- माँ--बाप गंवाएं अनिमेष को मिला जीवनदान
- हमारी कोशिश एक बार फिर लायी रंग
- युवा सम्राट क्लब के युवकों ने रचा इतिहास
सहरसा से मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट---- कौन कहता है की आसमां में सुराख नहीं हो सकता,एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों । अगर मानवता और इंसानियत जेहन में चस्पां हो, तो फिर मदद की नयी ईबारत लिखी जा सकती है ।सहरसा के शिवपुरी मोहल्ले के रहने वाले अनिमेष पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था ।उसके शरीर में खून की मात्रा बेहद कम थी ।हीमोग्लोबिन करीब सवा चार ग्राम था ।यानि उसे खून की शख्त आवश्यकता थी ।और सहरसा सदर अस्पताल,जिसे कोसी इलाके का पीएमसीएच कहते हैं,वहाँ के ब्लड बैंक में ब्लड नहीं था ।
यह सदर अस्पताल वर्षों से खुद ना केवल बीमार है बल्कि वेंटिलेटर पर है ।इस अस्पताल में ईलाज के लिए आये मरीज की अगर जान बच जाती है,तो समझिये की उपरवाला मेहरबान है । अनिमेष को कल ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था । डॉक्टर तुरंत खून की व्यवस्था करने को कह रहे थे लेकिन खून की व्यवस्था आखिर कौन करता और कहाँ से होता ?आपको यह जानकार बेहद दुःख होगा की अनिमेष के पहले पिता की मौत हुयी,फिर माँ ने भी साथ छोड़ दिया ।यही नहीं बड़े भाई संजय की भी मौत हो गयी ।अनिमेष बिल्कुल असहाय और अकेला हो गया ।हांलांकि उसके चाचा--चाची और अन्य रिस्तेदार जिंदा हैं ।
अनिमेष को जिंदा रखने के लिए खून की आवश्यकता थी ।बिना खून के उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी ।यह जानकारी हम तक पहुंची ।हमने तत्काल युवा सम्राट क्लब के रितेश हन्नी को फोन लगाया और कुछ युवकों को लेकर अस्पताल पहुँचने को कहा ।अनिमेष को ए पॉजिटिव ब्लड की जरुरत थी ।रितेश हन्नी बिना समय गंवाए क्लब के अपने कुछ मित्रों के साथ अस्पताल पहुंचा ।हम भी अस्पताल पहुंचे ।वैसे ब्लड मैं खुद दूँ यह इच्छा थी मेरी लेकिन मेरा ब्लड ग्रुप ए बी नेगेटिव है ।हम चाहकर भी ब्लड नहीं दे सकते थे ।लेकिन रितेश हन्नी के साथ आये युवक शुभम कुमार सिंह ने तुरंत एक यूनिट ब्लड दिया ।कई युवक और हन्नी के साथ में ऐसे थे जिनका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था ।यानि तीन यूनिट ब्लड की जगह तीस यूनिट ब्लड एक साथ देने के लिए युवा सम्राट क्लब शिवपुरी के युवक तैयार थे ।
अभी अनिमेष को एक यूनिट ब्लड चढ़ाया जा रहा है ।फिर दो यूनिट और चढ़ाने है ।ब्लड का इंतजाम पहले से है ।यानि अब अनिमेष को जीवनदान मिल चुका है ।
रितेश हन्नी के साथ पिंटू परासर, शशि यादव, विकास कुमार ,नीतीश, रंजन, संदीप, अभिषेक, नवीन सहित कई और युवक अस्पताल में मौजूद थे । अनिमेष सहरसा जिले के जेम्हरा गाँव का रहने वाला है और उसे पहला खून देने वाला शुभम कुमार सिंह सुपौल जिले के जरौली गाँव का रहने वाला है ।
कोशिश अगर ईमानदार हो,तो कामयाबी मिलनी तय है ।युवा सम्राट क्लब शिवपुरी के युवकों ने मानवता और इंसानियत की ना केवल ईबारत लिखी है बल्कि पुरे देश को यह सन्देश दिया है की रक्तदान परम धर्म और कर्तव्य है ।जाति--धर्म से ऊपर उठकर हुए इस सुकार्य ने जाहिर कर दिया है की दूसरों की जिंदगी बचाने का जज्बा अभी भी बरकरार है ।हमें भी इस बात का संतोष है की अनिमेष को मिल रहे नए जीवन का ईश्वर ने हमें भी साझीदार बनने का अवसर दिया ।मानव सेवा से और पर हितार्थ कार्य से बड़ा कोई कर्म नहीं होता ।
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