फ़रवरी 04, 2013

सहरसा टाईम्स की खबर का असर


अपने ही घर में पिछले चार दिनों से कैद एक परिवार से मिलने पहुंचे सत्ताधारी जदयू और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता /कई सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे
मुकेश कुमार सिंह: सहरसा टाईम्स की खबर का असर देखिये की अपने ही घर में पिछले चार दिनों से कैद एक परिवार से मिलने आज ना केवल सत्ताधारी जदयू और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता बल्कि कई सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे।बताना लाजिमी है की नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के आने---जाने का यह दौर आज दिन भर जारी रहा।भाजपा ने तो पूरी स्थिति को परखने के लिए मौके पर एक जांच दल को ही भेज दिया था।नेताओं ने कहा की सहरसा टाईम्स की खबर देखकर वे पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं। यहाँ की स्थिति को देखकर वे ना केवल हतप्रभ हो गए बल्कि हालात को बदतर और विकट बताकर सारे नेता और सामाजिक कार्यकर्ता पीड़ित परिवार को सामाजिक पंचायत से रास्ता दिलाने में तुरंत जुट भी गए।
सहरसा टाईम्स की पहल से अचानक तेज हुयी इस हलचल से पीड़ित परिवार को समाधान की नयी उम्मीद जगी है।एक तरफ जहां मौके पर पहुंचे सारे नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सहरसा टाईम्स को सिद्दत से खबर बनाने---लिखने के लिए धन्यवाद दिया वहीँ पीड़ित परिवार के सदस्य भी सहरसा टाईम्स को तहे दिल से धन्यवाद दे रहे हैं।हांलांकि हम बता दें की समाधान के अभी महज प्रयास ही तेज हुए हैं,अभी बंदी बने इस पीड़ित परिवार को निकलने का रास्ता नहीं मिला है।
एक बार फिर हम आपको अजूबी दुखती और टीस से भरी कहानी की तस्वीर दिखाने और हालात से पूरी तरह रूबरू कराने के लिए सदर थाना के रिहायशी मोहल्ला प्रताप नगर लाये हैं।माँ गायत्री के विशाल मंदिर से ठीक लगे इस परिवार की विपत्ति के यूँ तो महीने बीत गए लेकिन बीते चार दिनों से यह परिवार अपने ही घर में बंदी बना हुआ है।अप्रैल 2012 से ही बांस की सीढ़ी के सहारे इनकी जिन्दगी रेंग रही थी लेकिन बीते चार दिनों से वह सीढ़ी भी छीन ली गयी है जिससे यह परिवार अपने ही घर में कैद होकर रह गया है।
जदयू के जिलाध्यक्ष धनिकलाल मुखिया
देखिये सहरसा टाईम्स की खबर का असर।सत्ताधारी दल जदयू के जिलाध्यक्ष धनिकलाल मुखिया अपने दल--बल के साथ यहाँ पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।भाजपा ने तो यहाँ एक जांच दल बनाकर ही भेज दिया है।यही नहीं अलग से सामाजिक कार्यकर्ता भी यहाँ पहुंचे हैं।सभी यहाँ पर सहरसा टाईम्स की पहल के नतीजे के तौर पर पहुंचे हैं।जदयू के जिलाध्यक्ष बड़े साफ़--साफ़ कह रहे हैं की सहरसा टाईम्स पर खबर को देखकर ने वे यहाँ आने को विवश हो गए।इनकी नजर में,यहाँ की स्थिति काफी विकट है।वे कहते हैं की पीड़ित परिवार के साथ अन्याय हुआ है।इन्हें सामाजिक पहल से वे रास्ता दिलाएंगे।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सह
वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी प्रसाद
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सह भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी प्रसाद ने तो अपनी बात की शुरुआत सहरसा टाईम्स को धन्यवाद देते हुए किया।इनकी मानें तो इस परिवार के साथ जघन्य अपराध हुआ है।लगता है की समाज पूरी तरह से संवेदनहीन हो गया है।इन्होनें सुशासन पर भी हमला किया और कहा की पीड़ित परिवार का मामला महीनों से एस.डी.ओ कोर्ट में लंबित है लेकिन इन्हें अभीतक न्याय नहीं मिला।वे सभी मिलकर इनके साथ इन्साफ करायेंगे।


सामाजिक कार्यकर्ताओं  टीपू झा
यही कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कहा।सामाजिक कार्यकर्ताओं का नेतृत्व टीपू झा कर रहे थे।अब पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलिए। सहरसा टाईम्स की पहल से हो रही तमाम कवायद से इनलोगों को उम्मीद की नयी किरण नजर आ रही है। महीनों से दर्द में डूबे इस परिवार को अब समाधान की चमचमाती किरण दिखने लगी है।निकलने का रास्ता अभी नहीं मिला है लेकिन तेज हुए प्रयास को देखते हुए घर के लोग सहरसा टाईम्स को लाख---लाख धन्यवाद दे रहे हैं।घर के मुखिया सेवानिवृत शिक्षक कमल नारायण झा और उनकी नतिनी पूजा के धन्यवाद के बोल तो थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
अभी तो सहरसा टाईम्स ने अपनी खबर से सियासतदानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस समस्या से रूबरू होकर इसके समाधान के लिए प्रेरित किया है।हमारी खबर की पूरी हनक तब और नजर आएगी जब पीड़ित परिवार को आने--जाने का मुकम्मिल रास्ता मिल जाएगा और सहरसा टाईम्स उनकी जिन्दगी की रफ़्तार को कैमरे में कैद कर के एक नयी सुबह की कहानी लेकर आपके सामने एक बार फिर हाजिर होगा।जब तक इस पीड़ित परिवार को पूरा का पूरा इन्साफ नहीं मिल जाता है,सहरसा टाईम्स इस परिवार के साथ सिद्दत से खडा रहेगा।  

2 टिप्‍पणियां:

  1. saharsa times......... आपको आपके इस पहल के लिया बहुत-बहुत धन्यबाद ,आज मैं ने जाना की समाज में media का क्या योगदान है , मैं आपको बहुत-बहुत धन्यबाद देता हू

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  2. aasha achhi je badd jaldi ehi samasyaa ke samadhan bh jayat. saharsa times se aasha achhi je ja dhari ehi samasya ke nirakaran nahi bh jayat, ehi samasya ke jiyaune rakhab. bahut 2 dhanyavaad saharsa times ke.

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