रिपोर्ट चन्दन सिंह : वीरपुर बैराज से लगातार थोक में पानी छोड़े जाने से एक तरफ जहां कोसी के जलस्तर में अप्रत्यासित वृद्धि हुई है वहीँ दूसरी और कोसी अपनी तेज धार से विभिन्य महत्वपूर्ण स्परों के आसपास तेजी से कटाव करने के साथ--साथ पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर बसे गाँवों में भी कहर बरपाते हुए थोक में घरों को लीलना शुरू कर दिया है.सैंकड़ों लोग अभीतक बेघर हो चुके हैं.अभी बरसात ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू भी नहीं किया है लेकिन इससे बेखबर बौरायी कोसी बर्बादी का विगुल फूंक चुकी है.इस बार शुरूआती समय में ही कोसी तटबंध के लगभग करीब आकर बह रही है लेकिन सम्बद्ध विभाग और जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ निरोधात्मक काम में कहीं से कोई तेजी नहीं दिखाई जा रही है.यह एक बड़ी लापरवाही है जो किसी बड़े खतरे को खुला निमंत्रण दे रहा है.
अभी शुरूआती समय है जब कोसी महज अंगडाई लेती है.लेकिन इस बार शुरू में ही कोसी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है.सनद रहे की कोसी की लपलपाती और नाग की तरह फन काढ़े रहने वाली धार को हमें आगे झेलना है.अभी कोसी ने पूर्वी तटबंध के भीतर नवहट्टा प्रखंड के नारायणपुर और बिरजाईन गाँव के साथ--साथ महिषी प्रखंड के बघौर और बलथखा गाँव में कहर बरपाना शुरू किया है.कोसी ने जहां नवहट्टा प्रखंड के नारायणपुर और बिरजाईन गाँव के ढाई दर्जन गाँव को अपने में समा लिया है वहीँ महिषी प्रखंड के बघौर और बलथखा गाँव में भी करीब ढाई दर्जन घरों को लीला है.सैंकड़ों लोग माल--मवेशी को लेकर सुरक्षित ठिकानों की तरफ गाँव से बेघर होकर भाग चुके हैं.अभी तो कोसी ने महज सरगोशी की है.आगे कोसी की मजबूत दस्तक फिर उसके बाद उसकी फुंफकार का वक्त आएगा.आप खुद अंदाजा लगाईये की तबाही का वह कितना खौफनाक मंजर होगा.