सहरसा टाईम्स: सदर अस्पताल के
संक्रामक कक्ष में देखिये पैसठ वर्षीय टिटनस के मरीज गोहल बढ़ई अब इस दुनिया
में नहीं हैं.जिले के सलखुआ प्रखंड के सहुरिया बसाही गाँव के रहने वाले
गोहल के परिजन अठारह अक्तूबर की सुबह उन्हें सदर अस्पताल लेकर आये.गोहल
को टिटनस था.गोहल का ईलाज कल शुरू हुआ लेकिन उन्हें बीती रात दो इंजेक्शन
जो उनकी जान बचाने के लिए अत्यावश्यक थे और उन्हें दिए जाने थे.गोहल के
परिजन इंजेक्शन दिलवाने के लिए आपातकालीन कक्ष में नर्स और कंपाउंडर से खूब
मनुहार किये लेकिन कोई वहाँ से आना नहीं चाह रहा था.आखिरकार दो कंपाउंडर
आये और उन्होनें ताबड़तोड़ तीन इंजेक्शन गोहल को ठोंक डाले.लेकिन वह दो
इंजेक्शन जो सब से आवश्यक थे मरीज को नहीं लगाए.उन दोनों इंजेक्शन को लगाने
के लिए इन दोनों कंपाउंडर ने गोहल के परिजन से शराब की मांग की.मरीज के
परिजन ने पैसे सुबह में देने की बात कही लेकिन बिना शराब के वे इंजेक्शन
नहीं लगाने की जिद पर अड़े थे. आखिरकार वे वहाँ से बिना इंजेक्शन लगाए लौट
गए.गोहल को इंजेक्शन नहीं दिए जा सके.इस घटना के बाद अस्पताल के दो
सुरक्षाकर्मी आये और गोहल के परिजन को लेकर आपातकालीन कक्ष लेकर गए और
स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर उनकी जमकर धुनाई की.हद की इन्तहा देखिये की
मरीज को इंजेक्शन शराब नहीं देने के कारण नहीं दिया गया और इधर मरीज के
परिजन की पिटाई भी हुयी.इस बेरहमी और लोमहर्षक वारदात के दौरान अहले
सुबह बिना ईलाज के गोहल की मौत हो गयी..इस दौरान हमारी दखल के बाद अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी और
वह हरकत में आया.हमारी पहल के
बाद पहले तो अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर रविन्द्र मोहन ने संक्रामक
कक्ष पहुंचकर पहले तो मृतक की लाश को देखा फिर परिजनों को गंभीरता से से
सूना.उपाधीक्षक ने अपने कक्ष में उन दोनों आरोपी जवानों को बुलाकर जमकर
उनका क्लास लगाया.वे दोनों कंपाउंडर जिन्होनें बीती रात शराब मांगी थी
फिलवक्त अस्पताल से फरार हैं.उपाधीक्षक ने हमको भरोसा दिलाया है
की दोषियों पर शख्त से शख्त कारवाई होगी.
क्या
शराब के लिए किसी का ईलाज नहीं होगा?क्या शराब लेकर मरीज के परिजनों को
अस्पताल जाना होगा?यह सुनकर भी आश्चर्य होता है.क्या अस्पताल में ईलाज करने
के लिए स्वास्थ्यकर्मी की जगह गुंडे--मवाली और शराबियों को ईलगाया गया
है.आखिर इस अस्पताल में क्या चल रहा है सरकार.
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