फ़रवरी 18, 2016

बच्चों का फूटा गुस्सा

मुकेश कुमार सिंह की कलम से----जब स्कूल में पढ़ाई ना हो,जब स्कूल में एमडीएम का का खाना ठीक से ना मिले और जब पोशाक सहित छात्रवृति की राशि ना मिले तो थक--हारकर ये मासूम नौनिहाल अपने हक़ और हकूक के लिए सड़कों पर उतरेंगे ही ।आज सदर थाना के बेंगहा स्थित मध्य विद्यालय के छात्रों ने ना केवल स्कूल में तालाबंदी कर स्कूल के शिक्षकों को बंधक बना लिया बल्कि सड़कों पर ही पढ़ाई शुरू कर के सिस्टम पर कई सवाल भी खड़े कर दिए ।हद तो इस बात की है की इन बच्चों के अभिभावक भी इन बच्चों के साथ हंगामे को और हवा दे रहे थे ।

यह है बेंगहा का मध्य विद्यालय । देखिये इस स्कूल के बच्चे किस तरह से स्कूल के मुख्य गेट पर टाला जड़ के हंगामा कर रहे हैं ।इस स्कूल के बच्चों को विगत कई महीनों से ना तो छत्रवृति मिली है और ना ही इन्हें अच्छा खाना दिया जा रहा है ।बच्चों के अभिभावक अगिया--बेताल हैं और स्कूल की प्रधानाध्यापिका पर उनके सामने ही कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं ।बच्चों के टीसी के नाम पर तीन सौ रूपये वसूलने का उनपर आरोप लग रहा है ।हमारे कैमरे के सामने और प्रिंसिपल के सामने ही स्कूल के एक बच्चे ने कह डाला की उसको छात्रवृति का पैसा नहीं मिला है । हद की तस्वीर तो यह देखिये की बच्चे किताब निकाल कर बीच सड़क पर ही पढ़ाई शुरू करके सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं ।अभिभावक कह रहे हैं की उन्होनें सात---आठ बार सड़क जाम किया है लेकिन उनके बच्चों को फिर भी उनका हक़ नहीं मिला ।
स्कूल की प्राधानाध्यापिका की अलग दलील है ।यह कह रही हैं की हाजिरी के मुताबिक़ बच्चों को छात्रवृति की राशि दे दी गयी है ।अब जो बच्चे पैसे मांग रहे हैं,वे उनके विद्यालय के नहीं हैं ।हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी उमाकांत उपाध्याय ने घटना के बाबत तफ़सील से हमें जानकारी दी । उनकी माने तो आगे जांच के बाद कार्रवाई होगी ।
बच्चों के तल्ख तेवर और सड़क पर पढ़ाई करने का यह तरीका निसंदेह उनकी पीड़ा का परवान है ।आगे यह देखना बेहद जरुरी है की इन बच्चों के हक़ के लिए कोई ठोस पहल होती है,या फिर ये बच्चे यूँ ही फिर से आंदोलन को विवश होंगे ।वैसे ऐसे मामले में बड़े अधिकारी आश्वासन की घूंटी पिलाने के सिवा हमें तो कोई बड़ी कार्रवाई करते आजतक नजर नहीं आये हैं ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।