मई 12, 2016

बेमौसम की बारिश से शहर हुआ नरक में तब्दील.......


सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट: यूँ तो बरसात के मौसम में बारिश हर साल बिहार की राजधानी पटना के साथ--साथ झारखण्ड की राजधानी रांची के नगर निगम के तमाम इंतजामों की पोल खोलकर रख देती है लेकिन आज हम आपको बेमौसम की एक बारिश में सहरसा का नजारा दिखा रहे हैं.
एक तो पहले से ही यह जिला हर साल कोसी के कहर को झेलता है. इस जिले के कई इलाके ऐसे हैं जो हर साल बाढ़ की चपेट में आकर डूबते और तरते हैं. लेकिन इससे इतर बीती रात महज कुछ लम्हों की झमाझम बारिश में सहरसा जिला मुख्यालय के लगभग तमाम सड़कों से लेकर मुहल्ले तक में सिर्फ पानी ही पानी का नजारा है. चहुँदिश बाढ़ का मंजर है.सड़कों पर पानी है तो लोगों के घरों में भी पानी है.इस शहर को बारिश ने अपनी धमक से ना केवल पानी से तर कर दिया है बल्कि शहर को नरक में तब्दील करके रख दिया है. 

बेमौसम की इस बारिश से सहरसा की लगभग तमाम जगहें पानी से तर हैं.शहर का चप्पा--चप्पा पानी--पानी है.शहर के तमाम मुहल्ले मसलन गौतम नगर, गंगजला, बटराहा, कायस्थ टोला, हटियागाछी सहरसा बस्ती,भवानीनगर,संतनगर,न्यू कोलोनी,रिफ्यूजी कोलोनी सहित तक़रीबन डेढ़ दर्जन मोहल्ले बारिश के पानी से इसकदर लबालब हैं गोया बाढ़ का कहर हो. बानगी भर को सहरसा टाईम्स के चीफ एडीटर मुकेश कुमार सिंह ने गौतम नगर मोहल्ले का जो ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के ठीक सामने का जायजा लिया और लोगों की पीड़ा सुनी।  गौतम नगर सहरसा का सबसे महत्व्पूर्ण मोहल्ला है जिधर से जिला सह प्रमंडल के सभी आलाधिकारी गुजरते हैं।
 इस मसले पर हमने जिम्मेवार अधिकारी से जबाब--तलब करना चाहा लेकिन वे अभी पंचायत चुनाव में व्यस्त हैं का हवाला देकर हमें कोई ठोस जबाब नहीं दे रहे हैं.बिना मौसम की बारिश से जे जब आमजन हलकान और परेशान हैं,तो इस बात का सहज अनुमान लगाया जा सकता है की बारिश के मौसम में इस इलाके के लोगों की मुसीबत निश्चित रूप से बढ़ने वाली है.
कोसी के कहर के साथ सहरसा वासी बारिश का कहर भी झेलने को मजबूर हैं.जाहिर तौर पर इस इलाके के लोगों को कुदरत के कहर के साथ--साथ सरकारी लापरवाही का जुल्म भी सहना पर रहा है.इन्हें ना जाने इस मुसीबत से कब और कैसे निजात मिलेगी.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।