लखीसराय से रजनिश कुमार की रिपोर्ट---
सूर्यगढा प्रखण्ड अंत्तर्गत पीरी बाजार थाना क्षेत्र के कस्बा गाँव मे अहले सुबह एक पिता ने बेटे के प्रताङना से तंग आकर सोते समय उसकी निर्मम हत्या कर दी.उक्त आशय की पुष्टी करते हुए पीरी बाजार थानाध्यक्ष रविकांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता -पुत्र के बीच करीब चार-पाँच बर्ष पूर्व से रंजीश चल रही थी.
हलाँकि पिता रामचन्द्र सिंह ने अपने पुत्र को रोजगार के खातिर करीब चार-पाँच साल पूर्व अपने साथ दिल्ली ले गया था जहाँ वह पूर्व से प्राईवेट नौकरी करता था.बेटे को काॅल सेन्टर में नौकरी दिला ईत्मीनान हो गया कि गाँव के विसंगती से अच्छा उसके देख-रेख में रहकर सम्हल जायेगा.परन्तु कुछ हीं दिन में पुत्र अमित ने वहाँ भी गलत संगत में पङकर पिता के विरोध करने पर पिता को हीं मार-पीट करने लगा.पिता मजबुर हो उसे उसके हाल पर छोङ दिया.घटना के दिन
सोमवार को उनके परिवार में मनहुस सुबह हुई जब पिता रामचन्द्र को अपने घर कस्बा आने की खबर पाकर वह भी दिल्ली से आ गया और अपने खपङैल घर को तोङकर पक्के का घर बनाने लगा. सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पुत्र अमित ने बाप पर मोटी रकम घर बनाने को लेकर देने का दबाब बनाने लगा व नही देने पर मार-पीट के साथ जान मारने की धमकी भी दे डाला.पिता रामचन्द्र ने बेटे की करतुत से तंग आकर विक्षिप्त हो गया और सोमवार की सुबह सुषुप्तावस्था में घर में पङे खन्ती से गले पर वार करके अपने ममता को हीं गला घोंट डाला.पीरी बाजार थानाध्यक्ष श्री रविकांत ने बताया कि पिता को गिरफ्तार कर लक्खीसराय जेल भेज दिया जबकि शव को पोस्टमार्टम के लिए लक्खीसराय सदर अस्पताल भेजा गया.घटना के बाद लोगो ने बताया कि जिस हाथ ने पाल-पोसकर बङा किया उसे मजबुर होकर उसी हाथो से हत्या करने की नौवत आ गई.
हे ईश्वर ऐसी घटना करने की नौवत किसी को न आए.सचमुच कहा भी गया है कि सबसे बङा दुःख बाप के जिन्दा रहने पर उसके पुत्र का जनाजा निकलना हीं माना जाता है.
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