सितंबर 28, 2015

पूर्व सांसद आनंद मोहन के तल्ख़ बयान .............

*वे कोई फुटबॉल नहीं, जो किक मारकर कोई कार्नर कर दे ..
*वे कोई कंडोम नहीं,जिसका कोई.इस्तेमाल करे..
*उनकी रचना पर्वत पुरुषः दसरथ की चोरी कर के मांझी द माउंटेनमैन फिल्म बनायी गयी है...  
* फिल्म के निर्माता केतन मेहता सहित फिल्म से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण लोगों पर बहुत जल्द मुकदमा..   
मुकेश कुमार सिंह:-   एक मामले में पेशी के लिए सहरसा मंडल कारा से सहरसा न्यायालय आये सांसद आनंद मोहन ने सहरसा टाईम्स से खास बात की जिसमें उन्होनें कई तल्ख़ और विवादित बयान दिए.

आनंद मोहन सिंह के साथ मुकेश सिंह- सहरसा टाइम्स
पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन बिहार में एक जाना--पहचाना रसूख वाला नाम. देखिये पेशी के दौरान न्यायालय आये आनंद मोहन को. बीते दस वर्षों से सहरसा जेल में बंद आनंद मोहन के तेवर आज भी जस के तस मौजूं हैं. सहरसा टाईम्स के साथ हुयी खास बातचीत के दौरान हमारे सवालों का जबाब उन्होनें बेहद तल्ख़ अंदाज में दिए. सब से पहले उन्होनें अपनी राजनीतिक हैसियत को लेकर कहा की "वे कोई फुटबॉल नहीं जो किक मारकर कोई कार्नर कर दे". वे बीते दस सालों से जेल में और सोलह साल से सड़क पर हैं. अगर कोई बड़ा लीडर महज एक साल तक जेल रहे और दो वर्षों तक सड़कों पर तो उसकी स्थिति कुत्ते से भी बदतर हो जायेगी. आज उनकी अहमियत बरकार है तभी कोई राजनेता या प्रेस--मीडिया उन्हें पूछते हैं. आनंद मोहन ने आगे कहा की उनकी पार्टी और  संगठन का विलय हम पार्टी में हुआ है. उनके लिए सीट कोई मायने नहीं रखता है. जीतन राम मांझी आने वाले दिनों में एक बड़ी ताकत के रूप में बिहार की राजनीति में काबिज होने वाले हैं.
सहरसा टाइम्स का सवाल-   सारे राजनेता उनका इस्तेमाल करते हैं और फिर उनको हासिये पर छोड़  देते हैं. आनन्द मोहन - कड़े अंदाज में जबाब दिया और कहा की "वे कोई कंडोम नहीं जिसका कोई.इस्तेमाल करे". आनद मोहन सीबीएससी पाठ्यक्रम में शामिल मधुरिका हिंदी पाठमाला, जिसमेंं पढ़ाई जाने वाली उनकी रचना पर्वत पुरुषः दसरथ को लेकर सवाल खड़े किये और कहा की उनकी रचना की चोरी कर के "मांझी द माउंटेनमैन" फिल्म बनायी गयी है. वे फिल्म के निर्माता केतन मेहता सहित फिल्म से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण लोगों पर बहुत जल्द मुकदमा करने जा रहे हैं. बताते चलें की सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद आगामी विधान सभा चुनाव में शिवहर से हम पार्टी की प्रत्यासी हैं.  दस वर्ष जेल में बिताने के बाद भी पूर्व सांसद आनंद मोहन का निसंदेह आज भी कम से कम बिहार की सक्रिय राजनीति में एक मजबूत हस्तक्षेप है.अपने समर्थकों के दम पर आनद मोहन आज भी कितने नेताओं को विधान सभा तक पहुंचाने और उन्हें वहाँ पहुँचने से रोकने का दम रखते हैं,इसमें कहीं कोई शक--शुब्बा नहीं है.

सितंबर 20, 2015

वनगाँव में सुशील मोदी का पुतला दहन.....

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:-  सहरसा विधान सभा से श्री संजीव कुमार झा पूर्व  बीजेपी विधायक को पार्टी से टिकट नहीं मिलने से लोगो में कानाफुसी होने लगा है. संजीव झा को सहरसा विधान सभा से टिकट नहीं मिलने से बनगाँव वासी आक्रोशित है. इसी क्रम में संजीव झा के समर्थन में बनगावं चौक पर  श्री सुशील मोदी का पुतला दहन किया गया. पूर्व विधायक संजीव झा का सामाजिक जीवनक्रम बहुत ख़ाश रहा है. शहर के समस्यों को लेकर आंदोलन करने में भी पीछे नहीं  रहने वाले संजीव झा अपने राजीनितक घटना क्रम में  जनसमस्याओं के चलते जेल भी जा चुके है. पुतला  दहन में बनगांव के राज कुमार मिश्र,  संजीव मिश्र, गौरव जी मनोज जी छोटू जी और फ़ेकन जी ने हिस्सा लिया. 


सितंबर 18, 2015

स्कूल में बच्चों के बीच सहरसा डी.एम्.


चन्दन सिंह की रिपोर्ट:-  सहरसा जिले के बेलाही गांव के मिडिल स्कूल में शिक्षक दिनचर्या के अनुरूप वर्ग में पढ़ा रहे थे.तभी अचानक शिक्षक के सामने भूचाल सा आ गया. आप चौकिये मत. आपने अभी तक सिर्फ पत्रकारों के सामने शिक्षक को पढाते हुए देखे होंगे, परन्तु आप आज इस तस्वीर को देखिये इस शिक्षक के सामने जो व्यक्ति खड़ा है वो सहरसा का जिला पदाधिकारी, विनोद सिंह गुंजियाल है. 
जिला पदाधिकारी दियारा क्षेत्र में मतदान केन्द्रों का निरिक्षण करने के क्रम में ही इस स्कूल में आ धमके और शिक्षक जो वर्ग में  बच्चों को पढ़ा रहे थे उसका अवलोकन करने लगे. इतना ही नहीं जिला पदाधिकारी ने खुद पढ़ाना शुरू  कर दिया.
जाहिरतौर पर इस तरह की घटना तो इस शहर के लिए कल्पना मात्र लगता है. दियरा क्षेत्र के किसी स्कूल में जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चों को पढ़ना वाकई काविले तारीफ है. जिला पदाधिकारी के पदभार  लेने के साथ ही सभी कार्यालय को कई तरह के दिशानिर्देश भी दिया जा रहे है.  के  सहरसा जिला को कई वर्षों के बाद ऐसा जिला पदाधिकारी मिला है जो सभी विभाग को देख रहा है वर्ना किसी को AC चेंबर से निकलने की दरकार ही नहीं होता है.

सितंबर 16, 2015

दलालों के गिरफ़्त में सर्व नारायण सिंह राम कुमार सिंह कॉलेज.....

दलालों और बिचोलियों के गिरफ़्त में है सर्व नारायण सिंह राम कुमार सिंह कॉलेज---   मनीष कुमार

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:-  NSUI के कार्यकर्ताओं ने सर्व नारायण सिंह कॉलेज में तालेबंदी कर कामकाज को बन्द करा दिया. महाविद्यालय में व्याप्त भ्रस्ताचार को लेकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. इनका कहना था कि महाविद्यालय में इंटर साइंस के नामांकन में मेधावी छात्रों को नजरंदाज कर पैरवी और दलाली व्यवस्था से कम अंक वाले छात्रों का नामांकन हुआ है. हद तो इस बात की है कि जब विश्वविद्यालय ने स्नातक में नामांकन लेने का समय सीमा बढ़ा दिया तब भी इस कॉलेज में नामांकन नहीं लिया गया. 
प्राचार्या से वार्ता करते NSUI के कार्यकर्ता 
एक छात्र ने आरोप लगाया की कॉलेज के कर्मचारी, चंद्रशेखर सिंह ने ही मुझसे 2000 हजार रूपये इंटर साइंस में नामांकन करवाने के लिए ले लिया लेकिन अभी तक नामांकन नहीं हुआ है और उनका मोबाईल भी बन्द बताता है. NSUI संगठन ने प्राचार्या के समक्ष कई ऐसे स्टूडेंट्स को उपस्थित किया जो कि कॉलेज के बिचोलियों और दलालों का शिकार बना था.
जाहिरतौर पर विश्व विद्यालय से लेकर कॉलेज तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है. कॉलेज में प्रोफेसर से लेकर कर्मचारी तक दलाली करने में लगा है कोई नामाकंन के नाम पर तो कोई अपना कोचिंग चलाने को लेकर परेशान है. NSUI के महासचिव मनीष कुमार ने कहा कि संलिप्त कर्मी पर यदि कार्रवाई नहीं हुई तो इस मामले को आगे तक ले जाऊँगा.   
सहरसा टाइम्स NSUI के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद् देता है कि इस तरह से छात्र छात्राओं को हो रहे कठिनाइयों से निजात दिला रहा है. इस कार्यक्रम का नेतृत्व NSUI के जिलाध्यक्ष सुदीप कुमार सुमन, महासचिव मनीष कुमार के अलावे विराज कश्यप, सन्नी शिवम, अंगद कुमार , राजेश कुमार, अभय यादव, नितीश कश्यप,पवन कुमार, बिट्टू कुमार, गौरी शंकर सहित कई छात्र शामिल थे.  

जिलाधिकारी ने मतदान केंद्रों का लिया जायजा

मनोज यादव की रिपोर्ट:- सहरसा विधानसभा चुनाव 2015 को लेकर सहरसा के जिलाधिकारी, विनोद कुमार सिंह गुंजियाल ने सलखुआ प्रखंड  के कई मतदान केन्द्रों का स्थल निरीक्षण कर जायजा लिये. जिलाधिकारी श्री गुंजियाल ने मतदान केन्द्रों का स्थल जायजा लेने के साथ साथ सिमरी बख्तियारपुर, अनुमंडल पदाधिकारी, सुमन प्रसाद साह और  सलखुआ बी.डी.ओ.  विभेष आन्नद को कई दिशानिर्देश भी दिये. सलखुआ प्रखंड के गोरदह, पिपरा,बगेवा, वहुअरबा समेत कई मतदान केन्दों का जायजा लिया. 
जाहिरतौर इस क्षेत्र में यदि शांतिपूर्ण चुनाव कराना है तो पहले से ही सुरक्षा चाकचौबंद करना होगा और सहरसा जिला प्रशासन किसी तरह की चूक नहीं होने देना चाहती है. 

सोनी की डूबने से हुई मौत....

सलखुआ से मनोज यादव की रिपोर्ट:- सहरसा में नदी, पोखर और तालाब में डूबने होने वाली मौतों की निरंतरता बदस्तूर जारी है. एक बार फिर सलखुआ प्रखंड के गोरदह पंचायत के चिकनी घाट के समीप मंगलवार की शाम स्नान करने के दौरान ओरैली गांव के एक 12 वर्षीय बच्ची की मौत डूबने से हो गई. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गोरदह पंचायत के ओरैली मुशहरी निवासी बंदे सादा कि 12 वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी स्नान करने के लिए घाट पर गई थी स्नान करने के क्रम डूब कर मौत हो गई. लोगों ने घटना कि सूचना सोनी के परिजन को दिया तब जाकर  परिजन व ग्रामीणों के सहयोग से बच्ची कै शव को बरामद किया गया. सोनी के पिता व ग्रामीणों ने बताया कि बच्ची के मौत की सूचना सलखुआ थाना व अंचल प्रशासन को दे दी गई है. 

सितंबर 14, 2015

आप भी रहिये सावधान, क्योंकि अगलीबारी आपकी की.............

सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट:- जा हो बी.डी.ओ. साहेब तूहूँ न बच पैल्हु इ फ्राडबा से. जी हाँ सोनबर्षा प्रखंड के बीडीओ के खाते से 50 हजार रूपया साइबर जगत के ठगो ने ठगी कर ली. बीडीओ के मोबाइल पर कॉल आया कि मैं एसबीआई ब्रांच से बोल रहा हूँ आप अपना एटीएम का पीन नम्बर बताइए, क्योंकि आपके एटीएम को अपडेट करना है. बीडीओ काम में व्यस्त होने के कारण भरोसा कर अपना पीन नम्बर बता दिया. बताते ही उनके खाता से 50 हजार रूपया का निकल लिया गया. रुपया निकलने के उपरांत बीडीओ के मोबाईल पर मैसेज आया मैसेज देख बीडीओ ने स्थानीय एसबीआई पहुंचकर अपने एटीएम् को बन्द कराया।
जड़ा आप सोचिये बीडीओ जैसे जिम्मेदार पदाधिकारी के साथ यह हादसा होता है तब आम आदमी के साथ क्या हो सकता है इसकी कल्पना आप करिये. आप भी रहिये सावधान क्योंकि अगलीबारी आपकी है...........  

सावधान सहरसा में डेंगू ने दिया दस्तक.....

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:- सावधान डेंगू ने सहरसा में दिया दस्तक आज सदर अस्प्ताल में डेंगू से पीड़ित मरीज युवक को भर्ती कराया गया है। मरीज की पहचान डेंगू मरीज के रूप में की गयी है. इन्द्रदेव कुमार (22 वर्षीय) सिमरी बख्तियारपुर का रहने वाला है. डेंगू मरीज के भर्ती होते ही सदर अस्प्ताल में कोहराम मच गया. आनन फानन में सूचना सिविल सर्जन को भी दी गयी. डेंगू का मरीज मिलते ही पुरे स्वास्थ्य महकमा में खलबली मच गया है.
जाहिर तौर पर सहरसा का सदर अस्पताल खुद बिमार है यहाँ मरीज खुदा के रहमों करम पर ही रहता है. इस हलात में डेंगू का मरीज यहाँ मिलना और सदर अस्पताल में उसका इलाज होना ये सम्भव नहीं है. सिविल सर्जन का कहना है कि इंद्रदेव पहले गुडगाँव में ही काम करता था पटना में इलाज करने के दौरान उसे डेंगू निकला. उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया.

डेंगू बुखार (Dengue Fever) से  बचने का  उपाय :--
घर के अन्दर और आस-पास पानी जमा न होने दे। कोई भी बर्तन में खुले में पानी न जमने दे।* बर्तन को खाली कर रखे या उसे उलटा कर कर रख दे। 
अगर आप किसी बर्तन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा कर रखते है तो उसे ढक कर रखे। * अगर किसी चीज में हमेशा पानी जमा कर रखते है तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे   से धो लेना चाहिए,जिससे मच्छर के अंडे को हटाया जा सके।  
* घर में कीटनाशक का छिडकाव करे। 
* किसी भी खुली जगह में जैसे की गड्डो में, गमले में या कचरे में पानी जमा न होने दे। * खिड़की और दरवाजे में जाली लगाकर रखे। शाम होने से पहले दरवाजे बंद कर दे। 
* ऐसे कपडे पहने जो पुरे शरीर को ढक सके।
* रात को सोते वक्त मच्छरदानी लगाकर सोए।
* अन्य मच्छर विरोधी उपकरणों का इस्तेमाल करे जैसे की electric mosquito bat,     repellent cream, sprays etc. 
अपने आस-पास के लोगो को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिए प्रोत्साहित करे। 
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सितंबर 13, 2015

भूख़ की कोख़ में दम तोड़ता बचपन....

सहरसा टाईम्स की ख़ास रिपोर्ट:-  हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले इस इलाके में गरीबी बेकारी, भुखमरी, बीमारी और तरह--तरह की समस्याएं सुबह की पहली किरण के साथ ही मुंह बाए खड़ी रहती है. इस इलाके में गरीबी कुलाचें भर रही हैपेट की आग बुझाना यहाँ पहाड़ खोदकर दूध निकाले के समान है. ऐसे में गरीब हर वक्त किसी तारणहार की बाट जोहते नजर आते हैएक तरफ जहाँ  सरकारी महकमा विकास के दावे पर दावे किये जा रहे है वही दूसरी तरफ सहरसा टाईम्स आपको इस तस्वीर से रु ब रु  करा कर ये साबित जरूर करती है की विकास तो हो रहा है लेकिन उस पूँजीपतियों का जिनके बदौलत ये सरकार स्टेब्लिश है. मासूम बच्चे आज भी बाल मजदूरी का ग्रास बनकर किसी होटल, ढाबे, चाय की दुकानो पर कप प्लेटों से लेकर नेताजी के घरों में झाड़ू  पूछा करने में अपना भविस्य तलाशने पर मजबूर है. 
शौचालय में दम तोड़ता बचपन 
सहरसा टाईम्स आपको कुछ आंकड़ों की सच्चाई से रूबरू कराने जा रहे हैं. बचपन बचाओ आन्दोलन एक सामाजिक संस्था द्वारा पिछले 15 वर्षों के दौरान बिहार से बाहर बंधुआ मजदूरी कर रहे सात हजार से ज्यादा बच्चों को मुक्त कराया गया.यही नहीं कुछ और संस्थाओं के प्रयास से तीन हजार से ज्यादा बाल मजदूर भी सहरसा के आसपास के इलाके सहित सूबे के विभिन्य जगहों से मुक्त कराये गए.आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की सहरसा में ऐसे बच्चों के लिए वर्ष 2003 में 40 बाल श्रमिक विद्यालय खोले गए थे लेकिन वर्ष 2006 के अंत होते--होते ये सारे विद्यालय बंद हो गए. यानि बाल मजदूरों के लिए सरकार कहीं से भी  गंभीर नहीं रही.

कोसी इलाके में मासूम सपनों की बलि चढाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.सरकार के कागजी आंकड़े और जमीनी सच में कोई मेल नहीं है.गरीब के लिए ही लगभग सारी बड़ी योजनायें है लेकिन गरीब को इन योजनाओं का फलाफल मिलना तो दूर इन योजनाओं की पूरी जानकारी भी नहीं हो पाती है और उनकी अर्थी निकल जाती है. गरीबों की ज्यादातर योजनायें बाबू--हाकिम से लेकर बिचौलियों के बीच ही उछलती--फुदकती रह जाती है. ये गरीब अपने मासूम नौनिहालों के सपने बेचते है. उनकी जिन्दगी और उनकी अहमियत बेचते है. जबतक गरीबी और रोजगार का टोंटा रहेगा इस इलाके में मानव तस्कर बच्चों को यूँ ही खरीदते रहेंगे.

सितंबर 12, 2015

भारत देश महान होगा....

***** पाठक द्वारा लिखी गई कविता  *****

चुनाव की सरगर्मी छा गई है,
नेताओं में नई उमंग आ गई है।
सफ़ेद लिबासों का बाज़ार सज गया है,
पचास साल वाला भी युवा बन गया है।

साथ चले थे जो अब पीछे छूट गए हैं,
अपने स्वार्थ में एक दूजे से रूठ गए हैं।
शंख फूँका जिनके विरूद्ध, चहुँ ओर छा गए,
फूटी आँख न सुहाने वाले, आज कैसे भा गए।

लुभाने का बहाना अब पुराना हो चुका है,
सीधे-सीधे ठगी का जमाना आ गया है।
खुलेआम वोटरों की नीलामी होगी,
वोट के बदले आधुनिक गुलामी मिलेगी।

रोजगार की बात करने वालो, देखो प्रदेश का क्या हाल है,
विकास की गाड़ी खींचने वाले युवा, ठेके पर बहाल हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य का पहिया गर्त में चल रहा है,
नई पीढ़ियों का भविष्य सड़े मांस की तरह गल रहा है।

केन्द्र और राज्य के नेता कितने महान हैं,
जीने वालों की सुधी नहीं, मरने वालों को अनुदान है।
कौन से अर्थशास्त्र की पढ़ाई हो रही है,
“महंगाई दर” कम और महंगाई बढ़ रही है।

“जनता” और “आम” शब्द का कबाड़ा हो गया है,
क्रीमि लेयर की तरह पार्टियों में भी बंटवारा हो गया है।
“आम” कहलाने वाले बंधु, खास हो गए हैं,
“जनता” के बीच से निकला, जनार्दन हो गए हैं।

:रीतेश कुमार वर्मा ,सहरसा: 

हर कोई अपने खानदान का कल्याण कर रहा है,
बचे-खुचे से कार्यकर्ताओं पर अहसान कर रहा है।
भागते भूत की लंगोटी सही, एम०पी० नहीं तो एम०एल०ए० से ही,
जैसे तैसे, जन के धन से, अपना उत्थान होगा,
जनता जाए भाड़ में, भारत देश महान होगा।
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सितंबर 09, 2015

शहर में बालू गिट्टी के धंधे से लोगो को परेशानी

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:- यह तस्वीर सहरसा हवाई अड्डे की है जहाँ सड़क के किनारे हमेशा सैकड़ो ट्रक गिट्टी बालू ठेकेदार के द्वारा सरकारी जमीं पर अवैध रूप से रखा जाता था. जिससे लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. सहरसा के नये जिला पदाधिकारी द्वारा दिए गये कड़े निर्देश पर इसे तुरन्त खाली करवाया गया.
परन्तु यह समस्या सिर्फ हवाई अड्डा के पास नहीं है. शहर के रिफ्फूजी कॉलोनी चौक के पास रोड के किनारे भी बालू गिट्टी का धंधा किया जाता है. बालू रोड तक पसरा रहता है जिससे हमेशा दुर्घटनाये होती रहती है. इतना ही नहीं जब बालू से लदा  ट्रेक्टर तेज रफ़्तार में चलती है तो बालू के उड़ने से अन्य यात्रियों को भी काफी कठिनाई होती है. विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते है. वाकई ये जिला पदाधिकारी द्वारा सराहनीये कदम है लेकिन ये समस्या शहर के कई चौक चौराहे पर भी जिसे निज़ात दिलाना जरुरी है.




सितंबर 07, 2015

एक विस्थापित गाँव का दर्द देखो सरकार......

* कोसी बरपा रही है कहर...... 
* छतवन गाँव के सैंकड़ों लोग हुए बेघर....
* डेढ़ सौ से ज्यादा घर कोसी में समाये ......
* विस्थापित रिंग बाँध पर ले रहे हैं शरण ......
* सरकारी मदद अभीतक नहीं हुयी है मयस्सर......... 

मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट----- हर साल हमें उजाड़ना है और फिर बसना है.हम कोसी के पेट में रहने वाले हैं.हमारी जिंदगी एक जंग है.हमें सतरंगी सपने देखने की ईजाजत नहीं है.यह एक बड़ा सच है की पूर्वी और पश्चिमी कोसी तटबंध के भीतर बसे लाखों लोगों की मुकम्मिल जिंदगी उजड़ने और फिर बसने में ही गुजर जाती है.आज हम अपनी इस खास रिपोर्ट में नवहट्टा प्रखंड के छतवन गाँव,जिसे कोसी ने लील लिया है,उस गाँव के वैसे लोगों के दर्द से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जो गाँव से किसी तरह निकल कर पूर्वी कोसी तटबंध पर आकर अपनी जान बचाने की जुगत कर रहे हैं.
देखिये यह नजारा है पूर्वी कोसी तटबंध के नवहट्टा स्थित एक रिंग बाँध का.छतवन गाँव पर कोसी कहर बरपा रही है और उस गाँव के लोग अपने जीवन भर की कुल जमापूंजी को लेकर किसी तरह से जान बचाकर भाग रहे हैं.कोसी ने इस गाँव के डेढ़ सौ से ज्यादा घर को,अपनी तेज धार में समा लिया है.कोसी की विनाशलीला के शिकार ये पीड़ित विस्थापित ऊँची जगह पर शरण ले रहे हैं.ये सभी किसी भी तरह से अपनी जिंदगी बचाने की जुगत में हैं. हांलांकि इनके घर के अधिकाँश हिस्से,पशुधन सहित खाने---पीने के सामान को भी कोसी ने खुद में समा लिया है.जो कुछ बचा, उसे ये लेकर बाहर तो निकल आये हैं लेकिन बाहर में उन्हें पीने के पानी से लेकर खाने को लाले पड़े हैं.सरकारी मदद के नाम पर अभीतक इन्हें आश्वासन तक नहीं मिला है.पॉलीथिन सीट से लेकर एक--एक जरुरी चीज के लिए सभी मोहताज हैं.इनकी पीड़ा को खुद इनकी जुबानी सुनिए.आप खुद समझ जाएंगे की इनकी पीड़ा अथाह है जिसे ईमानदार सरकारी मदद से कम किया जा सकता है.लेकिन दूर--दूर तक हमें सरकारी मदद की कोई हलचल नहीं दिख रही है.
एक जगह हो तो बताएं की दर्द यहां होता है,यहां तो जिधर दबाईये उधर मवाद है.इन पीड़ितों का दर्द देखो सरकार.

सितंबर 02, 2015

बंद का बड़ा असर ...

* बंद का व्यापक असर........
* बैंक और पोस्टल कर्मियों ने कामकाज को पूरी तरह से रखा बंद...........
* स्टेट बैंक छोड़कर सभी बैंक के एटीएम भी रहे बंद............
* सहरसा बाजार भी पूरी तरह से रहा बंद..........
* आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित ......
सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट------ट्रेड यूनियन के बैनर तले आहूत आज भारत स्तर के बंद का व्यापक असर सहरसा में देखने को मिला जहां ट्रेड यूनियन के मजदूरों ने सहरसा कचहरी ढाला और शिवपुरी ढाला को सुबह से ही जाम कर के रेल परिचालन ठप्प कर दिया वहीँ बैंक और पोस्टल कर्मियों ने कामकाज को पूरी तरह से बंद रखा.स्टेट बैंक छोड़कर सभी बैंक के एटीएम भी बंद रहे.हद बात तो यह थी की सहरसा बाजार स्वस्फूर्त बंद रहा.
देखिये कचहरी हॉल्ट का नजारा.कैसे रेलवे ट्रैक को जामकर मजदूरों ने रेल का परिचालन ठप्प कर दिया है.मजदूर नेता मुकेश कुमार यादव जहां दिनभर रेल परिचालन नहीं होने देने की बात कर रहे हैं वहीँ विवश रेलकर्मी भगवान देव यादव परेशान है और कह रहा है की वह अकेला है और जामकर्ता की भीड़ है.लोगों ने जबरन रेल फाटक को बंद कर दिया है.साढ़े आठ बजे से जाम है और ये कबतक रहेगा,उसे कुछ पता नहीं.
बैंक और पोस्टलकर्मी भी हड़ताल पर हैं.
बैंक कर्मी कह हैं की एटीएम सहित बैंक का सारा काम बंद है.पोस्टलकर्मी भी विभाग के मुख्य द्वार को बंद कर कामकाज को ठप्प कर  नारेबाजी कर रहे हैं. 
इस बंदी में सब से आश्चर्य की बात यह रही की सहरसा बाजार भी पूरी तरह से बंद रहा.दुकानदार अपनी दुकानों को बंद किये हुए थे लेकिन उन्हें बंदी के कारण का पता नहीं था.सुनिए इसे.
इस बंदी का आगे जो भी फलाफल निकले लेकिन इस बंदी ने आज आमलोगों को खासा परेशान किया.जाहिर तौर पर यह बेहद असरदार बंदी रही

सितंबर 01, 2015

पुलिस की गुंडागर्दी ........

* एक बार फिर दिखी खाकी की हनक......
* पुलिस जवानों ने ना केवल गुंडागर्दी का नंगा नाच किया बल्कि जुल्म की सारी सीमाएं भी तोड़ डाली....
* महज पानी फेंकने के विवाद में घंटों मचा रहा ग़दर...........
* बेरहम पुलिस वालों ने अंगद के गले में रस्सी डालकर उसे फर्श पर घसीटा भी.........
* आक्रोशित लोगों ने समाहरणालय मार्ग को घंटों किया जाम,अस्पताल में की तोड़फोड़ और पत्थरबाजी 
सहरसा टाईम्स के लिए मुकेश कुमार सिंह की एक्सक्लूसिव और खास रिपोर्ट---एक बार फिर खाकी की हनक दिखी .एक बार फिर पुलिस जवानों ने ना केवल गुंडागर्दी का नंगा नाच किया बल्कि जुल्म की सारी सीमाएं तोड़ डाली .आज वर्दी वाले गुंडों ने बीते आठ दिनों से सदर अस्पताल में भर्ती एक मरीज और उसकी पत्नी की बेरहमी से पिटाई कर डाली.महज पानी फेंकने के विवाद में घंटों ग़दर मचा रहा.आक्रोशित लोगों ने ना केवल सड़क को घंटों जाम किया बल्कि अस्पताल परिसर में जमकर पत्थरबाजी भी की. जब रक्षक ही भक्षक बन जाए और दरिंदगी की सारी सीमाएं तोड़ दे,तो आप भला किसपर और कैसे यकीन करेंगे? 

सदर अस्पताल सहरसा में तैनात सुरक्षा गार्डों ने आज बीते आठ दिनों से अस्पताल में भर्ती इंदरवा गाँव के रहने वाले मरीज अंगद यादव और उनकी पत्नी सीता देवी की जमकर धुनाई कर दी.बीमार अंगद को बेशर्म,बेदर्द और बेरहम पुलिस वालों ने महज लाठी--डंडे से ही पिटाई नहीं की बल्कि इन जालिमों ने अंगद के गले में रस्सी डालकर उसे फर्श पर घसीटा भी. ये निशान पुलिस की काली करतूत की बाखूबी गवाही दे रहे हैं. अंगद को बचाने आई उनकी पत्नी सीता देवी को भी इन दरिंदों ने नहीं बख्सा और उनकी भी जमकर पिटाई कर दी. 
आप पूरी घटना के बारे में जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे.बीमार अंगद के बेटे ने अस्पताल की दूसरी मंजिल पर भर्ती अपने पिता के कक्ष से गलती से नीचे पानी फेंक दिया. पानी पुलिस जवानों के ऊपर आ गिरा. बस इसी बात से खफा खाकी,बाबली हो गयी और गलती मानने के बाद भी अंगद और उसकी पत्नी पर कहर बनकर टूट पड़ी.बाद में दूसरे मरीज के परिजन और स्थानीय लोगों ने इस घटना का पुरजोर विरोध किया.पहले तो लोगों ने अस्पताल के ठीक सामने समाहरणालय मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर के रखा,जहां से कई पुलिस अधिकारी और पुलिस गाड़ी को भी वापिस लौटना पड़ा. 
आक्रोशित लोग पुलिस जुल्म से इतने आहत थे की वे इतने पर ही नहीं रुके.आक्रोशित लोगों ने सुरक्षा जवानों के अस्पताल स्थित आश्रय स्थल पर हमला कर के जमकर पत्थरबाजी की.इस पत्थरबाजी में तीन जवानों को चोट आई है जिसमें एक जवान गंभीर रूप से जख्मी है. बाद में सैकड़ों की तायदाद में पुलिस जवान के साथ अस्पताल पहुंचे पुलिस के बड़े अधिकारियों ने मामले को शांत कराया.
मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी ने अंगद के साथ--साथ अन्य मरीजों से भी पूछताछ की.सभी ने समवेत स्वर में पुलिस अधिकारी को पुलिस जवानों के जुल्म की कहानी सुनाई.सुनिए इस मरीज को जो कह रहा है की अंगद की बेरहमी से पिटाई की गयी है.इस घटना में गंभीर रूप से जख्मी जवान अजीत कुमार बता रहा है की लोगों ने पुलिस जवानों पर हमला और पथराव किया,जिसमें वह जख्मी हो गया.
संजय कुमार सिंह, एसएचओ,सदर
इधर पुलिस के अधिकारी संजय कुमार सिंह, एसएचओ,सदर ने घटना की जानकारी देने के साथ-साथ कहा की वे दोनों पक्षों की तरफ से घटना के बाबत मिले आवेदन के आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई
कमोबेस अब पुलिस वाले गुंडों की राह पर हैं.आमलोगों की सुरक्षा को गुंडों के साथ-साथ अब पुलिस वालों से भी खतरा है.स्वस्थ्य व्यक्ति से लेकर बीमार किसी पर भी खाकी का कहर बरप सकता है.आखिर में हम तो यही कहेंगे की "सहरसा पुलिस से खबरदार रहिये",वर्ना......?

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।