को दसवें दिन भी जारी है. ज्ञात हो की 19 फ़रवरी से खगड़िया के सुगरकोल बागमती नदी में पुल और सहरसा के डेंगराही नदी में पुल निर्माण को लेकर बाबू लाल शौर्य के नेतृत्व में पुल सड़क निर्माण संघर्ष मोर्चा के कैलाश पासवान और जन संघर्ष अभियान के सुभाष चंद्र जोशी, कोसी पीड़ित मुक्ति मंच के अध्यक्ष दीनानाथ पटेल के संयुक्त तत्वाधान में अनिश्चित कालीन आमरण अनशन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। 
संयुक्त रूप से  घोषणा पत्र के द्वारा मांग कि है कोसी नदी के डेंगराही घाट पर पुल का निर्माण हो, खगड़िया के सुगरकोल बागमती में पुल का निर्माण किया जाय, कमला नदी पर सुगरकोल घाट ग्राम झीमा पंचायत आनंदपुर मारन ग्राम झीमा के पास कमला का मूल धार पर पुल निर्माण , खजुरदेवा कोसी कॉलोनी से धाप कबीरा बेलाही चिड़ैया होते हुए ग्राम सरबजीता खगड़िया सीमा तक सड़क निर्माण एवं सरबजीता से सोनमंखी सड़क निर्माण, आवादी के हिसाब से स्वास्थ्य व्यवस्था हेतु अस्पताल का निर्माण , आवादी के हिसाब से उच्च विद्यालय एवं महाविद्याल का निर्माण किया जाय। खगड़िया से सहरसा एनएच 31 को एनएच107 में मिलाया जाय जिससे खगड़िया सहरसा की दुरी कम हो सके, साथ ही इसी रास्ते में बलवा हाट के कंठो में बाबा मटेश्वर स्थान जो पर्यटक स्थल बनने जा रहा है इस पथ के बन जाने से यह पथ कावड़िया पथ भी बन जाएगा। 
सुभाष चंद्र जोशी ने बताया कि  वर्तमान में डुमरी होते हुए बैजनाथ पुर से सहरसा की दुरी लगभग 88 किलो मीटर है। जबकि खगड़िया से सोनमंखी घाट, चिड़ैया, कबीरा धाप, खजुरदेवा कोसी कॉलनी, चपराँव चौक, बलवा कंठों, बरियाही होते हुए सहरसा की दुड़ी मात्र 38 किलो मीटर लगभग होगी, इससे 50 किलोमीटर की दुरी कम होगी, साथ ही खगड़िया, बेगूसराय, मुंगेर, सहित कोसी क्षेत्र के सहरसा ,सुपौल, दरभंगा, मधुबनी की करोड़ो जनता को आवागमन की सुविधा मिलेगी। 
अनसन एवं धरना के नोवें दिन सोमवार को रितेश रंजन साथ में प्रवीण आनंद ने लगभग तीन दर्जन स्थानीय महिलाओं के साथ अनसन पर बैठ गए। 
श्री रंजन ने बताया कि जबतक सरकार के तरफ से कोई ठोस अस्वाशन नहीं मिलता है तब तक बाबूलाल शौर्य के नेतृत्व में हमलोग भी अनसन से नहीं उठेंगे। साथ फोन के जरिए भाजपा प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने बाबूलाल शौर्य से बात किए जिसकी जानकारी रितेश रंजन ने बताया कि  भाजपा प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार  ने अनसनकारियों  का जायजा लिया एवं कहा कि इस अनसन में हमलोगों का समर्थन है और विधान सभा के दोनों सदन में पुरजोर तरीके से सवाल उठाया जाएगा।आप लोग अनसन को अनवरत जारी रखेंगे।साथ ही बतया की 75 महिला अनसनकारी महिलाओं का सूची तैयार है जो लगभग बुधवार से आमरण अनसन पर बैठेंगी।वही बिहार बिकाश मोर्चा के संयोजक सोनू तोमर ने अपने साथयों के साथ  अनसन का समर्थन किए और बताए की हो सकता है दो दिन के अंदर हमलोग भी अनसन में भाग ले।मौके पर बिहार विकाश मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजाराम चौधरी,संजीव,बबलू,धीरज यादव,प्रमजीत सिंह,डॉ.अरबिन्द कुमार, के.पी. शर्मा,मुरारी कुमार,सोनू तोमर बिहार विकाश मोर्चा के संयोजक,कपिलदेव सिंह,जोगेंद्र सिंह,कैलाश पासवान,उपेन्द्र महतों,रामविलाश महतों,दीनानाथ पटेल,अशोक दास, विद्यानन्द यादव,कुशेश्वर यादव,युगेश्वर यादव,सुदिन यादव,प्रमोद महतों,पांडव यादव,सुनील यादव,रूदल महतों,रंजेश महतों,अरबिन्द महतों,आनंदी महतों रामनंदन सिंह,पांडव यादव,रणवीर यादव,कुमार विजय रंजन, इत्यादि हजारों फरकिया वासी धरना स्थल पर मौजूद रहें।

फ़रवरी 27, 2017

नवटोल के समीप NH 107 पर टैम्पू और स्कार्पियो की भिड़ंत

मधेपुरा से रविकांत कुमार की रिपोर्ट ---- 
जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत परवा नवटोल के समीप एन.एच 107  सहरसा पूर्णिया जाने वाली मुख्य मार्ग पर टैम्पू और स्कार्पियो की भिड़ंत हो गयी. जिसमे टैम्पू पर सवार कई यात्री घायल हो गए।
 मिली जानकारी अनुसार दिन के दोपहर एन.एच.107 सहरसा पूर्णिया मुख्य मार्ग पर परवा नवटोल चौक के समीप मधेपुरा से मुरलीगंज की ओर जा रही टैम्पू बीआर 43 पी 2834 को मधेपुरा के तरफ से ही आ रही स्कार्पियो बीआर 11 डब्लू 8328 ने पीछे से जोरदार धक्का मारा, टैम्पू अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे वृक्ष से टकड़ा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी।
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार टैम्पू को ठोकर मारकर स्कार्पियो चालक गाड़ी ले कर तेज़ी से दुर्घटना स्थल से फरार हो गया। स्थानीय लोगो ने तत्यपर्ता से टैम्पू में सवार सभी घायलो को निकाला और मुरलीगंज थाने को दुर्घटना के बारे में जानकारी दी। कुछ ग्रामीणों ने भाग रहे स्कार्पियो का पीछा करके रामपुर स्टेट बैंक के समीप पकड़ा । 
लोगो के उत्तेजित भीड़ को देख स्कार्पियो चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। इधर मोके से टैम्पू चालक भी फरार बताया जा रहा है। स्थानीय लोगो ने बताया की टैम्पू पर दस बारह लोग सवार थे।
घायल चंदा देवी उम्र करीब 25 साल पति रंजीत यादव  विशुनपुर वार्ड नंबर 12 निवासी के आँखों में चोट लगी है। चन्दा देवी ने बताया कि हमलोग नवटोल में बैठे थे, मुरलीगंज अपने ससुर के साथ जा रहे थे कि पड़वा चौक के सामने पिछे से स्कॉर्पियो ने आकर धक्का मार दिया टेम्पो जाकर वृक्ष से जा टकराई। 
ग्रामीण ने बताया कि सवार यात्री दो रामानंद यादव उम्र करीब 65 साल , मागो यादव उम्र करीब 70 साल, दो महिला और दो बच्चे घायल हुए।वही गाड़ी पर सवार सभी घायलो को ग्रामीण के द्वारा सदर अस्पताल भेजा गया।   

दुर्घटना की सूचना पाकर मुरलीगंज पुलिस दुर्घटना स्थल पर पहुँच कर स्कार्पियो और टैम्पू को अपने हिरासत में थाना लाया गया और मामले की छान बिन में जुट गयी।

21 घर जल कर हुआ राख

समस्तीपुर से लक्ष्मी प्रसाद की रिपोर्ट 
उजियारपुर प्रखंड के हरपुर रेवाड़ी गाँव में  आग लग जाने से मुखिया घर सहित 21 घर देखते देखते राख में तवदिल हो गया । आग की लपटें इतनी तेज थी की अगल बगल के और घरों को अपने चपेटे में ले लिया।  लाखो की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है।
घटना की सुचना पर दमकल की गाड़ी बुलाया गया उसके आने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया गया। दूसरी गाड़ी आने के बाद ग्रामीणों के सहयोग के साथ आग पर  काबू पाया गया। स्थानीय लोगो का बताना है की कम्मल पासवान नामक ब्यक्ति कुछ दिन पुर्व दारू बनाने के आरोप में जेल गया था ।  और दो तीन दिन पहले जेल से निकल कर आया ही था। उसका आरोप था कि स्थानीय मुखिया ममता देवी ने ही जेल भेजवाया है । उसी गुस्से में आकर उसके पुत्र शिवन बसंत और अनिल ने मिटटी तेल डाल कर आग लगा दिया है । आग के कहर के बाद गाँव में मातम का माहौल बन गया है । वही अंगार पुलिस ने बसंत को अपने हिरासत में ले लिया है । स्थनीय प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुट गई है ।

पिता ने कर दी पुत्र की हत्या !!!!

लखीसराय से रजनिश कुमार की रिपोर्ट---
सूर्यगढा प्रखण्ड अंत्तर्गत पीरी बाजार थाना क्षेत्र के कस्बा गाँव मे अहले सुबह एक पिता ने बेटे के प्रताङना से तंग आकर सोते समय उसकी निर्मम हत्या कर दी.उक्त आशय की पुष्टी करते हुए पीरी बाजार थानाध्यक्ष रविकांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता -पुत्र के बीच करीब चार-पाँच बर्ष पूर्व से रंजीश चल रही थी.
हलाँकि पिता रामचन्द्र सिंह ने अपने पुत्र को रोजगार के खातिर करीब चार-पाँच साल पूर्व अपने साथ दिल्ली ले गया था जहाँ वह पूर्व से प्राईवेट नौकरी करता था.बेटे को काॅल सेन्टर में नौकरी दिला ईत्मीनान हो गया कि गाँव के विसंगती से अच्छा उसके देख-रेख में रहकर सम्हल जायेगा.परन्तु कुछ हीं दिन में पुत्र अमित ने वहाँ भी गलत संगत में पङकर पिता के विरोध करने पर पिता को हीं मार-पीट करने लगा.पिता मजबुर हो उसे उसके हाल पर छोङ दिया.घटना के दिन
सोमवार को उनके परिवार में मनहुस सुबह हुई जब  पिता रामचन्द्र को अपने घर कस्बा आने की खबर पाकर वह भी दिल्ली से आ गया और अपने खपङैल घर को तोङकर पक्के का घर बनाने लगा. सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पुत्र अमित ने बाप पर मोटी रकम घर बनाने को लेकर देने का दबाब बनाने लगा व नही देने पर मार-पीट के साथ जान मारने की धमकी भी दे डाला.पिता रामचन्द्र ने बेटे की करतुत से तंग आकर विक्षिप्त हो गया और सोमवार की सुबह सुषुप्तावस्था में घर में पङे खन्ती से गले पर वार करके अपने ममता को हीं गला घोंट डाला.पीरी बाजार थानाध्यक्ष श्री रविकांत ने बताया कि पिता को गिरफ्तार कर लक्खीसराय जेल भेज दिया जबकि शव को पोस्टमार्टम के लिए लक्खीसराय सदर अस्पताल भेजा गया.घटना के बाद लोगो ने बताया कि जिस हाथ ने पाल-पोसकर बङा किया उसे मजबुर होकर उसी हाथो से हत्या करने की नौवत आ गई.
हे ईश्वर ऐसी घटना करने की नौवत किसी को न आए.सचमुच कहा भी गया है कि सबसे बङा दुःख बाप के जिन्दा रहने पर उसके पुत्र का जनाजा निकलना हीं माना जाता है.

फ़रवरी 26, 2017

दिवंगत पत्रकार को श्रधांजलि....


दिवंगत पत्रकार की आत्मा की शान्ति के लिए सर्वधर्म प्रार्थना सभा सह श्रधांजलि सभा का आयोजन 
शंकर चौक स्थित शिव मन्दिर परिसर में हुयी सभा
पूर्वोत्तर बिहार के फोटो पत्रकारिता के जनक के रूप में थी ख्याति..
पांच दशक से प्रिंट और फोटो पत्रकारिता के लब्ध प्रतिष्ठित, 
पुरोधा और शौर्यवान शख्सियत थे दिवंगत धर्मवीर गुप्ता 
विभिन्य राजनीतिक दल के नेता,समाजसेवी, व्यवसायी,
प्रबुद्धजन सहित पत्रकार इस सभा में हुए शामिल
पुष्प अर्पित कर और व्यक्तित्व पर चर्चा कर दी गयी श्रधांजलि 
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
कोसी--सीमांचल सहित पूर्वोत्तर बिहार के पांच दशक से अधिक से प्रिंट पत्रकारिता और फोटो पत्रकारिता के जनक,पुरोधा और एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी रहे,दिवंगत धर्मवीर गुप्ता के लिए सर्वधर्म प्रार्थना सह श्रधांजलि सभा का आयोजन सहरसा जिला मुख्यालय स्थित शंकर चौक के शिव मन्दिर परिसर में हुयी ।
हमको बड़ा गर्व है की इस मातमपुर्सी के शोकाकुल कार्यक्रम के हम भी साझीदार बने ।बताते चले की धर्मवीर गुप्ता इसी माह 15 फरवरी को हमसभी को अलविदा कह गए ।सबसे पहले हम ईश्वर से उनकी आत्मा की चिर शान्ति के लिए अंतरतम से कामना करते हैं । 
 कार्यक्रम की शुरुआत प्रगतिशील नागरिक मंच के बैनर तले दिन के ग्यारह बजे हुयी । वयोवृद्ध पत्रकार प्रोफ़ेसर वशिकांत चौधरी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आगाज हुआ । 
सबसे पहले सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुयी जिसमें मंदिर के पुजारी, मस्जिद के इमाम,चर्च के पादरी और गुरुद्वारे के पंथी ने अपने धर्म के मुताबिक परमपिता से मृतक की शान्ति के लिए दुआ की ।इसके बाद सभा में उपस्थित लोगों ने मृतक को पुष्प अर्पित कर और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की । फिर क्रमशः वक्ताओं ने दिवंगत के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला । 
वक्ताओं में पूर्व जदयू विधायक गुंजेश्वर साह, पूर्व भाजपा विधायक संजीव झा, वरिष्ठ भाजपा नेता डॉक्टर रामनरेश सिंह, विजय वसंत, शशि शेखर सम्राट, युवा भाजपा नेता लुकमान अली, जदयू के जिलाध्यक्ष धनिक लाल मुखिया, उपाध्यक्ष सुरेश लाल, राजद के शिवशंकर विक्रांत, बजरंग गुप्ता, जाप नेता हरिहर गुप्ता, शैलेन्द्र शेखर, समाजसेवी सह भाजपा नेता शम्भुनाथ झा, समाजसेवी प्रवीण आनंद, सुभाष गांधी, अनिल गिरी, सदर एसडीओ जहांगीर आलम, पत्रकार प्रोफेसर वशिकांत चौधरी, पत्रकार मुकेश कुमार सिंह, मनोज झा, विकास कुमार, रंजीत सिंह, चन्दन सिंह, मनोज कुमार, राजीव झा, बीएन सिंह पप्पन, सिदार्थ शंकर, सुशील झा, सुभाष चन्द्र झा, अजहर उद्दीन, मुजाहिद, अमित कुमार अमर, तेजस्वी ठाकुर, भार्गव कुमार मुख्य रूप से शामिल थे । कार्यक्रम का संचालन युवा पत्रकार आलोक झा कर रहे थे,जो इस कार्यक्रम के संजोयक भी थे ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लुकमान अली, प्रकाश जायसवाल,कुमार अमरज्योति ने महती भूमिका निभायी ।
इस कार्यक्रम के आखिर में मृतक धर्मवीर गुप्ता के छोटे भाई ओमप्रकाश गुप्ता ने शहर के मछली मार्केट स्थित लगभग एक कट्ठा जमीन मृतक के नाम से पत्रकारों को दान की जिसपर धर्मवीर गुप्ता स्मृति भवन,पुस्तकालय और स्वास्थ्य केंद्र बनाये जाने हैं ।कार्यक्रम की समाप्ति लुकमान अली के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ ।
धर्मवीर गुप्ता की मृत्यु से निसंदेह पत्रकारिता के एक युग का अंत हो गया ।उनके जाने से एक शून्य उभरा है जिसकी भरपाई आने वाले दिनों में आसानी से सम्भव नहीं है ।
इस कार्यक्रम का एक दुःखद पक्ष कार्यक्रम के दौरान बेहद सिद्दत से दिखा जिसका जिक्र करना लाजिमी है ।किसी नेता,अधिकारी और रसूखदार की मौत और मातमपुर्सी के वक्त पत्रकारों का हुजूम नजर आता है लेकिन एक दिवंगत पत्रकार की श्रधांजलि सभा में गिनती के पत्रकार नजर आये । पत्रकारों का इस कार्यक्रम से इस तरह से गायब रहना, पत्रकारों की गुटबाजी का एक हिस्सा है, जो पत्रकारिता को शर्मसार करने के लिए काफी है ।
आखिर में हम ताल ठोंककर कहते हैं की आज की पत्रकारिता पीढ़ी बेपटरी और हासिये पर है । इसका एकमात्र कारण है की तथाकथित पत्रकारों की फ़ौज खड़ी है जिसमें विरले ही पत्रकार हैं,जो  कसौटी पर कसकर पत्रकारिता कर रहे हैं ।

फ़रवरी 24, 2017

BSSC के अध्यक्ष IAS सुधीर कुमार गिरफ्तार

बड़ी ख़बर------
पटना
--पर्चा लिक मामले में BSSC के अध्यक्ष IAS सुधीर कुमार को SIT ने हजारीबाग से किया गिरफ्तार ।सुधीर कुमार के साथ उनके रिश्तेदार की भी हुई गिरफ्तारी,उनकी भी है संलिप्तता । गिरफ्तारी के बाद सुधीर कुमार ने  पुलिस को दी कई चौकानें वाली जानकारियां ।SIT की गुजरात गयी टीम भी अभी कुछ देर में पहुंचेगी पटना ।

फ़रवरी 23, 2017

मुर्दे भी उठा लिए इन्दिरा आवास.....

तौकीर रज़ा की रिपोर्ट -------
कटिहार का एक ऐसा इलाका जहाँ मुर्दे भी उठाते हैं इंदिरा आवास योजना का लाभ. ज़िंदा लोग योजना से हैं महरूम ये खुलासा सुचना का अधिकार के तहत प्राप्त हुआ है.  
कटिहार के कोढा प्रखण्ड में इन्दिरा आवास योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले का पर्दाफास हुआ है.ये खुलासा सुचना के अधिकार के तहत कोढा के एक आर.टी.आई. कार्यकर्ता को प्राप्त हुआ है. खुलासे में जो बातें सामने आई वो काफी चौकाने वाला था. 
फाइल फोटो 
जिसमे बताया गया है की कोढा के उत्तरी सिमरिया पंचायत में ज्यादातर ज़िंदा लोगों को मुर्दा बताकर कर इन्दिरा आवास योजना का लाभ उठा लिया है. यही नहीं कुछ तो नाबालिग है और कुछ बिहार के बाहर के दूसरे राज्य बंगाल के लोगों का नाम सूचि में जोड़कर राशि की निकासी कर ली गई है। 
यही नहीं नाबालिग का पिता खुद कह रहा है की उसका बीटा नाबालिग है. जिसके नाम से इन्दिरा आवास उठाया गया है,वहीँ कुछ मृतक के परिवार वाले भी कह रहे हैं की उनके रिस्तेदार की मौत हो चुकी फिर राशि की निकासी कैसे हो गई। जब हमारी न्यूज़ टीम ने इस पंचायत में पड़ताल शुरू किया तो जो मुर्दे थे वो सामने आ गए. जो सरकारी बाबुओं के कागजो में मृत है. एक शख्स ऐसा दिखा जो इन्दिरा आवास के खाते मैं मृत है वह एक व्यवसाई के घर काम करता दिखा ,जब उनसे इंद्रा आवास का जिक्र किया गया तो हैरान था.

देश को सन्देश दे रहा यह दाम्पत्य जोड़ी

जोड़ी हो तो ऐसी

शौर्य से लवरेज सुखद दाम्पत्य जीवन का जीवंत स्पंदन

खोते और गुम हो रहे रिश्ते को गर्माहट देने वाला है यह दाम्पत्य जीवन 
दिल्ली से मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट---
आज के आधुनिक काल में आपाधापी, अंधदौड़ और कोलतार की सड़क पर रेंगती जिंदगी के बीच आत्मीय चेतना मर सी गयी है ।ऐसे में विविध सांसारिक रिश्तों की मर्यादा और गर्माहट बेहद कम या यूँ कहें की ना मात्र रह गयी है । भौतिकवादी सुखों के संग्रहण में रिश्ते की मजबूत दिवार धराशायी हो रही है ।एक तरह से कहें तो भोग और विलास में जीवन अभिसप्त हो गया है ।
ऐसे माहौल में आज हम एक अलग विषय लेकर हाजिर हुए हैं जो हमारे समाज को कई तरह की प्रेरणा दे रहा है ।आज हम सुखद दाम्पत्य जीवन की चर्चा कर रहे हैं ।हांलांकि अपने इस आलेख में हम सुखद दाम्पत्य जीवन के बहुतेरे टिप्स देने नहीं जा रहे है बल्कि एक दम्पति की कहानी लेकर मयस्सर हो रहे हैं जिनके जीवन में रस,आनंद और खुशी की दरिया बह रही है ।
हम RAF के सेकण्ड कमांडेंट अश्वनी झा और उनकी एंकर सह उद्घोषिका पत्नी ऋतू झा के सुखद दाम्पत्य जीवन की चर्चा अपने इस आलेख में करने जा रहे हैं । 
सबसे पहले हम इनके जीवन के शुरूआती पक्ष को करीने से जान लेते हैं ।अश्वनी झा का जन्म बिहार के दरभंगा जिले के बहेरा थाना क्षेत्र के सजहौर गाँव में हुआ था । अश्वनी तीन भाई और एक बहन में सब से छोटे हैं ।कहते हैं की जल्लाद को भी अपनी संतान प्यारी होती है । अश्वनी झा के पिता श्यामानंद झा अपनी पत्नी लीला झा के साथ बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए कोलकाता चले गए और पियरलेस बीमा कम्पनी में नौकरी करने लगे ।शुरू में सभी कुछ ठीक--ठाक था लेकिन बाद में कम्पनी दिवालिया हो गयी और श्यामाकांत झा सड़क पर आ गए । फिर परिवार के बुरे दिन आ गए लेकिन श्यामाकांत झा ने हिम्मत नहीं हारी और फुटकर नौकरी से अपने बच्चों की बेहतर परवरिश जारी रखी ।
अश्वनी झा की प्रारंभिक शिक्षा सेंट थॉमस हाई स्कूल दासनगर हावड़ा से हुयी ।1991 में भारत सरकार की तरफ से उन्हें मेरिट छात्रवृति मिली और फिर उनका दाखिला आर.के.मिशन पुरुलिया में हुआ ।उस समय तक उन्हें मानव संसाधन और विकास विभाग से छात्रवृति मिल रही थी । 
कोलकाता से अश्वनी झा ने मनोविज्ञान विषय से स्नातक की डिग्री ली । इनकी सीधी नियुक्ति CRPF में गजेटेड ऑफिसर के तौर पर हुयी । अभी वर्तमान में ये RAF में सेकेण्ड इन कमांडेंट के तौर पर कार्यरत हैं जो CRPF का ही एक विशिष्ट भाग है ।अभी अश्वनी झा झाड़खंड के जमशेदपुर में तैनात हैं ।
अश्वनी की उपलब्धियां स्कूल के दिनों में और विश्वविद्यालय स्तर पर क्विज,अंतराक्षरी और कई प्रतियोगिता में अश्वनी झा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था ।बीते साल इन्होनें एक राष्ट्रीय पुरुष्कार जीता जिसमें अलका याग्निक,सुगंधा मिश्रा जैसी हस्ती भी शामिल थी ।बीते वर्ष अगस्त माह में इन्होनें ली मेरीडियन में मिथिला का लब्ध प्रतिष्ठित सम्मान "अटल मिथिला सम्मान" पाया ।इस सम्मान को पाने वालों में बिन्देश्वर पाठक,शारदा सिन्हा,उदित नारायण, प्रभात झा और पप्पू यादव जैसी हस्ती शामिल थी  ।इसके अलावे अश्वनी झा को केंद्र सरकार के युथ अफेयर्स मंत्रालय के द्वारा समर्थित राष्ट्रीय स्काउट्स और गाईड्स संगठन के द्वारा एक्ससाइलेन्स अवार्ड के लिए चुना गया ।यह अवार्ड श्री झा को बीते कल यानि 22 फ़रवरी को जम्मू और कश्मीर के महामहिम राज्यपाल एन.एन. वोहरा के हाथों मिला ।
अश्वनी झा की विदुषी पत्नी ऋतू झा बिहार के सहरसा जिले के बघवा गाँव की रहने वाली है ।ऋतू की शिक्षा--दीक्षा हावड़ा,पश्चिम बंगाल से हुयी । अश्वनी और ऋतू की शादी बड़े धूमधाम से वर्ष 2005 में हुयी ।ऋतू पहले दूरदर्शन में न्यूज एंकर थी ।उसने कई नामचीन हस्तियों का खूबसूरत अंदाज और नायाब सलीके से इंटरव्यू किया था जिससे उनकी एक अलग पहचान बनी ।ऋतू ने एक काव्य संग्रह भी लिखा है जिसका नाम "तरंग" है ।इस काव्य संग्रह में समाज और समकालीन मुद्दों को फोकस किया गया है ।ऋतू फिलवक्त जमशेदपुर आकाशवाणी में उद्घोषिका है ।अश्वनी और ऋतू को एक बिटिया है ।
अश्वनी और ऋतू यूँ तो बिहार के रहने वाले हैं लेकिन उनके सुखद दाम्पत्य जीवन की मिशाल झाड़खंड में दी जाती है ।हमने घंटों इस दम्पति के साथ गुजारे और उनकी जीवन शैली और आचार--व्यवहार को सिद्दत से टटोला ।दोनों समवेत बताते हैं की वे पति --पत्नी नौकरी में है लेकिन आजतक उनके वैवाहिक जीवन में कभी क्लेश नहीं आया । किसी बात को लेकर किच--किच और झिक--झिक नहीं हुयी ।उनके रिश्ते की गर्माहट कम होने के बजाय अनवरत बढ़ती ही जा रही है ।
आपसी प्रेम, भरोसा,उम्मीद,विश्वास,निष्ठा,समर्पण,त्याग और अंडरस्टेंडिंग की वजह से उनके दाम्पत्य जीवन में कभी कोई शोर नहीं हुआ ।आस--पड़ोस के लोगों से भी हमने इस दम्पति के बारे में जानना चाहा । सभी ने समवेत यही कहा की सफल और सुखद दाम्पत्य जीवन की मिशाल देखनी हो तो अश्वनी और ऋतू से मिलिए ।वाकई हम तो बहुत गद्गद् हुए इस अनमोल और बेनजीर जोड़े को देखकर । अश्वनी और ऋतू को देश और समाज की खातिर बहुत कुछ करने की ख्वाहिश है ।हमें भी उनके वृहत्तर कृत्यों और आसमानी स्पंदन का इन्तजार रहेगा ।आखिर में हम ताल ठोंक कर कहते हैं की सुखद,मनोरम,खुशियों तर,सफल और आदर्श दाम्पत्य जीवन की अश्वनी और ऋतू एक मिशाल है जिससे देश के दम्पतियों को सापेक्ष सीख लेनी चाहिए ।

हासिये पर हैं पत्रकार ....


पत्रकारों की तरफदारी करने वाले कई संगठन हैं मात्र एक तुक्का ...
आखिर पत्रकारों पर कबतक होते रहेंगे जुल्म.....
पत्रकारिता का असल सबक लें पत्रकार.....
झाड़--फानूस से नहीं बनते पत्रकार....

मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
एक दौड़ था जब पत्रकारों को सूरवीर, क्रांतिवीर, समाज सुधारक, वृति सुधारक, सच्चा देशप्रेमी, वृहत्तर ज्ञानी, सच के सिपहसालार, प्रणेता, पुरोधा, कुशल नेतृत्व के संवाहक, विभिन्न सःस्थितियों का आईना और आम से खास लोगों के कवच जैसे तमगे से नवाजा जाता था। प्रेमचन्द्र, गणेश शंकर विद्यार्थी, रामवृक्ष वेणीपुरी सहित कई और हस्तियां आधुनिक पत्रकारिता के शिरमौर्य थे। बाद के समय में कई और नाम आये जिसमें निखिल चक्रवर्ती,अरुण सौरी,अरुण सूरी,जे.राम जैसे पत्रकार भी शामिल थे ।लेकिन बदलते परिवेश में पत्रकारिता का दायरा बढ़ा जिससे पत्रकारिता के मायने भी बदलते गए । 
पत्रकारिता का साँचा और मूल कसौटी जस की तस रह गयी लेकिन पत्रकारिता अपना नया अर्थ स्पन्दित करने लगा । पहले बौद्धिक संवेदनाओं का स्खनन करने वाले लोग ही पत्रकारिता के क्षेत्र में आते थे जिनके भीतर सदैव सच्चाई की आग लगी रहती थी । लेकिन वक्त के थपेड़े और भौतिकवादी जीवन की आपाधापी में आज पत्रकारिता अपने संक्रमण काल से गुजर रहा है ।
आज पत्रकारिता में ऐसे लोग आ रहे हैं जिनकी ना कोई मौलिक विरासत रही है और ना ही पत्रकारिता का उनमें असल जलजला है । हमें याद है की कुछ दशक अहले जिस घर का बेटा नालायक हो जाता था,उसके अभिभावक कहते थे "अरे निकम्मा अगर कोई डिग्री नहीं ले सकते,तो कम से कम लॉ कर ले । कचहरी में दो पैसे कमायेगा"। ठीक इसी तर्ज पर आज पत्रकारिता चल पड़ी है ।
पत्रकारिता के क्षेत्र में ऐसे लोगों का पदार्पण हो रहा है जिन्हें पत्रकारिता का ककहरा नहीं आता ।वे देखा--देखी इस पेशे में इसलिए आ रहे हैं की उनकी पहचान शासन--प्रशासन के लोगों के अलावे समृद्ध लोगों,माफिया और रसूखदारों से होंगे ।इस पहचान की आड़ में पिछले रास्ते से उनका भला होता रहेगा और चौक--चौराहे पर उनकी दबिश बनी रहेगी ।हम यह नहीं कहना चाहते की सारे के सारे पत्रकारिता की डिग्री ही लेकर आएं लेकिन उनकी शिक्षा--दीक्षा किसी अच्छे संस्थान से जरूर हुयी होनी चाहिए । व्यवहारिक पत्रकारिता आज लेश मात्र भी देखने को नहीं मिलती है । अनुशासन,मर्यादा और दूसरे को सम्मान देने की परिपाटी तो खत्म होने के कगार पर है ।
पत्रकारों पर बढ़ते जुल्म और प्रताड़ना की सब से बड़ी वजह हमारे कुछ तथाकथित पत्रकार साथी भी हैं ।कहते हैं "गेहूं के साथ घुन्न भी पीसा जाता है" ।"करता कोई है और भरता कोई है" । दूसरे के कृत्य का अंजाम कभी--कभी सधे हुए पत्रकार को भी झेलना पड़ता है ।दशकों से पत्रकार हित की लड़ाई लड़ी जा रही है लेकिन उसका बेहतर फलाफल आजतक हासिल नहीं हो पाया है ।हम पत्रकार साथी कई खेमों में बंटे हुए हैं ।हम बड़े तो हम बड़े की खुशफहमी में हम लगातार नुकसान झेल रहे हैं ।
हम पत्रकार हित की आवाज बुलंदी से उठायें लेकिन सनद रहे की मदद "पात्र" देखकर की जानी चाहिए ।हमेशा अंगुलीमाल बाल्मीकि नहीं बन सकता । किसी भी संगठन को अधिक ताकतवर हम तभी बना सकते हैं जब हमें नेतृत्व पर भरोसा हो और खुद के भीतर "मैं बड़ा हूँ" का अहम् ना हो ।अच्छे और गुणी लोग अपनी बड़ाई कभी भी ध्वनि विस्तारक यंत्र से नहीं करते हैं । अगर आप अच्छे और सच्चे हैं,तो देर--सवेर लोग जान ही जाएंगे ।आईये हमसभी ये संकल्प लें की जिस संगठन से हम जुड़े हैं उसकी मजबूती और पत्रकार हित के लिए हम कोई कोर--कसर नहीं छोड़ेंगे ।कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हम उन पत्रकारों के हित के लिए भी लड़ेंगे,जो हमारे संगठन से नहीं जुड़े हैं ।एकला चलकर भी पत्रकार ना केवल नयी ईबारत लिख सकता है बल्कि तुरुप का पत्ता और मिल का पत्थर भी साबित हो सकता है ।

मौसम बदलते ही चिकन पोक्स का कहर....


जीतपुर से पिंटू भगत की रिपोर्ट ---
पिछले कई दिन से मुरलीगंज प्रखंड के जीतापुर पंचायत के बरियाही गुरकी मुशहरी के वार्ड न०३ में चिकन पोक्स ने पाव पसार रखा है. चिकन पोक्स के कारण लोगो को कभी कभी तेज बुखार, बड़े बड़े लाल दाने शरीर पर हो जाते है और उसके जलन से पीड़ित बैचेन होने लगता है. पीड़ितों में सबसे अधिक बच्चे और जवान की संख्या ज्यादा है.  
चिकन पोक्स पीड़ित को मुरलीगंज पी.एच.सी. से डाक्टरों की टीम पहुँच कर पीड़ितों का इलाज और सभी को साफ़ सफाई पर ध्यान देने को कहा गया. डाक्टरों की टीम ने सभी पीड़ितों को दावा भी दिया. 
पुराणी परम्परा और अंधविश्वास के कारण यहाँ के लोग एक दुसरे के यहाँ आना जाना बंद कर दिया है. 
पुरानी मान्यता के अनुसार इस बीमारी में साफ़ सफाई का ध्यान रखते है, तीन दिन होने के बाद ही नेमान किया जाता है, उसका पूजन किया जाता है, कहते है की माँ भगवती का प्रकोप है स्वयं ही ठीक हो जायेगा इसलिए कहीं से पीड़ित का इलाज नहीं किया जाता है. इस बीमारी से पीड़ित काजल कुमारी, दिलखुश कुमार, धीरेन्द्र कुमार, गोलू कुमार, सीमा कुमारी, विकाश कुमार, रवि, दिनेश, संजीव सहित कई है. मौके पर डाक्टरों की टीम में डॉ० एस०के० सुधांशु, फार्मासिस्ट अजय कुमार रंजन, ऐ.ऍन.एम, जुही कुमारी मौजूद थे

फ़रवरी 21, 2017

पत्रकारिता को परिभाषित करने की है जरूरत ....

मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
आज पत्रकारिता और पत्रकार दोनों को परिभाषित करने की जरूरत है ।पूर्व की पत्रकारिता और आधुनिक पत्रकारिता का ढांचा बिल्कुल बदल गया है । हमारी समझ से पत्रकार कभी दलाल नहीं हो सकते और दलाल कभी पत्रकार नहीं हो सकते ।पत्रकार का सही अर्थ है देश और दुनिया का आईना ।हालिया दिनों में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के मामले में लगातार तेजी आई है ।यह मसला बेहद गंभीर है ।आखिर क्या वजह है जो हमारे साथियों के साथ ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं ?
इस गंभीर विषय पर आत्मचिंतन,आत्ममंथन और सामूहिक विचार--विमर्श की जरूरत है ।पत्रकारों के साथ घटित हो रही घटनाओं का अवलोकन और घटना की वजह की तह में उतरना बेहद जरुरी है ।हमें पीड़ित पत्रकार साथी की हर सम्भव मदद करनी है लेकिन घटना की वजह को परत दर परत उकेरना भी जरुरी है ।हमारी समझ से पात्र देखकर मदद की पहल की जानी चाहिए ।अनजाने और भावावेश में बिना सच्चाई को टटोले मदद करने की कोशिश,कहीं से भी जायज नहीं है ।
हम दृढ संकल्पित हैं की हम पीड़ित पत्रकार साथी की हर सूरत में ना केवल मदद करेंगे बल्कि उनके साथ पूरा न्याय हो,इसकी भी मुकम्मिल लड़ाई लड़ेंगे ।लेकिन हमारा सुझाव है की जिस साथी के साथ किसी तरह की घटना घटी है,उसकी पहले तटस्थ पड़ताल करा लें ।हम अपने अनुभव के आधार पर कहना चाहते हैं की कभी---कभी अँधेरे में रहकर हम ऐसे शख्स की मदद कर डालते हैं,जो आगे हमारे लिए नुकसान का सबब बन जाते हैं ।खुले सफे और बेहद साफ लहजे में हम कहना चाहते हैं की पात्र देखकर मदद की परिपाटी शुरू करें ।

आलोचना और उपलब्धि को समझना है बेहद जरुरी


आलोचना और उपलब्धि को लेकर अक्सर संसय रहता है बरकरार 
आलोचना से घबराकर उपलब्धि के ग्राफ में आती है कमी,धार भी होती है कुंद
आलोचना उपलब्धि की जमापूंजी को तराशने का है सबसे मजबूत हथियार
अपनी हर तरह की कमी को आलोचना से हम कर सकते हैं दूर
आलोचना और निंदा का आपस में नहीं होता कोई तारतम्य
आलोचना और निंदा को एक समझना,है एक बड़ी भूल और गलती 
मुकेश कुमार सिंह की पड़ताल---
सबसे पहले आलोचना को जानना और समझना जरुरी है ।अक्सर और अमूमन लोग आलोचना और निंदा को एक ही अर्थ में लेते हैं ।आलोचना और निंदा दो चीजें हैं ।निंदा से एक इंसान दूसरे को बस नीचा दिखाने की हर जुगत करता है ।निंदा से लोगों को यह भरम होता है की वह अब दूसरे को पछाड़ कर अपने से कमतर साबित करने में सफल हो जाएगा ।निंदा इंसान की बेहद ओछी फितरत है ।इंसान अगर थोड़ा भी सही होगा तो वह निंदा जैसी घृणित सोच से बचना चाहेगा । 
इस आलेख में अब निंदा पर अधिक चर्चा करना जायज नहीं है । इससे विषयांतर की संभावना बढ़ेगी ।हम विषय पर लौटते हैं ।हमारा आज का विषय है "आलोचना और उपलब्धि" ।आलोचना और उपलब्धि एक दूसरे के अभिन्न मित्र हैं ।जहाँ उपलब्धि होगी वहाँ आलोचना भी निश्चित होगी ।हमारी समझ से बिना आलोचना के उपलब्धि का कोई सार्थक और कालजयी महत्व नहीं हो सकता है ।इसलिये जब भी कहीं आपकी आलोचना हो रही हो,तो इससे कभी हताश,निराश या फिर खिन्न नहीं होना चाहिए बल्कि ये सोचना चाहिए की आपका प्रयास कहीं ना कहीं तीव्रता से सफल हो रहा है और आप अपनी तयशुदा मंजिल के बेहद करीब हैं ।जो लोग हमारी आलोचना करते हैं,वह ये भूल जाते हैं कि कहीं ना कहीं वह हमारा फायदा ही कर रहे हैं ।
 आलोचना से वह,हमें और मजबूत बनने के लिये प्रेरित कर रहे हैं ।जाहिर सी और दीगर बात है की बिना आलोचना के हम अपनी कमियों को कभी भी आसानी से नही जान पाते ।विरोध होने पर ही हमें पता चलता है कि हमसे कहाँ चूक हुई है ।यदि विरोध यानि आलोचना सही है तो फिर गुंजाईश के मुताबिक खुद को बदलें ।यदि विरोध यानि आलोचना गलत हो रही है,तो अपनी पूरी ऊर्जा से अपने को सही साबित करने के लिये सदैव प्रयत्नशील रहें ।एक बात हमेशा याद रखना चाहिए की "ईश्वर ने हमको बहुत कुछ दिया है । ऐसा कोई भी सांसारिक कार्य नही है जो इंसान नहीं कर पाये"।जब भी मन में शंका पैदा हो,तो आत्ममंथन कीजिये और खुद को पहचानने की कोशिश कीजिये ।सिद्दत से सोचिये की "मैं कौन हूँ "और मैं क्या कर सकता या कर सकती हूँ ।यकीन मानिये आपको ना सिर्फ अपनी पहचान मिलेगी बल्कि ज़िन्दगी जीने का सही मकसद भी मिलेगा । इसलिये कभी भी आलोचना या विरोध से घबरायें नहीं ।विरोध तो युग--युगांतर से होता आ रहा है और होता ही रहेगा ।
इसलिये "सत्यम् परम धीमहि" के सिद्धान्त पर चलकर अपने संघर्ष को आगे बढ़ाएं ।आप बहुत अच्छे कार्य कर रहे हैं,इसका सफल मूल्यांकन आपसे हो पाना ना तो संभव है और ना ही उचित है ।आपके कृत्यों,व्यवहार, आचरण और समूल वृतियों पर आमलोगों की धारणा और फिर उसकी समीचीन आलोचना बेहद जरुरी है ।हम अपने व्यक्तित्व को बेहतर से बेहतर इसलिए बनाते हैं की उसका उपयोग सांसारिक जीवन में लोग करें ।इसके लिए बेहद जरुरी है की लोग परत दर परत हमें हर तरह से ठोंके--बजाएं और हमें खंगालें ।कोयले के बीच से हीरा निकलता है ।लोग जितनी हमारी आलोचना करेंगे,उससे हम अपनी इल्म की टकसाल में और खुलकर तपेंगे । आलोचना से हमारी उपलब्धि का दायरा निरंतर बढ़ेगा ।आलोचना को शगुन के रूप में लिया जाना चाहिए ।आखिर में हम ताल ठोंककर कहते हैं की बिना आलोचना के मजबूत पहचान मिलनी नामुमकिन है ।चर्चा और आलोचना मुर्दों की नहीं होती है बल्कि उनकी होती है,जिनमें जान होती है । सटीक,सार्थक,इल्मी,मौलिक,नैसर्गिक,तटस्थ, पारदर्शी और आसमानी वजूद के लिए आलोचना बेहद और निहायत जरुरी है ।

महिला राजद कार्यकारिणी का गठन

विकास कुमार की रिपोर्ट -----
सहरसा जिले में आज मंगलवार को जिला राजद महिला प्रकोष्ठ की बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजद महिला जिलाध्यक्ष विजयलक्ष्मी ने कहा कि जबसे उन्हें महिला प्रकोष्ठ का प्रभार दिया गया है। तब से वे लगातार पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर तक पार्टी को मजबूत करने के लिए मजबूत प्रयास कर रही हैं। 
राजद महिला संगठन पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के संदेश को आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा सरकार के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में जो पदाधिकारी शिथिलता बरत रहे हैं उनके विरुद्ध महिला संगठन संघर्ष करेगी। 
इस मौके राजद के वरीय उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री सह कोसी प्रमंडल के प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पहली बार राजद महिला संगठन का विस्तार जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल खासकर महिलाओं के हित में जो नीति बनाती है वह उनके पास नहीं पहुंच पाती है। संगठन के माध्यम से पार्टी और सरकार स्तर पर से जो भी कल्याणकारी कार्यक्रम होंगे वह आसानी से महिलाओं के बीच ले जा सकते हैं। आयोजित बैठक में जिला राजद महिला प्रकोष्ठ कार्य समिति का गठन किया गया जिसमें जिलाध्यक्ष विजयलक्ष्मी के अलावा उपाध्यक्षा नुतन देवी, नवीता देवी, महासचिव दीपमाला राय व हलीमा प्रवीण, सचिव सुनीता देवी, मणिवाला देवी, लक्ष्मी देवी, लीला देवी व कल्पना देवी, कोषाध्यक्ष पूनम देवी सहित अन्य सदस्यों को नियुक्त किया गया। इसके अलावा सोनवर्षा प्रखंड अध्यक्षा रुबी कुमारी, बनमा ईटहरी प्रखंड अध्यक्षा पूनम कुमारी, पतरघट प्रखंड अध्यक्षा पुष्पलता देवी, सौरबाजार प्रखंड अध्यक्षा अरुणा देवी, सतरकटैया प्रखंड अध्यक्षा रीना भारती, नवहट्टा प्रखंड अध्यक्षा रूपम देवी, महिषी प्रखंड अध्यक्षा बंटी देवी, सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड अध्यक्षा रोशन खातुन, सलखुआ प्रखंड अध्यक्षा मीना देवी व कहरा प्रखंड अध्यक्षा के रूप में शारदा देवी का मनोनयन किया गया। इस मौके पर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुरेश प्रसाद यादव, प्रदेश बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ उपेन्द्र यादव, प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ महासचिव मीर हासिम, जिला प्रवक्ता अमरेन्द्र कुमार, जिला महासचिव मो नईमउद्दीन, जिला उपाध्यक्ष विनोद यादव, जिला महासचिव नाथेश्वर यादव, श्रमिक प्रकोष्ठ के मो युसुफ, महासचिव रमेश सिंह, सचिव गजेंद्र पासवान, पवन यादव, संजय स्वर्णकार, प्रो शंकर कुमार, आपदा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मो सज्जाद आलम, उपेन्द्र यादव,  प्रखंड अध्यक्ष श्याम यादव, हैलाल अशरफ, रामरूप यादव, सुकुमार यादव, अमरेन्द्र यादव, राजेश सिंह मुन्ना, मोगल यादव, जयकुमार उर्फ मंटून सिंह, मो हैयात, मो जावेद, मो आसिफ अख्तर, शिवशंकर साह, मो हातीम, तेजनारायण यादव, मो हदीश आदि मौजूद थे।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पार्टी के नया दफ्तर का उद्घाटन.........

विकास कुमार की रिपोर्ट ------
सहरसा जिले के पूरब बाजार जगदम्बा पेट्रोल पंप कोसी धर्मकांटा के समीप जिला राजद कार्यालय का प्रदेश उपाध्यक्ष सह कोसी प्रमंडल प्रभारी पूर्व मंत्री अशोक कुमार सिंह ने झंडोत्तोलन व फीता काटकर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लबें समय के बाद जिला राजद कार्यालय खोला गया है। 
पार्टी ने तय किया है कि सभी पार्टी पदाधिकारी एक एक दिन कार्यालय में बैठेंगे. आम नागरिक एवं कार्यकर्ता की समस्या को सुनकर उसका निदान किया जाएगा।
इस मौके पर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुरेश प्रसाद यादव, प्रदेश बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ उपेन्द्र यादव, प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ महासचिव मीर हासिम, जिला प्रवक्ता अमरेन्द्र कुमार, जिला महासचिव मो नईमउद्दीन, जिला उपाध्यक्ष विनोद यादव, जिला महासचिव नाथेश्वर यादव, महिला जिलाध्यक्ष विजयलक्ष्मी, श्रमिक प्रकोष्ठ के मो युसुफ, महासचिव रमेश सिंह, सचिव गजेंद्र पासवान, पवन यादव, संजय स्वर्णकार, प्रो शंकर कुमार, आपदा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मो सज्जाद आलम, उपेन्द्र यादव, दीपमाला, नुतन देवी, प्रखंड अध्यक्ष श्याम यादव, हैलाल अशरफ, रामरूप यादव, सुकुमार यादव, अमरेन्द्र यादव, राजेश सिंह मुन्ना, मोगल यादव, जयकुमार उर्फ मंटून सिंह, मो हैयात, मो जावेद, मो आसिफ अख्तर, शिवशंकर साह, मो हातीम, तेजनारायण यादव, मो हदीश आदि मौजूद थे।

दुकानदार से लूटपाट

विकास कुमार की रिपोर्ट -----
सहरसा जिले के बलावाहाट चौक के समीप हरियो जाने वाली सड़क के पास किराना व मोबाइल दुकान चलाने वाले दो भाईयों पंकज साह व सुरेन्द्र साह के साथ मारपीट कर 76 हजार रुपये लूट लेने का मामला प्रकाश में आया है। वहीं बीचबचाव करने गयी सुरेन्द्र साह की पत्नी संजुला देवी के साथ भी मारपीट कर कपड़े फाड़ दिया और जेवरात छीन लिया। 
इस मामले में पीड़ित दुकानदार के छोटे भाई चंदन साह ने बताया कि गंगा साह, दीपक साह, विपीन साह, राजाराम सहित अन्य लोगों ने उसके दोनों भाईयों को दुकान से बाहर निकाल लिया और पुल के समीप ले जाकर लाठी, रड, फरसा, हथियार के बट से बुरी तरह घायल कर दिया औ
र पैसे लूटपाट कर लिया।
सभी घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही  मुखिया इंदल यादव, रंजन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने घायलों का हालचाल पूछा और प्रशासन से कारवाई करने की मांग की है।

फ़रवरी 20, 2017

पंच के फैसले पर टिकी लोगों की नजर....

देखना बेहद जरूरी होगा की आज भी लोग कितना करते हैं पंच की कद्र....
क्या सही मायने में आज भी पंच का फैसला होता है दूध की तरह साफ.....
क्या सच के साथ होगा पंच.... 
मो० अज़हर उद्दीन की रिपोर्ट--------
जमीनी विवाद में लोगों का आपस में उलझना या इस रंजिश में एक--दूसरें की जान तक ले लेने से लोग कतई गुरेज नहीं करते हैं । इस तरह के विवाद में लोग खुद कानून को हाथ में लेते नजर आते रहे हैं । सदर थाना के मसोमात पोखर के पास बैधनाथ मेहता और गिरीश महाराज के बीच चल रहे जमीनी विवाद में रविवार को पंच के द्धारा पंचायत की गयी. 
जिसमें वार्ड चैयरमैन राजू महतो, स्थानीय वार्ड पार्षद घनश्याम चौधरी, सुबोध साह, बम यादव और कारी अमीन, उपेंद्र भगत, सनोज यादव समेत शहर के दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद थे । पंच के सामने विवादित जमीन की नापी कर पक्षों से सही फैसले के लिए कुछ दिनों का वक़्त माँगा गया। अब आगे देखना बेहद दिलचस्प होगा की पंच का फैसला सही दिशा में होता हैं या पंच पक्ष देखकर फैसला लेते हैं । अभी के समय में अगर लोग पंच के फैसले का ससम्मान इन्तजार करते दीखते हैं तो पंच भी अपनी गरिमा को कायम रखते हुए सही फैसला सुनावें। अगर ऐसा होता है तो, लोगों को एक--बार फिर पुरानी रीति--रिवाज का जलवा कायम होने के मुफीद संकेत मिलेंगे ।        
 

कारा अधीक्षक नपे,भेजे गए सासाराम

जेल में बन्द पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उनपर लगाए थे गंभीर आरोप ..
तबादले से आनंद मोहन के समर्थकों में दौड़ी खुशी की लहर.......
बीते एक महीने से जेल का वातावरण था अशांत ........
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
आखिरकार सहरसा मण्डल कारा के अधीक्षक नप ही गए । उन्हें सरकार सासाराम जेल अधीक्षक बनाकर सहरसा से चलता किया है। बताना लाजिमी है की सहरसा जेल में बन्द पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उनपर अपनी ह्त्या करवाने की साजिश का ना केवल गंभीर आरोप लगाया था बल्कि एक सप्ताह तक ढ़ाई सौ से ज्यादा बंदियों के साथ मिलकर भूख हड़ताल भी की थी । बाद में सरकार इस मसले पर गंभीर हुयी थी और राज्य मुख्यालय से जेल के दो बड़े अधिकारी सहरसा जेल पहुंचकर पूर्व सांसद की भूख हड़ताल को खत्म कराया था ।
इस मामले में राज्य मुख्यालय ने एक सप्ताह पूर्व ही सहायक जेल उपाधीक्षक हरी नारायण प्रसाद को लक्खीसराय जेल और जेलर बिपिन कुमार सिंह को दाऊदनगर उपकारा भेजा था। इसके अलावे सात कक्षपाल का भी तबादला किया गया था ।सहरसा के नए जेल उपाधीक्षक शिव शंकर चौधरी को बनाया गया है ।पहले से ही यह तय था की काराधीक्षक संजीव कुमार भी नपेंगे ।लेकिन संजीव कुमार रुपया का बैग लेकर पटना में बैठे थे की सहरसा से उनका तबादला बिहार के किसी अच्छे जेल में हो ।आज सरकार की चिट्ठी निकली जिसमें उन्हें सहरसा से हटाकर सासाराम जेल अधीक्षक बनाया गया है ।जाहिर तौर पर संजीव कुमार ने नोटगिरी से बाजी मार ली ।सुरेन्द्र कुमार गुप्ता सहरसा के नए जेल अधीक्षक बने है ।इससे पहले सुरेन्द्र कुमार बांका जेल में  पदस्थापित थे ।
जेल अधीक्षक के तबादले से आनंद मोहन के समर्थकों के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है ।
फ्रेंड्स ऑफ आनंद के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव सह हम के प्रदेश युवा महासचिव राजन आनंद ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है ।राजन आनंद ने कहा की एक महीने के भीतर जेल के अंदर चार बार पगली घंटी बजाकर आतातायी जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने निरीह बन्दियों की भरपूर पिटाई की थी ।इस काराधीक्षक से पूर्व सांसद आनंद मोहन की जान को ख़तरा था ।जेल में खूंखार बंदी आपस में गुटबाजी करते थे जिसका काराधीक्षक विरोध करने की जगह हौसला आफजाई करते थे ।
श्री राजन ने कहा की पूर्व सांसद आनंद मोहन की सजा अब पूरी होने वाली है ।अब वे जेल से बाहर निकलेंगे ।जेल में बंद कुछ खूंखार अपराधी इसका नाजायज फायदा उठाना चाहते हैं ।जेल की पूरी स्थिति से सरकार और महामहिम राज्यपाल को अवगत करा दिया गया है ।इस तबादले का जो भी मायने हो,लेकिन हम यह ताल ठोंककर कहते हैं की जेल के भीतर की स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है ।जेल अधिकारी के साथ--साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी को भी जेल पर नजर रखनी होगी ।

डेंगराही पुल निर्माण के लिए दिया धरना...

रीगन कुमार की रिपोर्ट ------
सलखुआ प्रखण्ड के पूर्वी कोसी तटबन्ध के अंदर चानन पंचायत अंतर्गत डेंगराही घाट पर रविवार को  सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्त्ता के बाबू लाल शौर्य के नेतृत्व में पुल सड़क निर्माण संघर्ष मोर्चा के कैलाश पासवान ओर जन संघर्ष अभियान के सुभाष चंद्र जोशी के संयुक्त तत्वाधान में अनिश्चित कालीन आमरण अनशन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। 
जनसंघर्ष अभियान के सुभाष चंद्र जोशी ने बताया कि आमरण अनशन का नेतृत्व सामाजिक राजनेतिक कार्यकर्त्ता बाबूलाल शौर्य करेंगे एवं धरना प्रदर्शन का नेतृत्व सुभाष चंद्र जोशी संयोजक जनसंघर्ष अभियान खगड़िया तथा कैलाश पासवान अध्यक्ष पुल सड़क निर्माण संघर्ष मोर्चा के ईश्वर चौधरी, दीनानाथ पटेल इत्यादि लोग सामाजिक कार्य करता करेंगे। 
सामाजिक राजनेतिक कार्यकर्त्ता बाबूलाल शौर्य ने बताया कि हमारी मांग है कोसी नदी के डेंगराही घाट पर पुल का निर्माण हो, चिड़ैया एवं बेलाही के बीच पुलिया का निर्माण किया जाय, कमला नदी पर सुगरकोल घाट ग्राम झीमा पंचायत आनंदपुर मॉडन ग्राम झीमा के पास कमला का मूल धार पर पुल निर्माण , खजुरदेवा कोसी कॉलोनी से धाप कबीरा बेलाही चिड़ैया होते हुए ग्राम सरबजीता खगड़िया सीमा तक सड़क निर्माण एवं सरबजीता से सोनमंखी घाट खगड़िया तक सड़क निर्माण, आवादी के हिसाब से स्वास्थ्य व्यवस्था हेतु अस्पताल का निर्माण, आवादी के हिसाब से उच्च विद्यालय एवं महाविद्याल का निर्माण किया जाय। 
यही मांग के लिए चानन पंचायत के डेंगराही में आमरण अनसन किया जा रहा है।मौके पर जीप सदस्य ओम प्रकाश नारायण ,जन संघर्ष अभियान सहरसा के संयोजक सुनील यादव,जनसंघर्ष अभियान खगड़िया के  संयोजक सुभाष चंद्र जोशी,प्रदेश अध्यक्ष महादलित विकाश मंच के रंजेश सदा,फरकिया पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कैलाश पासवान,पूर्व मुखिया जुगेश्वर यादव,मंच संचालक जवाहर सिंह, उदेश महतों, नेपाली बाबा,रामभरोश महतों, शम्भू साह, जीवेश पासवान,नागेश्वर चौधरी,मोहन सिंह, जगदीश सिंह, विद्यानंद सिंह, दीनानाथ पटेल,शत्रुघ्न महतों, पांडव यादव,सुनैना देवी,सीता देवी इत्यादि हजारों की संख्या में फरकिया वाशी मौजद थे।

फ़रवरी 18, 2017

बाहुबली शहाबुद्दीन चले तिहार ....

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट --------
राजद पार्टी के पूर्व बाहुबली सांसद को आखिरकर तिहर जेल जाना ही पड़ा. बिहार में विगत कई महीनो से शहाबुद्दीन को लेकर सरकार की किरकिरी हुई. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशनुसार आज शाम को उन्हें सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली तिहार के लिए भेज दिया गया है.
गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित तेजाब कांड समेत कई मामलों में राजद नेता ओर बाहुबली सांसद शाहबुद्दीन को बीते दिन पुर बड़ा झटका देते हुए अपना फैसला सुनाते हुए शाहबुद्दीन को सिवान जेल से तिहर जेल में रखने का आदेश दिया था. पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट ये याचिका दायर कर अपनी जान को खतरा बताते हुए बुद्दीन को तिहर में शिफ्ट कराने की गुहार लगाई थी. 
जानकारी के अनुसार शाहबुद्दीन को सिवान से टाटा सूमो से पटना ले जाया गया. इस तरह के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन की नाकेबंदी थी.  सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था की  बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को कोइ भी स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाय. 

रालोसपा पार्टी में युवाओं की भागीदारी बढ़ी

मधेपुरा से प्रेम प्रकाश की रिपोर्ट :-----
जिला युवा लोक समता मधेपुरा के प्रमुख साथियों की बैठक पाटी के जिलाध्यक्ष रविशंकर मेहता के अध्यक्षता में सम्मपन हुई। बैठक चन्दतारा मेमोरियल हॉल जपालपट्टी में किया गया। बैठक में प्रमुख रूप से युवा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु पटेल, महिषी के पूर्व प्रत्याशी चंदन बागची, प्रदेश युवा महासचिव देवेन्द्र कुशवाहा, शशांक सुमन प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 
बैठक में सर्वसम्मति से डी.के. कुमार उर्फ सिटटू को जिला युवा अध्यक्ष पद पर एवं नगर युवा अध्यक्ष रवि यादव को चुना गया। बैठक को संबोधित करते हुऐ युवा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु पटेल ने कहा कि युवा लोक समता युवा आयोग बनाने सहित भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर बिहार में ्णनिर्णायक लड़ाई लड़ेगी। रालोसपा कार्यकर्ताओ की पार्टी है आपलोग पाटी को मजबूत किजिए आपको भी पार्टी सम्मान देने का काम करेंगी। बैठक को संबोधित करते हुऐ मेहिषी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी चंदन बागची ने कहा कि आज बिहार सरकार हर तरह से विफल है इसलिए युवा की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. क्योंकि युवा चाहे तो देश का दशा और दिशा बदल सकती है । उन्होंने राज्य की तकदीर बदलने के लिऐ संघर्ष करने का आह्वान किया ।
इस मौके पर मधेपुरा युवा नेता ने कहा कि हम जिला में जनहित पर आंदोलन करेंगे साथ ही जिला के प्रत्येक प्रखंड से पंचायत स्तर तक पाटी को मजबूती प्रदान करेंगे। बैठक में विचार रखते हुऐ युवा प्रदेश महासचिव देवेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में उपेन्द्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाने के लिऐ संघर्ष करेगी। बैठक में उपस्थित ईफ्तार आलम गुडडू, गोपाल तिवारी, दीपक सिंह, अभिषेक कुशवाहा, गणेश कु गोलू, अंकुश यादव, सौरभ यादव, अमित, सनातन, बिटटू के अलावे कई सदस्य उपस्थित थे।

नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट हुयी तेज....

प्रत्यासियों से लेकर अधिकारी अपने--अपने काम में हैं जुटे....

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट----
नगर निकाय निर्वाचन-2017 की तैयारी अब जोरों पर है ।इसी क्रम में सहरसा नगर परिषद के 40 वार्ड के निर्वाचन हेतू सभी 40 वार्डों के मतदाता सूची का ड्राफ्ट का प्रकाशन दिनांक-14/2/2017 को नगर परिषद कार्यालय एवं अनुमण्डल कार्यालय,सदर सहरसा और सभी विर्निदिष्ट कार्यालयों में किया गया ।     
सदर एसडीओ जहांगीर आलम ने जानकारी देते हुए कहा की इस ड्राफ्ट मतदाता सूची में किसी को कोई आपत्ति देनी हो तो वह विहित प्रपत्र में दिनांक-14/2/2017 से 28/2/2017 तक अनुमण्डल कार्यालय,सदर, सहरसा में अपनी आपत्ति जमा करा सकते हैं ।
सदर एसडीओ ने आगे कहा की तमाम आपत्तियों की प्राप्ति के बाद जांचोपरांत अंतिम मतदाता सूचि का प्रकाशन किया जाएगा ।फिर आगे चुनाव की तिथि निर्धारण के बाद आगे की प्रक्रिया होगी ।

फ़रवरी 17, 2017

LED बल्ब का खुला बिक्री केंद्र

मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट------- 
भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त उधम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड के तरफ से बिहार बिजली बोर्ड के साथ मिलकर 9 वॉट का एल० ई० डी० बल्ब वितरण करने का स्थानीय नया बाजार पावर सब स्टेशन, सहरसा में विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर कुमार मुकेश नंदन,एस० डी० ओ० आलोक अमृतांशु और जे० ई० अरविंद कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काट कर उद्घाटन किया।
वहीँ  मौके पर सहरसा इंजीनियर चन्दन कुमार ने अधिकारीयों को बुके दे कर सम्मानित किया। उद्घाटन में बाद दर्जनों लोगों ने उचित मूल्य पर एल० ई० डी० बल्ब की खरीदारी की ।
इस मौके पर चन्दन कुमार ने कहा हर लोगों को बिजली की बचत के बारे में समझना होगा और दूसरें लोगों को भी इस के लिए जागरूक करना होगा तभी आप कम बिजली बिल के देनदार होंगे। एल० ई० डी० बल्ब खुद लगाये और इसे लगाने के लिए दूसरों को भी जागरूक करे। बिजली विभाग के द्धारा दो काउंटर लगा कर उचित मूल्य पर उपभोक्ता के बीच एल० ई० डी० बल्ब वितरण की गयी ।इस मौके पर बिजली विभाग के अधिकारी समेत सराही वार्ड पार्षद सुबोध साह विभागीय कर्मचारी जय प्रकाश, अभिषेक, राहुल, रंजीत कुमार और एल० ई० डी० बल्ब खरीदने आये उपभोक्ता मौजूद थे ।         

क्या है संयम ?

कैसे सम्भव होगा संयम ?

संयम से जहां जीवन शास्वत होता है,
वहीं जीवन की कई अनचाही समस्याओं का निदान भी है संभव 
मुकेश कुमार सिंह की खास आध्यात्मिक पड़ताल----
संयम जीवन की एक बड़ी औषधि है, जो जीवन पथ को सरल,सुगम और जीवन को ओजस्वी बनाता है ।जीवन की आपाधापी और अंधदौड़ में लोग संयम को ना तो समझ पा रहे हैं और ना ही उसके दायरे में खुद को रख पा रहे हैं ।कोलतार और पक्की सड़कों से लेकर गावों की पगडंडियों पर जिंदगी भाग रही है लेकिन संयम कहीं भी नहीं दिख रहा है ।आप कई ऐसे उदाहरण देखेंगे की बड़ी जगह पाकर और धन की समृद्धि से आच्छादित लोग,खुद को दूसरों के भाग्य नियंता समझने लगते हैं ।संयम के बिना अर्जित नाम--शोहरत अधिक शक्तिशाली और दीर्घायु नहीं होते हैं ।
संयम की योजना रात को सोते समय बनानी चाहिए ।जाहिर सी बात है की चारपाई पर पड़ते ही तुरंत नींद किसी को नहीं आ जाती ।कुछ समय सोने में जरूर लगता है ।यह समय सर्वोत्तम होता होता है जिसे संयम की योजना बनाने में लगाना चाहिए ।अपनी शारीरिक,मानसिक,आर्थिक,नैतिक, सामाजिक,पारिवारिक और अन्य शक्तियों और संपदाओं का अनावश्यक रूप से जहाँ अपव्यय हो रहा हो,वहाँ से उसे रोक कर आत्मिक प्रयोजनों में लगाना संयम का उद्देश्य है ।
इंसान को सोते समय दिनभर के कार्यक्रमों पर विचार करना चाहिए कि आज हमारा कितना शरीरबल,कितना बुद्धिबल, कितना नैतिक बल,कितना धन बल जीवन निर्वाह के लौकिक कार्यों में लगा ?क्या इसमें से कुछ समय,श्रम,अवांछित आचरण,कुंठित व्यवहार और धन बचाया जा सकते थे ? यदि बचत हो सकती थी और कुछ अधिक व्यय कर डाला गया तो उसे असंयम का एक चिह्न मानना चाहिए और अगले दिन के लिए ऐसा उपाय सोचना चाहिए कि यह अपव्यय कम होता चले ।पूर्ण रूप से विविध असंयमों को तुरंत छोड़ सकना संभव ना हो तो उन्हें घटाते रहने की कोशिश अवश्य करनी चाहिए ।यह संकल्प जरुरी है की आज की अपेक्षा कल वह असंयम हर सूरत में घटे ही और किसी भी सूरत में बढ़े नहीं ।
दीगर और बेहद अहम् बात है की आहार में अनेक प्रकार के स्वाद वाले व्यंजन ना हों ।नियत समय के अतिरिक्त अन्य समय दृढ़ निश्चय से नहीं खाया जाय ।यह बेहद जरुरी है की विवाहित जीवन में काम सेवन की अवधि और मर्यादा रहे । और उस मर्यादा का ग्राफ निरन्तर लम्बा होता चले, छोटा ना हो ।भोग,तृष्णा,अभिलाषा,दिखावा और विलासिता की चीजें अनवरत घटे,जिससे सादगी बढ़ने की संभावना प्रबल हो सके ।सिनेमा, टीवी,कंप्यूटर,मोबाइल,ताश,शराब,अन्य नशा, सिगरेट--बीड़ी,गुटखा आदि का शौक लग गया हो और यदि वह तुरंत नहीं छूटता हो तो उनकी संख्या एवं अवधि को निरंतर घटाने की महती कोशिश होनी चाहिए । 
अपने घर--परिवार और खुद अपने ऊपर होने वाले खर्च को क्रमश: कम करना चाहिए ।अपनी जागृत ऊर्जा से उपयोग की वस्तुएँ जितनी कम की जा सके उतनी कम करते जाना चाहिए ।धन,संतान,उच्च आकांक्षा और कृत्रिम वाहवाही की तृष्णा को कम करना चाहिए । दाम्पत्य जीवन में अपनी नियत सामाजिक मर्यादा में पूर्ण संतुष्ट होना नितांत जरुरी है ।पर नारी पर ललचाते हुए मन को निग्रहपूर्वक रोकना चाहिए । आवेश,उत्तेजना,शोक,चिंता,भय,क्रोध,लोभ राग-द्वेष,अनुराग--विरह जैसे पतन के गर्त में धकेलने वाले असंयमों को रात्रिकाल के आत्मनिरीक्षण में भली--भाँति परखना चाहिए ।आज किस-किस शत्रु का कितना बाहुल्य रहा और कल उनको नियन्त्रण में रखने के लिए क्या-क्या सावधानी बरती जाए ? इसके लिए भी आत्ममंथन और आत्मचिंतन जरुरी है ।
संयम का सही अर्थ यह है कि आपकी बची हुई शक्तियों को शारीरिक कार्यों और तमाम अभिव्यक्ति से समेटकर आध्यात्मिक कार्यों में लगाया जाए ।जो समय,जो धन,जो बुद्धि और विवेक,जो नैतिकता,जो निर्मलता,जो सरलता और सहजता संयम के द्वारा बचाई गई है उसे सत्कार्य में,परमार्थ में लगाया जाए,तो ही उससे अभीष्ट उद्देश्य की पूर्ति हो सकती है ।निश्चित रूप से संयम बेपटरी हुए आदमजात को ना केवल पटरी पर लाने में समर्थ है बल्कि जीवन की मूल सार्थकता को को भी स्थापित करने का दम--खम उसमें है ।संयम से जीवन का रंग ना कभी फीका पड़ता और ना कभी उतरता है ।संयम जीवन की सबसे सार्थक और सटीक कुंजी है ।

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।