सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:-- बीते
अठारह जनवरी की रात में सदर थाना के पटुआहा गाँव में महिला को ज़िंदा जलाकर
मौत के घाट उतारने मामले में आज ग्रामीणों का आक्रोश फुट पड़ा और लोगों ने
एसपी ऑफिस का घेराव कर घंटों हंगामा किया.आक्रोशित लोगों का कहना था की इस
घटना को अंजाम देने वालों की अभीतक गिरफ्तारी नहीं हुयी है जिनकी गिरफ्तारी
अविलम्ब हो और तमाम दोषियों को फांसी की सजा दिलाई जाए.पुलिस अधीक्षक की
गैर मौजूदगी में मुख्यालय डीएसपी ने आक्रोशित लोगों को त्वरित कार्रवाई की
घुंटी पिलाकर किसी तरह से उनके गुस्से को शांत कराया.
देखिये एसपी ऑफिस में बबाल काटते जन सैलाब को.लोगों ने पुरे ऑफिस को
अपने कब्जे में ले लिया है और हंगामा कर रहे हैं.देखिये महिलायें किस तरह
से ऑफिस के बरामदे पर लोट--लोट और चीत्कार कर रही हैं.इनका कहना है की जिस
लीला देवी को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया,उसके दो अबोध बेटे हैं.अब इन
मासूमों का क्या होगा. लीला को उसके पति संजय मिस्त्री ने अपने घर वालों के साथ मिलकर ज़िंदा
आग में फूंक डाला.लीला का मासूम बेटा कन्हैया खुलकर बताता है और कहता है
की सभी जालिमों की गिरफ्तारी हो और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले.
आज पुलिस अधीक्षक किसी कारणवश मुख्यालय से बाहर थे.मुख्यालय डीएसपी
अरविन्द कुमार ने किसी तरह से आक्रोशित लोगों को समझाकर मामला शांत
कराया.इनकी मानें तो लोग यहां पर अपनी बातें कहने आये थे.आरोपियों की जल्द
गिरफ्तारी होगी और उनकी तरफ से उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की हर कोशिश
होगी.
आगे
पुलिस और कानून आरोपों को जैसी भी सजा दिला ले लेकिन दो मासूम हमेशा के
लिए बिना माँ के हो गए हैं.बड़ा सच यह है की लीला अब इस दुनिया में कभी भी
लौटकर नहीं आएगी.
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