क्रिकेट पिच में तब्दील झील |
मुकेश कुमार सिंह,सहरसा टाइम्स : यह है सहरसा का मत्स्यगंधा झील.वर्ष 1996 में इस झील का निर्माण
तत्कालीन जिलाधिकारी,सहरसा टी.एन.लाल दास के महती प्रयास से कराया गया
था.करीब एक करोड़ के सरकारी धन और लाखों रूपये के जन सहयोग से इसका निर्माण
हुआ था.तब बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद ने इस झील का उदघाटन बड़े
तामझाम से दो मार्च 1997 को किया था.अपने शुरूआती समय में यह झील इस
क्षेत्र सहित पुरे राज्य में आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.यहाँ कोसी
प्रमंडल और सीमावर्ती कई जिले के लोगों के साथ--साथ पड़ोसी देश नेपाल
सहित देश के विभिन्य प्रान्तों से भी थोक में पर्यटक आते थे.इस झील में
सुबह से लेकर देर शाम तक लगातार नौका विहार होता था.प्रेम पंछियों की
किलकारियां गूंजती थी.क्या बच्चे,क्या बूढ़े,और क्या जवान.महिलायें भी यहाँ
आकर एक तरह से उत्सव का आनंद उठाती थीं.पानी से लबालब रहने वाले इस झील की
छंटा देखते ही बनती थी.लेकिन आज आलम यह है की सभी सुहाने दिन गुजरे समय की
बात बनकर रह गयी है.यह झील पूरी तरह से मजाक बनकर रह गयी है।इलाके के बच्चे
और नौजवान इस झील के अन्दर क्रिकेट पिच बनाकर न केवल क्रिकेट खेलते हैं
बल्कि टूर्नामेंट तक करवाते हैं।यानी यह झील,झील तो नहीं बनी रह सकी लेकिन
यहाँ पर कई तरह के काम जरुर हो रहे हैं।
बड़ी कम उम्र महज 8 वर्ष में ही इस झील की मौत हो गयी.वर्ष 2004 से
ही यहाँ मुरघती सन्नाटा है.झील के बीच बने पानी उगलने वाले झरने का मुंह
बन्द है.नक्काशीदार बनी पत्थर की मूर्तियाँ क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.बैठने
वाले चबूतरे जमींदोज हो रहे हैं.नौकाएं टूट-फुटकर कराह रही हैं.अब पानी का
एक कतरा भी नहीं हैं इस झील में.चारों तरफ जंगल उग आये हैं.यहाँ बेख़ौफ़ होकर पशु विचरण करते हुए लजीज चारा का तुत्फ़ उठा
रहे हैं.लोग यहाँ आकर पुराने सुनहरे और हंसी दिन को याद कर महज उदास होते
हैं और सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन को जमकर कोसते हैं.बताना लाजिमी है
की इस झील के दिन बहुरे इसके लिए सहरसा टाइम्स ने लाख जतन किये हैं।कई बार
इस
झील को लेकर प्रमुखता से खबर इस उम्मीद में लिखी है की सरकार इसे गंभीरता
से लेगी और इसे सजाने---संवारने की पहल करेगी।लेकिन हमारी कोशिशों का
नतीजा भी आजतक सिफर ही निकला है।बताना लाजिमी है की पिछले साल 13 दिसंबर को
मुख्यमंत्री कई मंत्रियों और आला अधिकारियों के साथ खुद मत्स्यगंधा झील का
निरीक्षण करने पहुंचे
थे।मुख्यमंत्री ने उस वक्त इस झील को न
केवल पहले से बेहतर बल्कि देश स्तर का मनोरम झील बनाने की घोषणा की
थी।लेकिन उनकी घोषणा के साल भर बाद भी यह झील रोता---बिलखता अपने
पुराने बदनुमा शक्ल में है जो लोगों को ना केवल मुंह भर चिढ़ा रहा है बल्कि
लोगों को जद से डरा भी रहा है।
प्रशासन के हाकिम विगत कई वर्षों से लोगों को बस इस झील के जल्द
जीर्णोधार किये जाने की घूंटी पिला रहे हैं.वे अभी मुख्यमंत्री के दौरे के
बाद झील को लेकर बहुत काम किये जाने का प्रलाप कर रहे हैं।इनकी माने तो इस
झील में चार मौजे की जमीन है।तीन मौजे की जमीन के मुआवजे का भुगतान हो चुका
है।एक मौजे की जमीन के मुआवजे के लिए बिहार सरकार से राशि प्राप्त हो चुकी
है।छः महीने के भीतर झील को बेहतर बना लिया जाएगा।अधिकारी यह भी बता रहे
हैं की इस झील की जिम्मेवारी अब राज्य पर्यटन विभाग के जिम्मे है।विभाग ने
इस झील का डीपीआर तैयार कर लिया है।यानी आगे सबकुछ बेहतर करने के उनके और
सभी तरह के प्रयास जारी हैं।
एक मनोरम और लोगों को अपनी ओर खींचने वाला झील आज लोगों को डरा रहा है.तकलीफों से सने जीवन में दो पल सुकून के बटोरने यहाँ लोगों का हुजूम उमड़ता था लेकिन यहाँ तो अब सब कुछ फ़ना हो गया है.बस इस झील की यादें ही शेष रह गयी हैं.जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री की झील के मामले में घोषणा पूरी तरह से डपोरशंखी और लफ्फाजी साबित हुआ है।इस खबर से सहरसा टाइम्स एक बार फिर इस झील की तस्वीर आमजन से लेकर सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को इसलिए दिखा रहा है की एक तो उनको अपनी घोषणा के हस्र का पता चल सके और दुजा इस झील के दिन बहुरें,इसके लिए पुख्ता इंतजाम भी हो सके।बांकी सब रब के हाथों है।
एक मनोरम और लोगों को अपनी ओर खींचने वाला झील आज लोगों को डरा रहा है.तकलीफों से सने जीवन में दो पल सुकून के बटोरने यहाँ लोगों का हुजूम उमड़ता था लेकिन यहाँ तो अब सब कुछ फ़ना हो गया है.बस इस झील की यादें ही शेष रह गयी हैं.जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री की झील के मामले में घोषणा पूरी तरह से डपोरशंखी और लफ्फाजी साबित हुआ है।इस खबर से सहरसा टाइम्स एक बार फिर इस झील की तस्वीर आमजन से लेकर सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को इसलिए दिखा रहा है की एक तो उनको अपनी घोषणा के हस्र का पता चल सके और दुजा इस झील के दिन बहुरें,इसके लिए पुख्ता इंतजाम भी हो सके।बांकी सब रब के हाथों है।
yahi saboot hai ki bihar me nitish ke kal me vikash hua hai ki vinash
जवाब देंहटाएंbahot accha bhai apne to bahot hi badh ya web site banaya hai or jankari bhi untni hi acchi aur sacchi hai .....like it
जवाब देंहटाएंVery sad for us (Saharsawasi)....
जवाब देंहटाएंthank you ki aap saharsa ko behter banana chahte hain.
जवाब देंहटाएंlogon tak sachhai batane ka ek behtareen zariya hai ye website.